What is vehicle scrap policy in India?

       Vehicle scrap policy क्या है?

Vehicle scrap policy
Vehicle Scrap Policy

सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) ने जारी के अधिसुचना के नुसार 1 अक्टुबर, 2024 के बाद 15 साल पुराने वाहनोंके लिए भारत सरकार ने पुरानी वाहनों के लिए Vehicle scrap policy जारी की है। जिसके मुताबिक ATS (Automate Testing Station) द्वारा फीटनेस सर्टीफिकेट लेना अनिवार्य है। जो वाहन इस टेस्ट मे फेल होगी वह स्क्रॅप करना अनिवार्य रहेगी।

What is the meaning of voluntary vehicle scrappage policy? (VVMP)

         पुरानी वाहनों के वजह से होनेवाला प्रदुषण रोकने के लिए अयोग्य (unfit) वाहनों और प्रदुषण करने वाले वाहनों को चलने से रोककर उनको scrap करने के लिए vehicle scrap policy जारी की है। उसके तहत स्वैच्छिक वाहन-बेड़ा आधुनिकीकरण कार्यक्रम Voluntary vehicle-fleet Modernization Program (VVMP) कहा जाता है।

इस काय्रक्रम का मुख्य उद्देश
  1. करीबन 1 करोड वाहन जो फिट नही है और उनका रजिस्ट्रेशन नही करवाया गया है। ऐसे वाहनों को (scrap) स्क्रॅप किया जाये।
    1. Auto Industries – वाहन उदयोग क्षेत्र मे रोजगार बढाने के लिए उनकी बिक्री बढना जरुरी है। जब पुराने वाहन स्क्रॅप (scrap) मे जायेगी तो लोग नई खरीदेंगे।
    1. पुराने वाहन मायलेज कम देते है। इसी कारन इंधन जादा खत्म होता है। जैसे ही वाहन पुराने होते है, उनकी मेंटेनन्स का खर्च बढ जाता है। उपभोक्ता का खर्च कम हो सकता है।
    1. जो विदयमान स्क्रॅप (scrap) पॉलीसी है, उसे एक नया रुप देकर उस इंडस्ट्री को बढावा मिलेगा।
    1. इये वाहन की मांग बढने पर उसपर निर्भर अन्य उदयोग जैसे स्टील, इलेक्ट्रॉनिक्स और कच्चे माल की उपलब्धता करने वाले उदयोग इनकी मांग बढेगी।

What is Benefit of Scraping policy?

Scrap policy

इस पॉलीसी के फायदे क्या है।

           पुरानी गाडी के कारण होने वाली प्रदुषण की 15 से 20 प्रतिशत घटौती होगी। सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार का के मुताबिक पुरानी 1 ट्रक/बस/ट्रेलर (heavy vehicle) 14 नये ट्रक मे बराबर उत्सर्जन करता है। और पुरानी LMV (Light Moter Vehicle) कार/जीप इ. 1 पुरानी कार 11 नयी कारें के बराबर उत्सर्जन करती है।

           इस पॉलीसी के तहत 45 लाख मध्यम और भारी वाहन स्क्रॅप मे जायेंगे। और LMV (Light Moter Vehicle) कार/जीप इ 75 लाख स्क्रॅप करनी होगी। यह आंकडा देख कर ऐसा लगता है की, आनेवाले कुछ ही सालों मे भारत के सडक पर नई कारे जादा दिखाई देगी। और हवा और आवाज का प्रदुषण मे कमी आ सकती है।

          लेकीन भारत की बढती आबादी और प्रतीव्यक्ती बढती आय को देखते इस पॉलीसी से कितना फायदा होने वाला है, ये तो आनेवाले कुछ सालो मे पता केंद्रीय चल जायेगा।

 Which cars will be scrapped in India?

          सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) की 24 नवम्बर, 2022 की अधिसूचना के नुसार केंद्रीय सभी सरकारी वाहन जो 15 साल हो चुके है, उन्हे 1 अप्रैल, 2023 के बाद स्क्रॅप करा दिया जायेगा। जिनमे निचे दिये गये विभाग आते है।

1 केंद्र सरकार और उसके विभाग

  1. राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों और उनकके विभाग
  2. स्थानीय सरकारी संस्थाओं, अर्थात नगर निगम या नगर पालिकाएँ या पंचायतें
  3. राज्य परिवहन उपक्र्रम
  4. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम
  5. केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के संबध्द स्वायत्त निकाय

Automated testing stations in India

             अब सभी वाहनों को ATS (Automoted Testing Station) द्वारा फीटनेस सर्टीफिकेट लेना अनिवार्य है। वाणिज्य वाहन(commercial vehicle) के पंजीकरण का फीटनेस प्रमाणपत्र से लिंक किया जायेगा। और पहले 8 साल तक हर दो-दो सालों मे और उसके बाद हर साल फीटनेस टेस्ट करना अनिवार्य है।

क्या मैं भारत में 15 साल पुरानी कार खरीद सकता हूं?

             लेकीन (private) निजी वाहनों के लिए 15 साल के बाद फीटनेस सर्टीफीकेट लेना अनिवार्य है। पंधरह साल के बाद अगर फीटनेस सर्टीफिकेट अगले 5 सालों के लिए दिया जायेगा। 1एप्रैल, 2023 से भारी वाणिज्य वाहन (Heavy Commercial Vehicle)  के मालिक को फीटनेस सर्टीफिकेट ATS (Automoted Testing Station) द्वारा फीटनेस सर्टीफिकेट लेना अनिवार्य किया था। और अन्य वाहन जैसे वाणिज्य वाहन और निजी वाहनों के लिए 1 जुन, 2023 से ATS (Automoted Testing Station) द्वारा फीटनेस सर्टीफिकेट लेना अनिवार्य है।

            लेकीन देशभर मे केवल उत्तराखंड और गुजरात इन 2 राज्योंमे ATS (Automoted Testing Station) शुरु हो चुकी है। इसलिए 29 मार्च, 2023 के अधिसुचना के अनुसार 15 साल पुराने (commercial) वाणिज्य वाहनों को फीटनेस टेस्ट करने और रिनीवल करने के लिए देश मे पर्याप्त ATS (Automoted Testing Station) उपलब्ध न होने के कारण सभी वाहनों के लिए 1 अक्टुबर, 2024 तक राहत दि गयी है। मतलब 1 अक्टुबर, 2024 के बाद सभी वाहनों को ATS (Automoted Testing Station) द्वारा फिटनेस टेस्ट करना अनिवार्य रहेगा।

Commercial vehicle (truck, bus, etc) वाणिज्य वाहनोंका रिनीवल करने के लिए कितना खर्च आता है?

