गर्मी के मौसम मे कार चलाना काफी मुश्कील होता है, जब कार की एसी बंद Car AC Cooling Problems रहती है। या ठंडा कम होती है। अगर कार की vents से ठंडी हवा नही आर रही है, या कम आ रही है। तो कार की एसी मे कुछ गडबडी जरुर है। कार एसी की ठंडी हवा यात्री और ड्रायवर को सुरक्षित और आराम का एहसास दिलाती है। तो चले देखते है, किन वजह से कार की एसी ठंडी क्यॅूं नही होती है।
कार की एसी कैसे काम करती है यह अगर हम समझ जाये तो आपको उसकी वजह ढूँढने मे मदत होगी। कार की एसी मे कंप्रेसर, कुलींग कॉईल, फॅन, कंडेन्सर यह पार्ट होते है।
कार की एसी ठीक से नही चल रही तो उसके कुछ लक्षण हमे दिखाई देते है। Car air conditioning troubleshooting
Car AC issues
weak airflow – कार की एसी की ठंड हवा गाडी के अंदर भेजने का काम एक मोटर करती है। अगर इस मे खराबी है या उसपर धूल मिट्टी है तो हवा का प्रमाण कम आता है।
गरम हवा Car AC not blowing cold air – अगर एसी से ठंड हवा के वजह गरम हवा आ रही है, तो कम्प्रेसर मे खराबी है।
बदबू आना- अगर एसी से बदबू आ रही है, तो तुरंत मेकेनिक को दिखाना जरुरी है। वायर शॉर्ट हो चुकी है या अंदर पुरा जम कर गंदगी फंसी है।
एसी के अंदर से आवाज आना- अगर जादा मात्रा मे एसी आवाज कर रही है, तो उसकी बेअरींग या कम्प्रेसर की खराबी या फिर कही लूज कनेक्शन है।
जादा तर एसी मैकेनिक गैस लिकेज बताते है। लेकीन एक बार अगर गैस भरवाया तो जल्दी निकलता नही। अगर कही लिकेज है तो ही यह समस्या बार बार बाती है। रेडीएटर फॅन और केंडेन्सर जो फॅन के सामने लगा रहता है, उसे अगर आप बीच बीच मे पानी से धोते है, तो एसी ठंडा रहने का प्रमाण जादा रहता है। गाडी जब चलती है तभी इसपर धूल मिट्टी बैठ जाती है जिस कारण ठंडा होने मे दिक्कत आती है।
ध्यान रहे Car AC Cooling Problems बडी है तो घर पर न करे। किसी अच्छे मेकेनिक से काम करावाये। लेकीन अगर आपको थोडी जानकारी है, तो आपको खर्चे का अंदाजा आयेगा। इस वेबसाईट Common car AC problems पर मेहत्वपूर्ण जानकारी दि गयी है।
आपके कार को रखे हमेशा साफ dust cleaning brush for car
कार पर धुल मिट्टी तो आती है। हम रोज रोज तो नही धो सकते। इसलिए एक ऐसा ब्रश जो कपडे से बेहतर है। जिनके पास कार है, वो सभी जानते है की कार कितनी भी बार साफ रखे उसपर धुल मिट्टी जमही आती ही है। अब रोज रोज तो हम car washing सेंटर पर तो नही देंगे। आजकल तो सारे लोग बिजी रहते है। जब गाडी निकलने का समय आता है, तब पता चलता है गाडी पर धुल मिट्टी जम कर बैठी है। उसपर कुछ क्रियेटीव लोग या बच्चे उंगली से डिजाईन करते, नाम लिखते है। यह सब देख आप परेशान हो जाते है। कपडे से पोंछ ना चाहो तो काफी टाईम लग जाता है। इसका इलाज है dust cleaning brush for car.
How do you clean dust out of a car?
बजार मे dust cleaning brush for car मिलते है। इसे केवल कार को साफ करने के लिए बनाया जाता है। इसके ब्रिस्टल्स मुलायम होते है। कार के कलर को कोई नुकसान ना पहॅुंचे इसलिए ब्रिस्टल पर मोम जैसी केमीकल का इस्तेमाल किया जाता है। इसे लंबा स्टिक होने के कारन कार के उपरी हिस्सा और अंदरुनी भी साफ किया जा सकता है।
What brush is safe for car paint?
कार का रंग पर कोई नोकिली चीज रगडी जाये तो उसपर निशान बन जाते है। इसलिए जब हम कपडे से गाडी को साफ करते है तभी जो छोटे छोटे मिट्टी/पत्थर के कण होते है जो गाडी के कांच और अन्य हिस्सेपर कपडे से रगडे जाते है। जिस कारण निशान बन जाते है। कांच पर स्क्रॅचेस आनेसे कांच जल्दी खराब होने लगती है। धुंदला दिखाई देता है। इसलिए सामान्य कपडे के बजाए microfiber कपडा इस्तेमाल करे। या फिर dust cleaning brush for car का इस्तेमाल करे। लेकीन बजार मे उपलब्ध सामान्य ब्रश ना ले। जिस ब्रश पर ब्रिस्टल होते है, वो microfiber से बने और उसपर केमीकल लगाया जाता है। इसकी पुरी जानकारी लेकर ही खरीदे।
Whick brush can I use for my car?
ऑनलाईन और अपनी नजीदीके दुकान पर dust cleaning brush for car मिल जायेगा। लेकीन अच्छी क्वालीटी का होना जरुरी है। जैसे की उपर बताया है। Jopasu car duster भी आप ऑनलाईन order कर सकते है। लेकीन इसके कुछ फायदे और कमीया भी है।
फायदे 1. इसके ब्रिस्टल पर कोटींग होने के कारण काफी मुलायम है। आपकी कार पर खरोच भी नही आयेगी.
2. इसकी स्टीक की लंबाई गाडी के उपरी और अंदरुनी सफाई आसानीसे कर सकते है।
3. आसानीसे और तुरंत सफाई कर सकते है।
4. इसे हम बार बार लंबे समय तक इस्तेमाल कर सकते है। जल्दी खराब नही होता।
कमी 1. इसके ब्रिस्टलपर केमीकल का लेयर है। इसी कारण यह ब्रश सिर्फ सुखा होनेपर ही इस्तेमाल करना है।
पानी से इसपर डस्ट चिपक जाती है, और इसीतरह इस्तेमाल करते है, तो खरोच आ सकती है।
2. इसके ब्रिस्टल सफेद रंग के होते है। जो इस्तेमाल के बाद मैले हो जाते है। और इसपर केमीकल का
आवरण रहने से इसको धो नही सकते। तो कुछही दिनों मे यह चीज गंदी नजर आने लगती है।
Conclusion – dust cleaning brush for car काम की चीज है। इसके फायदे है। आपकी गाडी को रखे साफ सुथरा। आसानी से इस्तेमाल कर सकते है।
गाडी चलानेसे पहले आपने यह चिजे जाँच ली है। check point before driving?
क्या आपकी गाडी सुरक्षित है?
सडक दुर्घटना की कई वजह हो सकती है। जैसे की ओवरटेक गलत तरीके से करना। जरुरत से जादा स्पीड के कारण ड्रायवर का कंट्रोल खो देना। टायर के फटनेसे गाडी की दुर्घटना। वाहन चलाने वाले ड्रायवर अगर नियमों का पालन करते है, और सावधानी से वाहन चलाते है, तो होनवाली दुर्घटना काफी मात्रा मे कम हो सकती है। भारत मे टायर के फटनेसे कार की दुर्घटना होती है? क्या वजह होती है। कभी सोचा है। केवल टायर की क्वालीटीही नही बल्की कुछ चीजें हमे भी ध्यान देना जरुरी है।
गाडी के टायर कब बदलना चाहिये? When tyre change?
आज हम बात कर रहे है। टायर के फटनेके कारण होनेवाली दुर्घटना। दोस्तो सोशल मिडीयापर आपने कई बार ऐसे दुर्घटना की विडीओ देखी होगी। लेकीन अगर थोडासा ध्यान दे कर अपने वाहन के टायर जाँच करते है, तो शायद ऐसी दुर्घटना से बच सकते है। टायर फटने के कई कारण होते है। जैसे की टायर पुरा घीसा हुआ है। टायर मे हवा कम है। टायर की क्वालीटी निजी स्तरपर है। रिमोल्ड टायर इस्तेमाल करना। यह सब जानने के लिए हमे टायर किस तरह जाँच लेना है, इसकी जानकारी होनी चाहीए।
क्या आपने कभी इसपर गौर से देखा है। टायर जो अंक होते है, उनका मतलब क्या होता है?
life of car tyres
टायर अंक होते है। जो टायर की बनाई तारीख होती है। जैसे की 0222 इस चार अंक मे पहले वाले दो अंक सप्ताह बताते है, और बाकी दो अंक साल के होते है। इस अंक मे 02 यानी साल का दुसरा सप्ताह जनवरी का दुसरा सप्ताह और साल 2022। नयी टायर खरीदनेसे पहले इस पर ध्यान दे। दो साल से जादा पुराना टायर ना खरीदे।
इसके अलावा हर कंपनी के टायर पर एक निशान (thread) होता है। टायर के डीजाईन मे (thread) जो खाई जैसा होता उसमे एक निशान बनाया जाता है। करीबन 1.6 mm की होती है। इसका मतलब यह होता है, की जब टायर घीसता है तो इस निशान तक घीसने पर टायर बदलना जरुरी है। लेकीन अगर यह थ्रेड सही है पर टायर की बनाई तारीख 2 साल से जादा है तो यह टायर भी लायक नही है।
Tyre life of car in km
करीबन 50 हजार गाडी की रनींग के बाद टायर अवश्य जाँच ले।
Tyre puncture