वाहनों के प्रकार1 अप्रैल, 2023 के पहले का फीस1 अप्रैल, 2023 के बाद की फीस
फीटनेस टेस्टरिनीवल की राशीफीटनेस टेस्टरिनीवल की राशी
LMV (कार, जीप, इ.)Rs.600Rs.200Rs.1000Rs.7500
Medium Goods/ Passanger vehicle (ट्रक, बस)Rs.1000Rs.200Rs.1300Rs.10000
Heavy Goods/ Passanger vehicle(ट्रक, बस)Rs.1000Rs.200Rs.1500Rs.12500
renewal cost of Vehicle after 15 years

दिल्ली एनसीआर मे National Green Tribunal के आदेश नुसार पेट्रोल गाडी 15 साल के बाद और डिजेल गाडी 10 साल के बाद रिनीवल नही होती।

15 साल पुरानी गाड़ी का क्या होता है?

15 साल पुरानी वाहनों की एक बार टेस्ट करने के बाद अगर टेस्ट मे पास होती है तो उसको फीर से एक बार टेस्ट करने की अनुमती दि जाती है। और उसमे अगर पास हो जाती है तो अगले 5 साल तक उसकी परमिशन मिल जाती है। पर अगर टेस्ट मे फेल हो जाती है तुरन्त  स्क्रॅप के लिए देना पडेगा।

15 साल पुराने निजी वाहनों का रिनीवल क्या हो जाता है?
15 साल पुराने (private) निजी वाहनों का रिनीवल के लिए कितना खर्च पडता है।
वाहनों के प्रकार1 अप्रैल, 2023 के पहले का फीस1 अप्रैल, 2023 के बाद की फीस
फीटनेस टेस्टरिनीवल की राशीफीटनेस टेस्टरिनीवल की राशी
LMV (कार, जीप, इ.)60060010005000
15 years vehicle (car) Fees for renewal
What is advantages of scrapping policy in India?

पॉलीसी के फायदे क्या है?

  1. पुराने वाहन को स्क्रॅप सेंटर पर स्क्रॅप करने और नई गाडी खरीदते है तो नई गाडी के ex-showroom price पर 4-6 प्रतीशत किमत मालिक को मिल सकता है।
    1. नयी गाडी की पंजीकरण फीस जो डिस्ट्रीब्युटर गाडी खरीदते समय लगाते है। उसपर छुट मिलेगी अगर पुरानी गाडी का स्क्रॅप सर्टीफिकेट देते है।
    1. नयी गाडी के किमत पर निजी वांहनों के लिए 25 प्रतिशत तक छुट मिल जायेगी। और कमर्शियल वाहनों  के लिए 15 प्रतिशत छुट मिल जायेगी।

निष्कर्ष – Conclusion

       भारत सरकार की इस वेबसाईट पर दी गयी सुचना के अनुसार 15 साल पुरानी गाडी लेना सही नही है। अगर आपका बजट कम है, और आपकी जरुरत के लिए लेना ही चाहते है तो कमसे कम दाम मे ले।अगर आपको पुरानी गाडी खरीदना है, तो आपको इसके सिवाए कौन कौन सी पाँईट चेक करना है ये चेक करे।

Best car insurance policy pros & cons

CAR INSURANCE policy क्या है?

car insurance

मानलो कोई इन्सान गाडी चला रहा है। उसने किसी दुसरे इन्सान को गाडी से उडा दिया, या फिर किसी के प्रॉपर्टी का नुकसान किया है। या खुद की गाडी का नुकसान हुआ है। ऐसे स्थिती मे नुकसान उठाने के लिए इन्शुरन्स कंपनी कुछ किस्त लेकर जिम्मेदारी लेती है। हालाकी उसमे काफी सारे नियम होते है।

Car Insurance – कार का इंश्योरेंस कितने रुपए का होता है?

Car Insurance क्या है?

         जैसे किसी इन्सान का इन्शोरन्स होता है।किसी प्रापर्टीका इन्शोरन्स होता है। घर,दुकान या अन्य किसी तरह की प्रॉपर्टी होती है।उसी तरह कार का इन्शोरन्स होता है। car insurance premium यानी किस्त गाडी के IDV (Insured Declared Value) पर निर्भर करता है। कमसे कम 2000 रु से 12000 रु तक या उससे भी जादा हो सकता है। IDV (Insured
Declared Value
) क्या है? इन्शोरन्स कंपनी जो किस्त लेकर गाडी का नुकसान होने पर या चोरी होने पर जो राशी उपभोक्ता को देने की जिम्मेवारी लेती (claim) है उस राशी को IDV (Insured Declared Value) कहा जाता है। 

          यह राशी गाडी के प्रकार (types of cars) पर और गाडी के शोरुम किमत (ex showroom price) पर निर्भर करती है। हर साल यह राशी कम होती रहती है। IDV= गाडी की किमतगाडी की उम्रहास (depreciation) इसके अलावा अगर गाडी मे Accessories लगवाई है, तो उसका भी depreciation होता है। कार इन्शोरन्स मतलब गाडी की वह किमत जो इन्शोरन्स कंपनी गाडी की नुकसान होने पर देने वाली है। उसी को IDV कहा जाता है। अगर आप ऑनलाईन पॉलीसी लेते है, तो आप IDV कम जादा कर सकते है।

          ऑफलाईन करने पर एजंट गाडी की जाँच करके ही किस्त तय करते है। IDV कम करने से गाडी के मालिक का नुकसान हो सकता है। IDV कम करने से किस्त कम जाता है। लेकीन अगर गाडी का नुकसान हो जाता है, या फिर क्लेम के लिए दावा करते है, तब IDV कम होने से उतनीही भरपाई मिलती है। जितनीकी किस्त भरी थी।

Insurance types

  • First party insurance – अगर कोई गाडी चला रहा है। और उसका accident होता है। उससे काफी नुकसान हुआ है। या जिवीत हानी होती है। तो उसकी भरपाई केवल कव्हर करती है, उसे first party insurance कहा जाता है।
  • Second party insurance – जो कंम्पनी कुछ किस्त लेकर गाडी चलाने वाले की और उस गाडी के नुकसान की जिम्मेवारी लेते है, उन्हे Second party insurance कहा जाता है।
  • Third party insurance – ये policy सब गाडी के लिए अनिवार्य है। आपके पास गाडी है तो आपको कमसे कम ये पॉलीसी लेनी जरुरी है। अगर ये पॉलीसी नही है, तो टाफीक पुलिस आपसे चालान काट लेंगे लेकीन केवल चालान से बचने के लिए नही बल्की आपको इसके कई सारे फायदे मिलते है। मानलो एक मिडल क्लास इन्सान लोन पर छोटीसी गाडी खरीदता है। बदकिस्मतसे उसका Accident हो जाता है। सामने वाली गाडी को ठोक देता है। यह गाडी काफी किमती होती है। अब उसका खर्चा भी तो जादा होता है। लेकीन यह बंदा उतना खर्चा सह नही पायेगा। तो इस स्थिती मे इन्शुरन्स कंपनी जिम्मेवारी लेती है और उसका नुकसान का पैसा देती है।