आज कल तो हर गाडी मे टयुबलेस टायर का इस्तेमाल करते है। कई बार नोक वाली चीज के वजह से टायर पंक्चर होते है। पंक्चर निकालने के बाद टायर इस्तेमाल होता है। लेकीन अगर 4-5 पंक्चर है, तो टायर बदलना ही समझदारी है। टायर का पंक्चर अगर साईड मे है, तो टायर ब्लास्ट होने की संभावना होती है। हमेशा अपनी कार मे पंक्चर निकालने वाला किट रखे। ताकि लंबे सफर या जहाँपर गैरेज की सुविधा नजदीक ना हो वहाँ उपयोग हो सकता है।
Tyre air
टायर मे हवा सही मात्रा मे रखना जरुरी है। टायर मे नायट्रोजन गैस या नॉर्मल हवा भरी जाते है। इस वेबसाईट पर आपको जादा जानकारी मिलेगी।
टायर के अच्छी सेहत के लिए हवा सही मात्रा मे रखना जरुरी होता है। इसलिए अपनी गाडी मे टायर inflator है तो आसान होगा। आप कभी भी टायर की हवा जाँच सकते है।
Tyre size
इसके अलावा टायर पर अन्य अंक होते है जो टायर का साईज दिखाते है। जैसे की 177/55। इसका मतलब है, इस टायर का पुरा लंबाई 177mm और चौडाई 55mm है। ध्यान रखे गाडी के टायर जो कंपनी ने बताई है वही साईज के इस्तेमाल करे। कई बार जुगाड कर साईज अलग अलग साईज के टायर डाले जाते है। इस कारण गाडी का नुकसान हो सकता है।
साईड से अगर छोटे छोटे क्रैक आ चुके है, तो भी टायर बदल देना सही है। क्यूँकी ऐसी टायर रनिंग पर फटने की संभावना जादा होती है। जादा तर टायर अपनी नजदीके व्यापारी से खरीदे। ऑनलाईन खरीदनेपर खराब भी आ सकता है। सीधे डीलरसे खरीदने से देखकर ले सकते है। सस्ता है इसलिए ऑनलाईन मंगवॉनेसे नुकसान भी हो सकता है।
Spare tyre
जादातर गाडी मे स्पेअर टायर होते है। लेकीन इस टायर पर ध्यान न देने के कारण जब काम निकलता है, तो पता चलता है, की टायर मे हवा ही नही है। या फिर पंक्चर है। तो इस टायर का भी ध्यान रखना जरुरी है।
आपके क्षेत्र के मौसम का भी असर पडता है। ठंड की जगह टायर की आयु जादा होती है। वही गरमी मे टायर जादा खराब होते है। गरमी मे टायर और रास्ते से घिसने से जादा मात्रा मे गर्मी का निर्माण होता है। जिसका असर टायर के रबड पर पडता है।
गाडी की ड्रायव्हिंग पर भी निर्भर होता है। अगर गाडी तेज चलाते है और अचानक ब्रेक दबाते है। और इस तरह का बर्ताव हमेशा है, तो टायर घीस कर जल्द खराब हो जाते है। नयी कारों मे तो टायर मोनिटेरींग सिस्टीम दिया जाता है। जिसे हमे डॅशबोर्ड पर टायर की कुछ समस्या हो तो दिखाई जाती है। लेकीन यह सुविधा पुरानी गाडी मे नही है।
Conclusion : करीबन 50 हजार गाडी की रनींग के बाद टायर अवश्य जाँच ले। लंबी सफर मे जाने से पहले एक बार सभी चीजें सहीसे देख ले। टायर अगर 4-5 बार पंक्चर है, तो बदलना जरुरी है। टायर पंक्चर निकलने वाला किट हमेशा अपनी गाडी मे रखे। पुराना और रिमोल्ड टायर का इस्तेमाल ना करे।
Necessary car accessories for used car in India in Hindi
आजकल नई कारों में कई शानदार एडवांस फीचर देखने को मिलते है। लेकिन मिडिल क्लास के लोग जिनका बजट कम होता है वो अपनी जरूरत और बजट के अनुसार अच्छी कंडीशन में पुरानी सेकंड हैंड कार भी लेना पसंद करते है। आज हम भारत मे पुरानी कार के लिए जरूरी एसेसरीज के बारे में जानेंगे जो आप की पुरानी कार के लिए बहुत उपयोगी होने के साथ नई गाड़ियों की तरह फील देंगे। इन एडवांस फीचर आप की के लिए बहुत ही ज्यादा उपयोगी साबित होंगे।
यहाँ पर हम कुछ ऐसे एसेसरीज के बारे में बता रहे है जो आप की कार के लिए बेहद उपयोगी है। आप इन एसेसरीज को ऑनलाइन शॉपिंग साइट अमेजन आदि से आसानी से खरीद सकते है। इनकी कीमत 700 से लेकर 6000 रुपये तक है। तो आइए जानते है टॉप नेसेसरी कार एसेसरीज फ़ॉर यूज्ड कार इन इंडिया (Necessary car accessories for used car in India) के बारे में –
What can I modify on my car in India?