 इस पॉलीसी के 3 फायदे है। 1. अगर किसी ने सामने वाली गाडी को ठोक दिया है। उस गाडी का काफी नुकसान हुआ है। वो cover होता है। 2. सामनेवाले डायव्हर जखमी होता है। या फिर उसकी मौत हो जाती है। ये सब कव्हर होता है। 3. इसके अलावा P.A.C. मतलब Personal Accident Cover होता है। इसका मतलब जो गाडी चलानेवाला होता है, उसको अगर कोई major injury or death हो जाती है। तो इसका आर्थिक सहारा मिल जाता है।

Third Party Insurance लेने पर कितनी राशी भरपाई मिलती है?

Third Party Insurance का क्लेम करते वक्त उनके कुछ नियम होते है। अगर सामनेवाली गाडी का नुकसान होता है तो कंपनी उनके terms & condition के नुसार fix राशी भरपाई देती है। लेकीन अकर जिवीतहानी होती है। तो उसके लिए राशी की कोई मर्यादा नही होती है।

5 Best Car insurance Policy in India 2023 – भारत मे सबसे बेहतरीन कार इंश्योरेंस पॉलिसी कौनसी है?

car insurance
car insurance

Car Insurance Online, 21वी सदी में एक कार होना हर परिवार की जरुरत बन चुकी है और हम मिडिल क्लास लोग काफी मेहनत से नयी या purani gadi कार खरीदते है| लेकिन अचानक से हुआ रोड एक्सीडेंट, गाड़ी चोरी हो जाना या फिर कुदरती घटनाओं की वजह से कई बार ग्राहकों को अपनी कार से हाथ धो बैठना पड़ता है, या फिर उसे रिपेयर करवाने का खर्चा करना मुश्किल हो जाता है|

इसलिए अपनी New या Second Hand Car के लिए भी Vehicle Insurance लेना काफी जरुरी है, ताकि अगर किसी कारण से गाड़ी का नुस्कान होता है तो इंश्योरेंस कंपनी से आप Financial Coverage ले पाए| इसलिए यहां हम आपको भारत की टॉप 5 कार बीमा पॉलिसी के बारे में बता रहे है, तो पूरा लेख जरुर पढियेगा|

कार इंश्योरेंस चुनने वक्त ध्यान में रखने वाली बातें – Factors to Consider While Choosing Car Insurance

ईंधन का प्रकार – अगर आपके पास डीजल कार है तो आपके इंश्योरेंस की प्रीमियम पेट्रोल कार से ज्यादा आएगी, क्योंकि डीजल इंजन वाली गाड़ियाँ महँगी होती है और उनकी IDV (Insured Declared Value) भी ज्यादा होती है इसलिए उनका बीमा थोडा महंगा पड़ता है|

कवरेज के प्रकारआप जिस प्रकार की कवरेज चुनेंगे, इंश्योरेंस की प्रीमियम उसी हिसाब से कम ज्यादा होगी, लेकिन हम आपको कुछ पैसे बचाने के लिए जरुरी कवरेज के प्रकारों को त्यागने की सलाह नहीं देंगे|

थर्ड पार्टी इंश्योरेंसइंडियन रोड सेफ्टी एक्ट और इंडियन मोटर व्हीकल्स एक्ट के मुताबिक किसी भी गाड़ी को सड़क पर चलाने के लिए उसका थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होना जरुरी है|

मार्केट रिसर्च एक सही इंश्योरेंस प्लान चुनने से पहले आपको मार्केट में मौजूद कुछ Insurance Policies को स्टडी करना चाहिए, फिर निर्णय लेना चाहिए|

5 बेहतरीन कार बीमा पॉलिसी – Top 5 Car Insurance Policies of 2023

भारत में मौजूद 5 लोकप्रिय कार इंश्योरेंस पॉलिसी निम्न मुताबिक़ है|

1. Bajaj Allianz Car Insurance

साल 2001 से आज तक Bajaj Allianz के Car Insurance Plans को देश के लाखों कस्टमर्स ने पसंद किया है| क्योंकि कंपनी अपने कस्टमर्स आपातकालीन स्थिति में तुरंत सहायता करती है और इनकी इंश्योरेंस पॉलिसीज Affordable भी होती है| Bajaj Allianz के कुछ ख़ास फीचर्स निम्न मुताबिक़ है|

  • गेराज नेटवर्क से 24×365 सपोर्ट
  • इंश्योरेंस खरीदना और रिन्यू करना आसान  
  • किसी भी एक्स्ट्रा चार्ज बिना कैशलेस क्लेम विकल्प उपलब्ध
  • लॉक एंड की रिप्लेसमेंट कवर

Things They Cover:

  • कुदरती आपदाओं के खिलाफ कवर
  • Personal Accidents के खिलाफ कवर
  • Man-Made Disasters के खिलाफ कवर
  • थर्ड पार्टी लीगल लायबिलिटी

2. ICICI Lombard Car Insurance

भारत में नयी के साथ पुरानी गाड़ी खरीदने वाले ग्राहकों के बीच भी ICICI Lombard काफी लोकप्रिय है| क्योंकि इंश्योरेंस पॉलिसीज को ट्रान्सफर करना काफी आसान होता है, जिसके अलावा इनकी निम्न विशेषताएँ है|

  • इंश्योरेंस को रिन्यू करना बेहद आसान
  • 4600 गेराज के बड़े नेटवर्क पर कैशलेस सुविधा उपलब्ध
  • रोडसाइड असिस्टेंस खरीदना आसान
  • No Claim Bonus फीचर से रिन्यू के वक्त करीब 50% तक प्रीमियम में डिस्काउंट

Things They Cover:

  • भूकंप, बाढ़, आग और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ कवर
  • चोरी, एक्सीडेंट, टेररिज्म के खिलाफ कवर
  • इंस्टेंट क्लेम सेटलमेंट

3. Digit Car Insurance

2023 में ग्राहक डिजिट कार इंश्योरेंस लेना काफी पसंद कर रहे है, क्योंकि डिजिट की आसान सेल्फ इंस्पेक्शन और मोटर क्लेम प्रोसीजर्स काफी फायदेमंद है| वहीं इस बीमा कंपनी की कुछ अन्य विशेषताएँ निम्न मुताबिक़ है|

  • कार पिकअप, ड्रॉप और रिपेयर सर्विसीज
  • 96% क्लेम सेटलमेंट रेश्यो
  • पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस उपलब्ध

Things They Cover:

  • नो क्लेम बोनस
  • थर्ड पार्टी कवरेज

4. Acko Car Insurance

इस car insurance online ब्रांड से आप कुछ ही स्टेप्स में अपनी कार की इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकते हो, वहीं Acko से Insured Car का Insurance Claim करना भी काफी आसान है, इसके अलावा Acko के कुछ फीचर्स निम्न मुताबिक है|

  • 24/7 इमरजेंसी असिस्टेंस
  • जीरो डेप्रिसिएशन विकल्प मौजूद
  • इंश्योरेंस खरीदना और रिन्यू करना आसान

Things They Cover:

  • थर्ड पार्टी कवरेज
  • 50% तक नो क्लेम बोनस

5. Cholamandalam MS Car Insurance

चोलामंडलम कंपनी के पास third-party, standalone own-damage और comprehensive coverage जैसे विभिन्न प्रकार के इंश्योरेंस प्लान्स उपलब्ध है| जिसमें से ग्राहक अपनी चुनिन्दा car insurance policy चुन सकता है, इसके अलावा चोलामंडलम इंश्योरेंस की कुछ विशेषताएँ निम्न मुताबिक़ है|

  • 24/7 कस्टमर सपोर्ट
  • क्लेम अमाउंट की Instant Disbursement 
  • जीरो डेप्रिसिएशन और नो क्लेम बोनस का विकल्प उपलब्ध

Things They Cover:

  • थर्ड पार्टी प्रॉपर्टी डैमेज
  • Natural और Man Made Disasters के खिलाफ कवरेज
  • चोलामंडलम के 6900 गेराज नेटवर्क पर कैशलेस क्लेम सेटलमेंट उपलब्ध
निष्कर्ष – Conclusion

तो ये थे हमारे हिसाब से 2023 में भारत के 5 सबसे बेहतरीन इंश्योरेंस| आखिर में हम आपको यही सलाह देंगे कि Vehicle Insurance लेने में कभी आलस मत कीजिये और मार्किट रिसर्च करके अपने लिए एक Best Car Insurance Policy चुनिए|

इंश्योरेंस और सेकंड हैंड कार्स से जुड़े अगर आपके कोई सवाल है तो आप हमसे कमेंट में पूछ सकते है, धन्यवाद|

भारत की 5 सबसे बेहतरीन सेकंड हैंड कार्स – Best Second Hand Cars to Buy in 2023

Best Second Hand Cars, भारत में Resale Cars का मार्केट काफी बड़ा है, क्योंकि जैसे ही हम Showroom से नयी गाड़ी लेकर निकलते है तो पहले ही साल में उसकी कीमत 10% से 15% गिर जाती है| वहीं देश के Karnataka और Tamilnadu जैसे राज्यों में नयी गाड़ी खरीदने पर Road Tax के रूप में मोटी रकम चुकानी पड़ती है| इन्ही कारणों से कुछ साल में Purani Gadi की कीमत नयी से आधे से भी कम हो जाती है|

best second hand car
cars

आपको best Second Hand Car खरीदने में मदद मिले, इसलिए इस लेख में हम आपको 5 Most Popular Used Cars के बारे में बता रहे है, तो पूरा लेख जरुर पढियेगा|

भारत में कौनसी सेकंड हैंड कार सबसे बेहतरीन है – Which car is best to buy a best second hand in India

1. Maruti Suzuki Swift  (best second hand cars in maruti)

Maruti swift
Maruti Suzuki Swift

USP – ज्यादा माइलेज, कम मेंटेनेंस कॉस्ट, स्टाइलिश लुक्स

साल 2005 में Maruti ने Swift को Launch किया था| तब से लेकर आज तक ये गाड़ी Hatchback Segment के मार्केट पर राज करती है| स्विफ्ट का First Gen Model 1.3 Litre के पेट्रोल इंजन के साथ लॉन्च हुआ था, वहीं Latest Gen Model 1.2 Litre के पेट्रोल इंजन के साथ आता है| Used Cars के मार्केट में अब Discontinue हो चुके Swift का 1.3 Litre Diesel Engine Model की काफी डिमांड है|

फीचर्स के मामले में मारुती सुजुकी स्विफ्ट, पावर स्टीयरिंग, पावर विंडो, एयरबैग, एबीएस और टच स्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम के साथ आती है|

2. Hyundai i10

Hundai I10

USP – इंजन परफॉरमेंस, लुक्स, रिलायबिलिटी

Hyundai की इस Hatchback Car ने Hatchback के New and Resale दोनों Segments में खूब लोकप्रियता हासिल की है| i10 अपने बड़े केबिन स्पेस, कम्फर्टेबल ड्राइविंग, स्मूथ इंजन और करीब 20 KMPL की बेहतरीन माइलेज की वजह से जानी जाती है|

इस गाड़ी में स्टाइलिश लुक्स के साथ मॉडर्न फीचर्स भी मिल जाते है, वहीं इसे मेन्टेन करना काफी आसान है, इसलिए Purani Gadi के मार्केट में Hyundai i10 हमेशा डिमांड में रहती है|

3. Maruti Suzuki Alto                               

Maruti Alto
Maruti Alto

USP – सस्ती कीमत, ज्यादा माइलेज, मारुति का भरोसा

हर साल कई महीने Best Selling Car की लिस्ट में Number 1 पर रहने वाली Alto का 800 और K10 दोनों मॉडल्स काफी best Second Hand Cars के मार्केट में काफी ज्यादा बिकते है| आप Second Hand Alto को 1,00,000 से लेकर 3,00,000 रुपये की कीमत में खरीद सकते है|

ALTO एक ऐसी Hatchback है| जिसे कम साइज़ की वजह से आप कहीं भी ले जा सकते हो, Petrol और CNG दोनों मॉडल्स बेहतरीन माइलेज मिलने की वजह से Daily Use के लिए इस्तेमाल कर सकते हो, Parts Availability होने की वजह से Local Garage में Service करवा सकते हो और जब बेचनी हो तो ALTO के लिए Customers खुद आपके पास दौड़े चले आते है| इसलिए ये कार करोड़ों भारतीयों की पहली पसंद है|

ये भी पढ़े – एक स्टेट से दुसरे स्टेट अपनी खरीदी old car कैसे ट्रान्सफर करे?