रिवर्स पार्किंग कैमरा – reverse car parking camera
आजकल लगभग सभी नई कारों में रिवर्स पार्किंग कैमरा का एडवांस फीचर देखने को मिलता है। लेकिन पुरानी कारों में यह फीचर नही होता जिससे कार को बैक करके पार्क करने में काफी परेशान होती है। लेकिन अच्छी बात यह है कि आप अपनी पुरानी कार में भी रिवर्स पार्किंग कैमरा लगा सकते हैं। रिवर्स पार्किंग कैमरा लगा होने से कार में बैठकर गाड़ी को पार्क करने में सुविधा होती है। इसकी जानकारी के लिए आप यहाँ क्लिक करे।
टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम – tire pressure monitoring system
कई बार जब हम लंबे सफर पर निकलते हैं तो सफर के दौरान कार के टायर का प्रेशर मॉनिटर करना जरूरी होता है। टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम ग्रीन, रेड, येलो सिग्नल के माध्यम से हवा का स्तर बताता है। यह किसी भी कार के लिए एक उपयोगी एसेसरीज है। इसकी जानकारी के लिए आप यहाँ क्लिक करे।
टायर इन्फ्लेटर पंप कार के लिए एक बेहद जरूरी एसेसरीज है। लॉन्ग ड्राइव पर जाना हो या किसी लंबे सफर पर जाना हो कई बार ऐसा होता है कि कार का पहिया धोखा दे जाता है। ऐसे में टायर इन्फ्लेटर पंप की मददगार होता है। आप इसे ऑनलाइन शॉपिंग साइट अमेजॉन से 1000 रुपये के अंदर खरीद सकते हैं।
स्मार्ट इन्फोटेनमेंट सिस्टम- Smart infotainment system for car
आजकल यह फीचर काफी लोक प्रिय हो रहा है। यह आपको पुरानी कर में भी नये जैसा फील करने के लिए बेहतरीन एसेसरीज है। आजकल स्मार्ट इनफॉर्मेंट सिस्टम एंड्रॉयड और ओएस सपोर्ट के साथ आता है जिसमें आप गूगल मैप, एप्पल कारप्ले, एंड्राइड ऑटो कनेक्टिविटी आदि की सुविधा पाते हैं। मार्केट में यह 9 इंच के टचस्क्रीन डिस्प्ले के साथ आता है। आप इसे ऑनलाइन शॉपिंग साइट अमेजॉन से खरीद सकते हैं।
हेड अप डिस्प्ले एक बेहतरीन सेफ्टी फीचर वाला एसेसरीज (Necessary car accessories for used car in India) है। यह ड्राइवर को इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर की पूरी जानकारी छोटे से डिस्प्ले पर दिखता रहता है। इससे ड्राइवर का ध्यान नहीं भटकता। यह बहुत ही छोटा लेकिन बहुत ही काम की एसेसरीज है जो आपकी कार में जरूर होना चाहिए। आप इसे ऑनलाइन शॉपिंग साइट अमेजॉन से भी खरीद सकते हैं।
किसी भी कार के इंटीरियर को साफ सुथरा बनाने में इंटीरियर वैक्यूम क्लियर क्लीनर बहुत ही काम का होता है। कई बार कार के कोनों की सफाई करने में काफी मुश्किल होती है। लेकिन इंटीरियर वैक्यूम क्लीनर की मदद से कोने-कोने की सफाई आसानी से की जा सकती है। ऑनलाइन शॉपिंग साइट अमेजॉन पर आप इसे 500 रुपये के अंदर खरीद सकते हैं।
दोस्तो हम उम्मीद करते है आप को Necessary car accessories for used car in India पसंद आया होगा। आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करके उनको भी जरूरी कार एसेसरीज के बारे में बता सकते है।
Second hand car खरीदनेसे पहले जाँच ले 15 points ध्यान रखे।
इस आर्टीकल को पढने के बाद आप नई कार लेने से पहले सौ बार सोचेंगे
नई कार की 50 प्रतिशत किमत आप सरकार को दे रहे है।
क्या नई कार से पुरानी कार खरीदना बेहतर है।
New car vs used car which is better?
अगर आपके मन यह सवाल है, तो आगे जरुर पढे।
दरअसल हर मिडल क्लास फॅमिली का सपना होता है, अपनी खुद की कार खरीदना। अच्छी नौकरी मिलते ही, घर और फिर कार खरीदना अब आसान हो चुका है। लोगों की बढती आय और दुसरे से प्रतियोगीता करने का ख्वाब। लोन पर खरीदना और भी आसान है। अगर आपकी आमदनी काफी है, तो कार लेने मे कोई दिक्कत नही है। पर अगर कार लेने से आपको महिने के आखिर मे पैसो की कमी होती है, तो आपको इसपर विचार जरुर करना होगा।
Gst on new car vs used car
जब गाडी लेने की सोचते है, तो गाडी की किमत देखते है। ऑनलाईन तो गाडी की ex showroom price पता चलती है। मानलो आप Hyundai कंपनी की hatchback car i10 लेने की सोच रहे है। गाडी की ex showroom price है 584350/- अब इसपर gst 18% है। और 1% cess कुल मिलाकर 29% टैक्स जाता है। ये सब गाडी की ex showroom price मे होते है।अगर टैक्स नही लगाते या कम होता तो गाडी की किमत भी कम होती। गाडी का इंजन capacity और गाडी की लंबाई पर gst तय किया जाता है।
कार जब पुरानी हो जाती है, तो उवकी वैल्यु कम हो जाती है। gst का कोई सवाल नही होता।
Length
Engine CC
GST
CESS
LPG/CNG/PETROL
4 meter
1200cc
18%
1%
Diesel
4 meter
1500cc
18%
3%
PETROL/DIESEL/CNG
<4 meter
<1500cc
18%
17%
SUV
<4 meter
<1500cc
18%
22%
अगर आप लक्झरी कार खरीदते है, तो आप 50 प्रतिशत टैक्स गव्हर्नमेंट को देते है।
New car vs used car pros and cons
RTO टैक्स करीबन 7% होता है। car insurance अनिवार्य है। जो नयी गाडी मे 25000 से लेकर 32000 तक होता है। गाडी खरीदते समय लेना पडता है। इसके बाद हर साल 3500 से 6000 तक इन्शुरन्स भरना पडता है। गाडी के Value पर निर्भर होता है। हर साल गाडी की किमत कम होती जाती है। उसी तरह इन्शुरन्स कम होते जाता है। हर साल अंदाजा 10 प्रतिशत किमत कम होती है। आनेवाले 5 सालों मे उसकी किमत 50 प्रतिशत कम होती है।
भारत मे जादा तर लोग लोन पर गाडी खरीदते है। लोने लेते समय 20 प्रतिशत down payment करना पडता है। कुछ ऑफर मे 0 down payment मे भी होते है। गाडी का लोन 3 साल से 7 साल तक होता है। कार लोन पर 9 प्रतिशत ब्याज बैंक लेती है।
गाडी को चलाने के लिए fuel की जरुरत है। अगर पेट्रोल गाडी है। गाडी लेने वाला अगर हर दिन 30km एवरेज भी गाडी चलाते है, तो महिने का 800km गाडी का रनिंग हो जाता है। घुमने फिरने जाते है, तो और बढ भी जाता है। गाडी का मायलेज 15 से 20 का होता है। इसे महिने का 53 ltr पेट्रोल लगता है।
अगर आज की बात करे तो पेट्रोल 100-107/ltr है। 106/लिटर से 5618 रु. हर महिने खर्च आता है। अगर गाडी 5 साल चलाते है, तो 337080 तक खर्च हो जायेंगे। उसके बाद मेंटेनन्स खर्च हर साल 4000-5000 तक आता है। जिसमे पार्ट्स, मेंटेनन्स, रिपअर आता है। उसका 5 साल के लिए 25000रु.