4. Honda Amaze

Honda amaze

USP – बड़ा लेग रूम, बेहतरीन सस्पेंशन, स्पोर्टी लुक्स

Amaze हौंडा की Entry Level Sedan है, जो मार्केट में Entry Level Sedans जैसे की Swift Dzire और Hyundai Aura को कड़ी टक्कर देती है| हौंडा की एमेज में Rear Passengers के लिए Spacious Leg Room मिलता है, वहीं इसमें मौजूद फीचर्स जैसे की ABS, Power Steering, Best in Class Suspensions और Comfortable Sitting इसे सिटी और लॉन्ग राइड के लिए बेहतरीन चुनाव बनाती है|

5. Toyota Innova

innova
Toyota Innova

USP – केबिन स्पेस, रिलायबिलिटी, इंजन परफॉरमेंस

अगर आपके परिवार में ज्यादा सदस्य है और आप अपने लिए एक 7 Seater MPV Car ख़रीदना चाहते है तो टोयोटा इन्नोवा आपके लिए Best Used Car in India हो सकती है| क्योंकि इस गाड़ी का मेंटेनेंस काफी कम है, रेगुलर सर्विस के साथ इंजन की उम्र काफी लम्बी है, माइलेज अच्छी है और केबिन भी काफी बड़ी है|

हालाकि यहाँ हम आपको एक ही सलाह देंगे की जब भी आप अपने Personal Use के लिए Toyota Innova खरीदें तो इस बात का जरुर ध्यान रखें की वो गाडी Taxi के तौर पर इस्तेमाल ना हुई हो, क्योंकि ऐसे में वो Purani Gadi ज्यादा चली हो सकती है और गाड़ी अच्छे से मेन्टेन ना हो, ऐसा भी हो सकता है|

निष्कर्ष – Conclusion

तो इन Top 5 best Second Hand Cars in India in 2023 में से आपकी पसंदीदा गाड़ी कौनसी है? कमेंट में जरुर बताइयेगा, और Used Cars एंड Resale Cars से जुड़ी ऐसी ही फायदेमंद जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग buy second hand cars पर विजिट करते रहिएगा, धन्यवाद|

एक स्टेट से दुसरे स्टेट अपनी खरीदी old car कैसे ट्रान्सफर करे? 6 point before vehicle Registration Number from One State to Another State

old car

Process of transfer of ownership of old car/used car.

एक स्टेट से old car दुसरे स्टेट transfer vehicle registration number करनी है, तो आपको जानकारी होनी जरुरी है। olx.in जैसे साईट पर Second hand cars in Delhi सर्च करेंगे तो आपको दिल्ली शहर की गाडी दिखाई देगी। उसी तरह आप किसी भी स्टेट की गाडी देख सकते है।  दिल्ली मे old car काफी सस्ती मिलती है। वहाँ पोलुशन जादा होने के कारण गाडी सिर्फ 10 साल चलने के बाद स्क्रॅप कर दी जाती है।

राजधानी दिल्ली मे सैकेंड हैंड गाडी सस्ती मिलती है। अगर आप दिल्ली जैसे अन्य कोई भी राज्य से गाडी खरीद कर अपनी राज्य मे गाडी ले जाते है, तो उसका दोबारा रजिस्ट्रेशन करना जरुरी होता है। या फीर कुछ लोगों की एक राज्य से दुसरे राज्य मे नौकरी ट्रान्सफर हो जाती है, तब अपनी अच्छी गाडी दुसरी जगह ले जाना पडता है। तब जरुरत होती है गाडी ट्रान्सफर करवाना।

अगर आपको purani gadi किसी राज्य मे अच्छी कंडीशन मे मिल रही है। जब की इस वेबसाईट पर दि गयी सब 16 पॉईंट पूरी तरह जाँच लि है, तो आपको अभी गाडी ट्रान्सफर करना जरुरी है। उसके लिए आपको निचे दिये गये document जरुरी होते है।

   6 points before transfer old car –

  1. गाडी की रजिस्ट्रेशन कार्ड (RC Book)
  2. गाडी का इन्शुरन्स (Insurance policy)
  3. PUC (Polltion Under Certificare)
  4. No Objection Certificate (NOC) जिस स्टेट से आप गाडी ट्रान्सफर कर रहे है, उसी स्‍टेट के RTO
  5. Chassis print
  6. Form 28 (4 copy)

इस तरह से आप document ready कर ने के बाद parivahan वेबसाईटपर अर्जी कर सकते है।  जिस स्टेट से आप गाडी ट्रान्सफर कर रहे हो,उस स्टेट के RTO का आपको NOC जरुरी होता है। उसकी भी मुदत होती है। आपको दिये गये समय मे ही पुरी प्रोसेस करनी पडेगी। जैसे की अगर आप Delhi से Mumbai गाडी ला रहे है। तो पहले आपको Delhi RTO की NOC लेनी है। उसके बाद आपको गाडी Mumbai मे लानी है। इस दौरान आपको रोड टॅक्स और सर्विस टॅक्स भरना पडता है।

हर स्टेट मे यह टॅक्स अलग अलग होता है। किसी स्टेट मे जादा तो किसी मे कम होता है। पहले वाले स्टेट मे जादा टॅक्स भरा है, तो जिस जगह ट्रान्सफर करना है उसी स्टेट मे आपको बचा टॅक्स वापस मिलता है। पर अगर जादा है तो आपको भरना पडता है। old car पर बँक का लोन है, तो आपको बँक भी NOC लेनी पडेगी।

जादातर LOAN PAID होने की बाद भी गाडी के RC BOOK पर बोजा उतरना पडता है। लोन खत्म होने के बाद बँक से लेटर लिखवाकर RTO मे खबर देनी पडती है। तब गाडी के RC BOOK पर आपका नाम आ जाता है। गाडी ट्रान्सफर करते समय इसका भी ध्यान रखना जरुरी है, वरना आपको बार बार पुरानी जगह चक्कर काटने पड सकते है।

old car लेते समय इन बातोंपर जादा ध्यान रखना पडता है। अगर आपके पास समय है, तो आप नई नई जगह जाकर गाडी देख सकते है। लेकीन पुरी सावधानी बरसनी जरुरी है। वरना कई चोरी की गाडी या कबाड भी मिल सकता है। इसलिए किसी मेकेनिक से जरुर सलाह ले।

अपने भरोसे का मेकेनिक रहेगा तो आपको सही सलाह देगा। इतना ही नही अगर आप नयी जगह ट्रान्सफर करने के बाद उसका नंबर भी बदल सकते है। जैसे की अगर गाडी delhi की है तो उसका रजिस्ट्रेशन नंबर DL से होगा। यह गाडी अगर आप महाराष्ट्र मे ट्रान्सफर करेंगे तो उसका नंबर MH कर सकते है। इसके लिए आप अपनी नजदीके RTO से संपर्क करे। old car अगर आपको पसंद आयी है, और आपके बजट मे है और आप खरीदने की सोच रहे है, तो आपको इस बातों का ध्यान जरुर रखना होगा।

एजंट से केवल गाडी ट्रान्सफर करना ही काम नही है।आपको इस बारे मे पुरी जानकारी होनी जरुरी  है। अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी तो जरुर लाईक और कमेंट करना।

New Tubeless tyre और normal tyre मे क्या फर्क है? 3 benefit of tubeless tyre.

tubeless tyre
tubeless tyre
cars tyre

What is the difference between a tubeless tyre and a normal tyre?

आज के तारीख मे नयी गाडी मे tubelss tyre ही आते है। पर अगर आपने (second hand cars) पुरानी गाडी खरीदी है तो आपको ये बात भी ध्यान मे रखना है की गाडी का टायर कौनसा है। टयुबलेस टायर है या नॉर्मल टायर है। टयुबलेस टायर मे टयुब नही होती। सिधे गाडी के ट्रीम पर टायर लगा रहता है। नॉर्मल टायर मे टयुब होती है। अब हम जानेंगे कौनसा टायर लगवाना सही है। उसके फायदे और नुकसान क्या है।

Advantages of tubeless Tyre

टयुबलेस टायर रही गाडी काफी स्मुथ चलती है। vibration काफी कम होता है। टायर का वजन कम रहता है, जिस कारण मायलेज अच्छा मिलता है। इसी कारण इंजन का लाईफ बढ जाता है। यह टायर अगर पंक्चर होता है फीर भी गाडी करीबन 10-12 कि.मि. तक भी जा सकती है। अपने घर तक या गैरेज तक गाडी जा सकती है। लेकीन normal टायर पंक्चर होनेपर तुरंत सब हवा निकल जाती है। जिस कारण गाडी आग नही चल सकती। tubeless tyre का पंक्चर निकालना काफी आसान है। केवल कुछ सोलुशन या स्टिक लगा के कम समय मे पंक्चर निकाल सकते है। लेकीन normal tyre मे काफी समय लगता है। गाडी की रिम खोलने पडती है।

यह टायर ठीक तरह बिठाना जरुरी है। वरना इसे नुकसान होने का संभव है। tubeless tyre butyle रबर से बनायी जाते है। जिस कारण हवा का निकलने की संभावना ना के बराबर होती है। यह टायर हलके होते है, जिस कारन इसकी मुव्हमेंट मे आसानी से होती है और पेट्रोल/डिजल का जलना कम होता है। गाडी चलते समय tubeless tyre नॉर्मल टायर के तुलना मे कम गरम होते है। उसी जादा तर टायर गरम होने के वजह से फटते है। यह टायर कम गरम होने से फटने का खतरा कम हो जाता है। आजकल nitrogen air भरते है। जिससे टायर की लाईफ और बढ जाती है। nitrogen air के बारेंमे इस वेबसाईट पर जादा जानकारी दि गयी है।

Disadvantages of tubeless tyre – टयुबलेस टायर रिम बिठाना सभी मेकेनिक को संभव नही होता। इसके लिए सही जानकारी होनी जरुरी है। टयुबलेस टायर अगर पंक्चर हो जाता है, तो ठीक भी करे फीर भी उसका लाईफ कम ही हो जाता है। नॉर्मल टायर के तुलना मे इसकी किमत भी जादा होती है।

भारत मे tubeless tyre बनानी वाली कंपनी MRF TYRE, फ्रान्स की कंपनी Michelin और जापान की bridgestone कंपनी के टायर सबसे जादा बिके जाते है। इसके अलावा और भी कंपनी की टयुबलेस टायर मिलते है। लेकीन MRF, Michelin, bridgestone  कंपनीयो की टायर की क्वालीटी अच्छी होती है।tubeless टायर मे हवा का दबाव हर हप्ते जाँच करना जरुरी है।

tubeless tyre

Conclusion of tubeless tyres –

Tubeless tyre सुरक्षित माना जाते है। इससे आपका पेट्रोल/डिजेल भी कम खर्च हो जाता है। यानी मायलेज अच्छा मिल जाता है। गाडी के इंजन का लाईफ बढ जाता है। अगर आपने purani gadi खरीदी है, तो इस बात पे जरुर ध्यान दे। गाडी खरीदते समय टायर कौनसी है। अगर टयुबलेस टायर नही है, लेकीन उसका रिंग टयुबलेस टायर लगवाने के लायक है तो आप टायर लगवा सकते है। लेकीन उसका खर्चा ग्रहण कर किमत तय करे। purani gadi खरदीते समय कमसे कम 16 पॉईंट ध्यान रखना जरुरी है।

What are the disadvantages of using cell phones while driving? गाडी चलाते समय फोन का इस्तेमाल बिलकुल ना करे।

disadvantages of using cell phone while driving
mobile phone disadvantage

disadvantages of using cell phones while driving

क्या आप जानते है disadvantages of using cell phones while driving ? दोस्तो अगर आपने नयी कार खरीदी है, या  फिर सिखने के लिए पुरानी गाडी खरीदी है, तो आपको सुरक्षित गाडी चलानी है। ड्रायव्हिंग के नियम अनुसार आपको गाडी चलाते समय मोबाईल फोन का इस्तेमाल नही करना चाहिए।

फिर भी लोग गाडी चलाते समय फोन का इस्तेमाल करते है। हालाकी ये गैरकानुनी है। इन्सानों के लिए कानुन बनाने पडते है। क्यूंकी इससे दुसरों को नुकसान ना पहुंचे। लेकीन लोग मानते नही है। इसका अगर विश्लेषण करे तो हर साल भारत मे ड्रायविंग समय मोबाईल इस्तेमाल करने से हुई दुर्घटना के कारण करीबन 1.5 लाख लोगोंकी मौत होती है।

            सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) का सन 2021 का भारत का सडक दुर्घटना रिपोर्ट प्रदर्शित हुआ है। जिसमे सन 2021 मे वाहन चलाते समय मोबाईल फोन के इस्तेमाल के कारण कुल 1997 सडक दुर्घटना हुई है। जिनमे से 1040 लोगों की जान चली गयी है। गाडी चलाते समय मोबाईल का इस्तेमाल कितना घातक है, यह इन आंकडोसे पता चलता है। यह गाडी चलाते समय मोबाईल इस्तेमाल करने का disadvantages of cell phone while driving आपको ध्यान मे रखना जरुरी है।

             रिपोर्ट मे आगे लिखा है, लोग सिग्नल तोडने से हुई 555 दुर्घटना के कारण 222 लोगों की जान चली गयी है। जबकी रास्ते मे गड्ढो कारण हुई दुर्घटना मे 1481 लोगोंकी मौत हो चुकी है। कुल मिला कर सन 2021 मे 412432 दुर्घटनाऍ हो चुकी है। जिनमे 153972 लोगों की मौत हुई है और 384448 लोग घायल हुये है।        

          यंह आंकडा हमे बताता है, की हमे ड्रायविंग करते समय सावधानी बरसनी जरुरी है। इसमे दो पक्ष है। एक तो आपको गाडी चलाते वक्त नियमों का पालन करना सक्त जरुरी है। और दुसरी बात अगर आप गाडी सिखने के लिए पुरानी गाडी लेते है, तो आपको सही जाँच करके लेनी चाहिए। पुरानी गाडी लेते समय कौनसे पॉईंट चेक करने है, यह इस वेबसाईट पर दिये गये है। क्यूँकी अगर गाडी मे कुछ फॉल्ट होगा उसी कारण भी गाडी कंट्रोल नही हो पायेगी, जो दुघटना का कारण बन सकती है।

Nitrogen vs air in tires – क्या गाडी  के टायर मे nitrogen air भरना सही है या नही?