अभी हम देखते है, गाडी की असली किमत कितनी होती है।
Ex showroom price – 584350/-
RTO Passing – 40904/-
Insurance – 30000/-
Loan 80% (9% ROI) 210364/-
Fuel 337080/-
Maintenance 25000/-
Total cost 1227698/-
New car vs old car total cost
उपर दिये गये आंकडे अंदाजा लगाये है। लेकीन जादा फर्क नही है। आप निश्चित कर के देखे। जो गाडी ex showroom price 584350 मे है, वह आपको 1227698 जेब से खर्च करवाती है। अन्य चीजें जैसे घर लेते है, तो उस लोन पर भी ब्याज होता है। लेकीन उसपर टैक्स के लिए छुट है। सिवाय घर का दाम सालो साल बढता जाता है। और बात करे रोज के इस्तेमाल की तो गाडी की बढती मांग के कारण रास्तों पर ट्राफीक जाम की समस्याए महानगरोमें जादा है। जिस कारण वक्त जादा बर्बाद हो जाता है।
कुल मिलाकर नई गाडी लेना महंगा पड जायेगा। महानगरों मे सार्वजनिक यातायात के लिए वाहन आसानी से और किफायती मे मिल जाते है। पर खेडे गाँव या छोटे शहरों मे सार्वजनिक वाहनों की कमी होती है। इसलिए अगर आप ऐसी जगह रह रहे है, तो परिवार के लिए कार की जरुरत होती है।
should I buy a new car or used car? क्या नई कार खरीदना नही चाहीये?
अगर आपके परिवार के लिए गाडी की जरुरत है, तो आप second hand car खरीद कर जरुरत पुरी कर सकते है। पुरानी गाडी कैसे खरीदे, कौनसी चीजोंपर ध्यान दे, इसके लिए 16 मुद्दे जरुर पढे। आज भी कुछ लोग पुरानी गाडी खरीदना पसंत करते है। इस्तेमाल कर बेच देते है। फिर से दुसरी गाडी खरीदते है। इसे अलग अलग कार चलाने और मजे लेते है।
Conclusion – अगर आमदनी कम है, लेकीन पुरी फॅमीली के लिए कार की सक्त जरुरत है, तो आप second hand car खरीदना समझदारी है। पुरानी गाडी मे कुछ फायदे और नुकसान भी होता है। जानने के लिए इस ब्लॉग पर जरुर पढे।
आम तौर पर गाडी बेचनेवाले और खरीदने वाले इन दोनों के बीच व्यवहार होकर गाडी बेची और खरीदी जाती है। लेकीन अगर गाडी लोन पे ली है, और अभी भी outstanding loan बाकी है। तो बेचना थोडा मुश्कील हो जाता है। लेकीन हम इस आर्टीकल मे बतायेंगे कैसे इसे सुलझाये।
अगर गाडी पर लोन अभी भी बाकी है, और आप अपनी गाडी बेचना चाहते है, या किसी और से गाडी खरीदना चाहते है, तो सबसे जरुरी बात होती है hypothecation हटाने की।
Hypothecation क्या है?
गाडी के R.C. यानी Registration Certificate से Hypothecation निकलवालेने के लिए NOC जरुरी है। Hypothecation का मतलब है, बोज। आपकी गाडी पर जो car loan का बोज है, उसे उठाना जरुरी होता है।
Hypothecation कैसे हटाये?