आप जानना चाहते है क्या फर्क है Nitrogen vs air in tires। कुछ साल पहले हर एक गाडी मे साधारण हवा भरी जाती थी। पर अब nitrogen gas के पम्प भी दिखाई देते है। साधारण हवा के तुलना मे nitrogen air टायर मे भरना महंगा होता है। तो लोगों के मन मे ये सवाल आता है,  कि वे अपनी गाडी के टायर मे कौनसी हवा भरे? Nitrogen vs air in tires या साधारण हवा.

Nitrogen vs air in tires
Nitrogen VS air in tyres

               जब गाडी के टायर मे साधारण हवा भरी जाती है, तो हवा मे जो अणु होते है वो अंदर जाते है। जिसमे nitrogen 78% oxigen 21% और अन्य वायु 1% होते है। साधारण हवा मे ऑक्सीजन 21 प्रतिशत होती है। ऑक्सीजन के अणु नायट्रोजन के तुलना मे छोटे होते है। जब गाडी चलती है तब यह ऑक्सीजन के अणु बाहर निकलने के मात्रा जादा होता है।

इसलिए आपको हर हप्ते अगर गाडी नही भी चली तो भी हवा चेक करना जरुरी होता है। इसके अलावा नायट्रोजन के अणु ऑक्सीजन के अणु से बडे होने के कारण बाहर निकलने का प्रमाण कम होता है। इसलिए नायट्रोजन गॅस जादा दिनो तक टायर मे रहती है। अगर साधारण हवा 15 से 20 दिनों तक टायर रहती है, तो nitrogen हवा 3 से 4 महिनों तक रहती है।

Nitrogen air in tires – Nitrogen vs air in tires

गाडी रास्ते पे चलती समय उसका टायर जमीन पर घीसते है, तो उनका तापमान बढ जाता है। टायर मे ऑक्सीजन की मात्रा मौजुद होने के कारण जादा तापमान बढ जाता है। जिस कारण टायर का आयु कम होता है। इसके विरुध अगर nitrogen air अगर टायर मे भरते है, तो नायट्रोजन का गुणधर्म है ठंडा होने के कारण टायर मे जादा तापमान नही बढता। तापमान बढने से टायर मे आनेवाली स्क्रॅम्प नही आते है और टायर का लाईफ बढ जाता है।

            साधारण हवा मे नायट्रोजन के साथ अन्य हवा भी टायर मे जाती है, उस कारण एक गिलापन अंदर आता है। जो टायर का अंदरुनी भाग खराब होने के साथ रिम को जंग पकडने मे कारन बन जाता है। नायट्रोजन हवा सुखी होने के कारण अंदर से गिलापन नही होता। नायट्रोजन गॅस भरने से टायर मे हवा सही मात्रा मे रहने से गाडी का माईलेज बढ जाता है। गाडी के टायर का प्रेशर सही होने से अन्य पार्ट पर दबाव नही बढता।

Nitrogen air pump near me

अगर आप नई जगह सफर कर रहे है, तो google map पर nitrogen air pump near me सर्च करेंगे तो आपको नजदीका पंप मिलेगा। अगर आपको अपनी गाडी मे nitrogen air भरना है, तो पहले साधारण हवा पुरी तरह से निकाल देनी चाहिए। साधारण हवा के साथ नायट्रोजन हवा मिक्स ना करे। वरना आपको उसका फायदा नही मिलेगा।

साधारण हवा के तुलना मे नायट्रोजन हवा महंगी होती है। कई पेट्रोल पंप पर साधारण हवा मुफ्त मे भरी जाती है। नायट्रोजन हवा भरने के लिए जादा पैसे देने पडते है।

गाडी के टायर मे क्या नायट्रोजन हवा भरने से पंक्चर होने का संभव कम है?

टायर पंक्चर होने से इन दोनो हवा मे काई संबंध नही है।

          तो अगर आपके मन मे ये सवाल है की, गाडी के टायर मे nitrogen air भरना है या नही? तो ये निर्भर करता है, आपके जरुरत के नुसार। अगर आपकी दो पैयो वाली गाडी है तो उसमे नायट्रोजन गैस भरना कोई जरुरत नही है। क्यूँ की एक तो इसका इस्तेमाल कम होता है। इसका टायर भी जादा महंगा नही होता। अगर नायट्रोजन गैस की भरने की किमत और टायर का लाईफ का विचार किया जाय तो ये सही नही है। इसके सिवा अगर आपके पास कार है, जिसका एवरेज इस्तेमाल होता है तो उसमे भी नायट्रोजन गैस भरना जरुरी नही है।

लेकीन अगर स्पोर्टस कार या हेवी गाडी (types of cars) है तो इसमे नायट्रोजन गैस भरना फायदेमंद साबीत होगा। अगर गाडी 8 से 10 हजार कि.मी. महिनों मे चलती है, तो गाडी मे नायट्रोजन गैस भरना योग्य है। इसके सिवाय अगर गाडी का इस्तेमाल बहोत कम है, गाडी जादा दिनों तक एकही जगह पर खडी रहती है, तो नायट्रोजन हवा भरने से जादा दिनों टायर मे हवा बनी रहेगी। साधारण हवा के तुलना मे nitrogen air pump कम जगह उपलब्ध होता है।

Conlusion

Nitrogen vs air in tires – साधारण हवा के तुलना मे नायट्रोजन हवा काफी महंगी है। हर जगह उपलब्ध नही है। केवल heavy गाडी के लिए या फीर जादा चलने वाली गाडी के लिए सही है। साधारण हवा हर जगह आपको मिलेगी। एवरेज गाडी चलने के लिए ठीक है।

car keys – दो चाबी का और इन्शुरन्स क्लेम

cars key
cars key

car insurance claim ke liye 2 car keys hona jaruri hai – गाडी चोरी हो गयी है, तो क्लेम नही मिलेगा अगर आपके पास ये चीज नही है? – हर नयी गाडी जब आती है, तो कंपनी काडी के साथ दो चाबी देती है। अगर आप पुरानी गाडी खरीदते है, तो ये चीज ध्यान दे की दोनो चाबी आप पहले वाले वोनर से मांग ले। इसका फायदा इन्शुरन्स का क्लेम वक्त होता है। अगर किसी की गाडी चोरी होती है, तो पुलीस मे कंम्पलेट करना जरुरी है। उसके साथ साथ अगर गाडी का इन्शुरन्स है, तो इन्शुरन्स कंपनी को भी बताना जरुरी होता है।