जो गाडी लोन पर लेते है, उस गाडी के RC पर लोन देनेवाली बैंक का नाम लिखा रहता है। लेकीन अगर गाडी का लोन अभी भी बाकी है मतलब outstanding loan है, तो बैंक NOC नही देगी। Hypothecation निकालवाने के लिए आपको गाडी का पुरा लोन repayment करना पडेगा। Hypothecation हटा ने के लिए आपको निचे दिये गये documents अपनी RTO ऑफीस मे जमा करनी होती है।
1) Form 35 (2 कॉपी) वेबसाईट पर मिल जायेगा।
2) original RC – गाडी का पंजीकरण प्रमाणपत्र
3) पॅन कार्ड झेरॉक्स
4) Original NOC
5) Car Iinsurance (गाडी का इन्शुरन्स)
6) PUC
7) पता- इलेक्ट्रिक बील, फोन बील, आधाराकार्ड
8) Fees – फीस
यह सब document जमा करने के बाद ऑनलाईन parivahan.gov.in इस वेबसाईट पर application करना जरुरी है। उसके बाद उपरे बताए सब कागजाद नजदीकी परिवहन कार्यालय मे जमा करने होते है। उसके बाद 3 से 4 हप्ते बाद यह प्रक्रीया पुरी हो जाती है। नई RC Book आपके पते पर परिवहन कार्यालयसे मिल जाती है। और आप उस गाडी की स्वामित्व (ownership) बन जाते है। उस गाडी की बिक्री करने का पुरा अधिकार प्राप्त हो जाता है।
अगर गाडी पर लोन है, तो आपको NOC नही मिलती है। उस वक्त आपको बैंक का पुरा loan repayment करना जरुरी होता है। बैंक का लोन repayment करने की शर्ते होती है। bank lock-in period होता है। मतलब अगर आपकी बैंक का lock-in period 1 साल है, तो आप 1 साल के अंदर बैंक का पुरा repayment करेंगे तो आपको पेनल्टी भरनी पडेगी। पेनल्टी हर बैंक की विभिन्न होती है। आपके outstanding loan के 3 प्रतिशत से लेकर 6 प्रतिशत तक होती है। बैंक पर निर्भर होता है।
जब कार की बिक्री की किमत तय करते समय बैंक की पेनल्टी भी ध्यान रखते हुए किमत तय करनी होगी। वरना यह सौदा घाटे का हो सकता है।
खरीदने वाले और बेचनेवाले की बीच ये सब चीजें साफ होनी जरुरी है। ताकि व्यवहार बिना दिक्कत सफल हो जाये। अगर पेनल्टी भरने के बावजुद भी बिक्री की किमत जादा है, तो आपका फायदा है। लेकीन अगर पेनल्टी जादा है, तो आपका नुकसान हो जाता है। गाडी के कंडीशन पर निर्भर करे की कौनसी किमत सही है।
लोन पर रही गाडी की बिक्री और खरीदने का अधिकार जिस वित्तीय संस्था ने लोन दिया है, उसका होता है। कईबार लोन का emi ना भरने के कारण बैंक गाडी को जप्त करती है। और उसकी निलामी करके अपना लोन वसूल करती है। अगर खरीदने वाले और बेचनेवाले दोन भी यह सब बाते जानते है, तो आपसी समझदारी से लोन को ध्यान रखते हुए, और जिम्मेवारी लेते हुए व्यवहार कर सकते है। हालांकी लोन देनेवाली कंपनी/बैंक को बतायें लोन ट्रान्सफर कर सकती है। पुराने मालिक का लोन नये मालिक के नाम पर ट्रान्सफर करना या ना करना यह उस कंपनी या बैंक पर निर्भर होता है।
CONCLUSION – जिस गाडी पर लोन है, उसे बेचना या खरीदने से पहले Hypothecation हटाना जरुरी है। या फिर अगर जिस वित्तीय कंपनी/बैंक का लोन है उन्हे अधिकृत बतायें लोन ट्रान्सफर करे। या फीर सिधे सिधे बिक्री कीमत से लोन repayment करके लोन पुरी तरह भुगतान करे। सही जानकारी रखे और कानुनी तरीके से व्यवहार करे।
भारत मे Electric car लाँच के बाद भी बिक्री मे जादा बढौती क्यू नही हो रही?
Electric car खरीदने के लिए सभी लोग तैयार न होने के कारण
1) Electric cars charging station
भारत मे Electric cars कारों की बिक्री की वृध्दी पेट्रोल और डिजेल कारों से अभी भी कम है। इसकी कई वजह है। चार्ज की सुविधा हर जगह उपलब्ध नही है, यह सबसे बडा कारण है। क्यूँकी खुदकी कार खरीदने का मकसद होता है, अपने मर्जी से घुमना/फिरना। लेकीन अगर कोई अपनी कार लेके लंबी सफर पर निकलता है। तो जैसे पेट्रोल/डिजेल पंप जगह जगह मिलते है। उसी तरह चार्जींग की सुविधा जादा मात्रा मे उपलब्ध नही है।
शायद इसी डर के वजह से लोग EV खरीदने पर राजी नही होते है। Middle class फॅमीली अभी भी जब नई कार खरीदने जाते है, तो पेट्रोल और CNG गैस वाली कार खरीदना पसंत करते है। क्यूँकी यह देश के कोने कोने मै आपको मिलेगा।
2) Electric cars price
electric cars की किमत पेट्रोल और डिजेल कार के हिसाब से Electric car काफी मंहगी मिलती है। जहाँ पर सार्वजनिक परिवहन कमी होती है, वहाँ पर लोग अपनी केवल जरुरत के लिए कार खरीदते है। पर जादा किमत चुकाने मे खुश नही होते है।
3) Electric cars mechanic
electric cars की मरम्मत केवल शोरुप पर ही होती है। स्थानिक बझार मे अभी जादा पैमाने पर मेकेनिक उपलब्ध नही है। लोगों को यह डर है, की अगर हम लाँग ड्राईव्ह पर जा रहे है, और रास्ते मे कुछ खराबी आये तो मेकेनिक तुरंत नही मिलेगा।
हमारे देश के धोरण के नुसार प्रदुषण कम करने के लिए हमे पेट्रोल/डिजेल कार की उत्पादन आनेवाले कुछ सालों मे बंद करवानी होगी और इलेक्ट्रिक कारे और हैड्रोजन कारे इस्तेमाल करने के सिवाय कोई चारा नही होगा। और इसमे फायदे भी है।
कुछ सालों मे सभी जगह इलेक्ट्रिक कारों की संख्या बढेगी और बझार के मांग के नुसार सभी जगह इलेर्क्टिक चार्जींग स्टेशन उपलब्ध होंगे। फिलहाल बझार मे उपलब्ध कारों की बैटरीकी रेंज जादा है। एक चार्जींग मे 250 से 550 किमी तक चल जाते है। और इतने सफर मे कही तो आपको चार्जींग मिलना संभव है।
Electric vehicle life- 15 साल या उसे भी जादा?
पेट्रोल/डिजेल कारों की लाईफ 15 साल है। सरकार की scrap policy के नुसार अब 15 साल के बाद उसका रजिस्ट्रेशन नही करवाया जायेगा। इसकी वहज है पेट्रोल और डिजेल से होनेवाला प्रदुषण। लेकीन इलेक्ट्रिक कारों से प्रदुषण काफी कम है, जिस कारण उसकी लाईट जादा होगी। electric car की scrap policy जल्द ही आयेगी। अगर electric car की लाईफ जादा है, तो उसकी किमत पुरी वसुल हो जायेगी। जादा किमत शुरुवात मे देते है, लेकीन यह कारे जादा साल चलने वाली है, तो उस हिसाब से किमत जादा नही होगी।
जैसे जैसे electric cars बढती जायेंगी, इसकी मेकेनिक भी उपलब्ध हो जायेंगे।
कुल मिलाकर विचार करे तो electric cars किफायती है। इससे प्रदुषण भी नही होगा और कम दाम जादा मायलेज मिलेगा।
Electric cars in india under 20 lac – भारत की 5 इलेक्ट्रिक कार जो 8 लाख से 20 लाख तक मिलती है।इंडिया में इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट में वृद्धि हो रही है। हालांकि, इसे बर्दाश्त करने के लिए चुनौतियां हैं, जैसे कि मूल्य और दूरी का डर। इस बाजार को वास्तविक रूप से समझने के लिए, आइए गहराई से जानें।
फिलहाल भारत मे इलेक्ट्रिक कार का ट्रेंड आ चुका है। केंद्रीय यातायात मंत्री सन्मानिय नितीन गडकरीजी ने देश मे पेट्रोल डिजेल गाडीयों के वजह से होनेवाले प्रदुषण के बारे मे उत्पाद कंपनीयों को इशारा दिया है। की वे इलेक्ट्रिक और हैड्रोजन कार की निर्माण करे। इसी की शुरुवात करते हुये कार उत्पादक कंपनी इलेक्ट्रिक कार लाँच कर रहे है। भारत मे 20 लाख कें अंदर आनेवाली कारे कौन सही है।
1) Electric cars- MG Comet
MG COMET – यह एक प्युअर इलेक्ट्रिक, COMPACT कार है। इसके बावजुद इस कार मे एडवाँस फिचर दि गये है। इस कार की किमत 7.98 लाख से लेकर 9.98 तक मिलती है। इसकी बैटरी 7 घंटोंमे घरपर ही रिचार्ज कर सकत है। एक बार चार्ज होने के बाद 230 किमी. तक चलती है, इसकी बॉडी काफी मजबूत है ऐसा कंपनीका दावा है।
2) Electric cars- TATA TIAGO EV
TATA TIAGO EV – टाटा कंपनी की hatchback कार है। इसकी किमत 8.69 लाख से लेकर 11.99 लाख तक है। इसमे आप बैटरी चॉईस कर सकते है। 19.2kWh और 24kWh का पर्याय उपलब्ध है। 19.2kWh वाली 250किमी और 24kWh वाली 350किमी तक रेंज मे चलने का दावा कंपनीने किया है। कंपनीने फास्ट चार्जका बेहतरीन ऑप्शन दिया है, जिस कारन 1 घंटे मे 80 प्रतिशत तक बैटरी चार्ज हो जाती है।
3) Electric cars- TATA TIGOR EV-
टाटा की SEDAN कार है। जो 12.49 लाख से शुरु होती है। इस कार मे 26kWh बैटरी इस्तेमाल किया है। सिंगल चार्ज होने पर 315 किमी रेंज देती है।
4) Electric cars- TATA NEXON EV-
टाटा कंपनी की SUV COMPACT कार है। जिसकी किमत 14.49 लाख से 17.50 लाख तक खरीदा जा सकता है।
5) Electric cars- MAHINDRA XUV400-
महिंद्रा कंपनी की SUV रेंज मे यह कार है। इसकी किमत 15.99 लाख से लेकर 18.99 लाख तक खरीदा जा सकता है। इसमे दो बैटरी पॅक शामील है। जो 150 kmph जनरेट करता है। इसमे 39.5kWh बैटरी पॅक इस्तेमाल किया है। इसकी बैटरी फुल चार्ज होने पर 456 किमी तक चल सकती है। केवल 50 मिनट मे 80 प्रतिशत बैटरी चार्ज कर सकते है।
Conclusion – भारत मे कार उत्पादक कंपनी 2030 तक पुरी तरह इलेक्ट्रिक कार उत्पादन करनेवाली है। भारत सरकार के गाईडलाईन मुताबिक प्रदुषण रोकने के लिए सरकार का धोरण है।
Car perfume एक विशेष प्रकार का फ्रेग्रेंस है जो आपकी गाड़ी को खुशबूदार बनाता है। यह खास रूप से डिफ्यूजर्स, स्प्रे, या कार्ड्बोर्ड कार परफ्यूम के रूप में आता है। Car perfume आपकी गाडी मे लगवाना जरुरी है। जब हम कोई गाडी खरीदते है, वह न केवल एक मशिन है, बल्की ऐसी जगह है, जहाँ बैठकर हमे खुदको काफी सुरक्षित, और आनंददायी महसूस कीया जाता है।
आजकल लोगोंको वाहन केवल एक साधन के रुप मे ही नही बल्की अपनी लाईफस्टाईल को उँची रखने मे मदत करता है। कार मे बैठते ही अगर आपको मनपसंत खुशबू की महक आती है, तो मन प्रसन्न हो जाता है। एक जगह से दुसरी जगह सफर करते समय सडक और नजारों को और बेहतरीन बनाने मे खुशबू मेहत्वपूर्ण साबीत होती है। जादातर कारों मे AC होती है, जिस कारण गाडी की काँच खुली नही रखी जाती। और अंदर कई बार बारीश मे या धूप मे पसीने कारण बदबू आती है। इसलीए car perfume का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है।
Why do you use car perfume?