क्युंकी जब आप इंन्शुरन्स लेते है, तो उसमे गाडी के चोरी का भी भरपाई का कवर होता है। मतलब अगर गाडी चोरी होती है, तो कंपनी उसकी भरपाई देना बंधन होता है। लेकीन उसके लिए ओनर को पुलीस की FIR, इन्शुरन्स के पेपर और तिसरी सबसे मेहत्वपूर्ण दो चाबी होना जरुरी है। जि हाँ इन्शुरन्स क्लेम के लिए अनिवार्य है। ये चीज जादातर लोगोंको पता नही रहती। अगर एक चाबी खो गयी है, तो उसका कंम्पेन्ट लिखवाना जरुरी है। अगर दुर्भाग्य से कही गाडी चोरी होती है, तो इन्शुरन्स क्लेम के लिए ये सब डॉक्यूमेंटस होना जरुरी है।

Best 5 car Accessories for your car

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Best 5 Car Accessories – अगर आपने Second hand car खरीदी है, तो उसको आप सझायेंगे तो आपको उसमे बैठने पर कुछ मजा जादा ही आयेगा। Car Accessories काफी बझार मे मिलती है। अगर आपने कम बजट मे कार खरीदी है, तो आपको Accessories पर थोडा बहुत खर्च करने मे कोई दिक्कत नही है। Car Accessories मे कुछ सही मे जरुरत होती है, पर कुछ नही होगी तो भी चलेगी। हमे जो सही लगती है, उसके बारे मे जानकारी देने की कोशिश की है।

1) Document Holder (Accessory) – कार की डॉक्यूमेंटस R.C., PUC certificate, Insurance आदी। अगर गाडी का कोई पार्ट जैसे बैटरी, टायर, इृ पार्ट आप नया डालते है, तो उनका वॉरंटी कार्ड आता है। R.C., PUC certificate, Insurance ये तीन की तो गाडी मे होना जरुरी है। कही अगर आपको ट्राफीक पुलिस ने गाडी रुकायी,और इन डॉक्यूमेंटस की मांग की, तो आपको दिखाना जरुरी होता है। इसी लिए गाडी मे ये तीन डॉक्यूमेंटस होना जरुरी है। अब इन डॉक्यूमेंटस को सही जगह रखना जरुरी है। कई खराब ना हो जाये। इसलीए एक Document Holder आप ले सकते है। तीनो डॉक्यूमेंटस आप इसमे रख सकते है। ये बीलकूल सुरक्षित रहेंगे।  इसकी किमत रु.300 से शुरु होती है।.

Document holder

2)  Car storage organizer – अगले दो सीटों के पीछे ये लगा सकते है। इसम कई सारे पॉकेट दिये जाते है। जिसमे आप अपना मोबाईल, पर्स, लॅपटॉप, पानी का बोतल, टिफीन, कार्ड, पेन, चार्जर इस तरह के जीचे संभाल कर रख सकते है। इसके अलावा इसे एक फोल्डेबल ट्रे दिया है। जिसका उपयोग खाना खाने के लिए/ या फिर अन्य काम के लिए कर सकते है। अगर आपके बच्चे छोटे है, तो ये उनको भी काम आयेगा। यह कमसे कम रु. 500 से आगे आपको मिल जायेगा।

3) mobile charger मोबाईल चार्जरपुरानी मॉडेल मे कई बार चार्जर नही होता है। जब की आज कल तो मोबाईल का इस्तेमाल काफी बढ गया है। इसी कारण अगर आप लंबे जगह जा रहे है, तो आपको मोबाईल की चार्जीग की जरुरत पढती है। अपनी गाडी मे इलेक्ट्रिक काम करने वाले मॅकेनिक से चार्जर लगवा सकते है। इसको आप जीस क्वालीटी का लेंगे उस तरह किमत मे मिलता है।

4) Puncture निकालने वाला सामान – अगर आप लाँग ड्राईव्ह पे जा रहे है। जगह कुछ शहर से दूर है। अचानक आपके गाडी का टायर पंक्चर हो जाता है। पंक्चर आजकल गाडी का टायर टयुबलेस होता है। टयुबलेस यानी उसमे टयुब नही होती। सिधे टायर रिंग पर बिठाई जाती है। यह टायर अगर पंक्चर हो जाये तो उसका पंक्चर निकलना आसान होता है।

उसके लिए आपके पास तीन चिजे होना जरुरी होता है। पानी का बोतल जिसमे साबुन मिलाया जा सकता है, पंक्चर नोक और पंक्चर रस्सी। बस आपको सिर्फ साबुन का पानी टायर पर मारना है। जहाँ से गुब्बारे नजर आये, बस वही नोक लगा लो और उसमे पंक्चर केबल डाल दो। आपका काम बन जायेगा। यह तरीका इमर्जंसी मे काम आयेगा। इसकी किमत रु. 300 से लेकर रु.600 तक मिल जायेगा।

5) Tyre air filler pump– Bergmann Typhoon Heavy Duty Metal Car Tyre Inflator (Blue) -आपने पंक्चर तो निकाल लिया, लेकीन उसमे हवा कम है, तो इसके लिए  Air Pump मिलता है। Air pump  दो टाईप के होते है। गाडी के बॅटरी  पर चलने वाला और दुसरा अपने पैरो से चलाने वाला। अगर आपके घर मे साईकल या bike  है तो भी ये काम आयेगा।

लेकीन अगर आप कही long drive पर जा रहे है, तो यह सामान अपने गाडी मे जरुर रखे। शहर मे आपको पंक्चरवाला या अन्य सुविधा मिलती है। लेकी अगर आप off road जाते हो, तो शायद आपको मुसीबत का सामना करना पड सकता है। अगर आप manual pump  लेते है तो आपको 400-500 से लेकर 1000 रु. तक मिल जायेगा। और आप electric air pump लेते है, तो कमसे कम 2000 से लेकर 5000 तक मिल जायेगा।

इसके अलावा और कई accesories आती है, आप उनको भी गाडी मे रख सकते है। यह 5 best acccesories Interior मतलब अंदर से लगाने वाली है। इसके अलावा बाहर से लगाने वाले यानी exterior भी आती है। जिसके बारेमे हम आगे लिखेंगे।