Car freshener difuser एक उपकरण होता है जो आपकी कार के इंटीरियर को ताजगी और खुशबू से भर देता है। और आपकी गाडी की खुबसुरत बना देता है। यह खुशबू के लिए विभिन्न विकल्पों के साथ आता है, जिससे आप अपनी पसंदीदा खुशबू का चयन कर सकते हैं। car air freshener कार के डैशबोर्ड पर स्थापित किया जा सकता है और वह आपकी कार के इंटीरियर को कुछ समय तक सुगमता देता है.
गाडी का अंदरुनी खुशबूदार और उत्साहपूर्ण रखने के लिए कार perfume या air diffuser का इस्तेमाल करते है। दोनों का काम एक ही है। गाडी मे खुशबू लानेवाली इस चीज को car perfume, car air freshener, car diffuser कहा जाता है। परफ्यूम गाडी के अंदरुनी हवा मे फैल कर खुशबूदार बना देती है। और डिफ्यूजर गाडी के इंटेरिअर मे सुगंध फैला कर गाडी मे महक बना देती है।
Types of car perfume
Car perfume बझार मे अलग अलग टाईप मे मिलते है।
1. गाडी के perfume जादा तर लिक्विड फॉर्म मे या जेल फॉर्म मे भी मिलते है। जो इलेक्ट्रिक पर या सोलर पर चालये जाते है।
2. जेल फॉर्म वाले जादा देर तर चलते है। यह जादा दिन चलता है।
3. कंपूर अलग अलग फ्लेवर मे मिलता है। पर उसकी खुशबू जादा तेज होती है। कोयले के कोन भी मिलते है। लेकीन उससे महक नही आती। बल्की उसका काम गाडी के अंदर की बदबू सोक लेना है। लेकीन यह इतना असरदार नही है।
tranding मे चल रही विभिन् आकारवाली air diffuser मे प्लेन, या अन्य आकारमे मिलती है। जो सोलर यानी सुर्यप्रकाश पर चलती है। जिससे खुशबू कार मे फैलती है। कुछ air diffuser इलेक्ट्रिक पर चलती है। जो कार के AC पर लगवाया जाता है। और उसे USB से पॉवर दी जाती है।
Which type of perfume is best for a car?
Perfume अलग अलग महक मे उपलब्ध होते है। जैसे की फुलों का सुगंध- व्हाईट लिली, जास्मीन, गुलाब इसके अलावा स्पाईसी, वूडन, अन्य सुगंध भी होते है जो रीच फील करते है।
Car perfume or car diffuser के फायदे
गाड़ी की महक का विशेष अनुभव: कार परफ्यूम डिफ्यूज़र आपके वाहन को हमेशा आकर्षक और खुशबूदार बनाता है, जिससे आपकी यात्रा का आनंद दुगुना होता है।
मानसिक शांति का स्रोत: खुशबू का प्रभाव मानसिक शांति में सुधार कर सकता है और यात्रा को आरामदायक बना सकता है।
आकर्षकता और स्टाइल: कार परफ्यूम डिफ्यूज़र आपकी गाड़ी को एक और स्टाइलिश दिखाने में मदद करता है, जो आपकी प्रतिस्पर्धी से अलग कर सकता है।
आरामदायक यात्रा: खुद को एक आरामदायक और सुखमय यात्रा का आनंद लेने में मदद करने के लिए, कार परफ्यूम डिफ्यूज़र आपके लिए सहायक हो सकता है।
अगर आप पुरानी गाडी खरीदना चाहते है, तो पहले जाँच ले यह चीजे…
FAQ
1. कार परफ्यूम का उपयोग सुरक्षित है?
हां, कार परफ्यूम का उपयोग सुरक्षित है, परन्तु सुरक्षा सुझावों का पालन करें।
2. कौनसा कार परफ्यूम सबसे अच्छा है?
यह आपकी पसंद और गाड़ी की महक के आधार पर निर्भर करता है।
3. कार परफ्यूम को कितनी बार बदलना चाहिए?
कुछ कार परफ्यूम आरोमा को समय-समय पर बदलना चाहिए।
4. कार परफ्यूम को कैसे संग्रहित करें?
कार परफ्यूम को उचित तापमान और प्रक्षिप्त स्थान पर संग्रहित करें।
5. कार परफ्यूम के फायदे क्या हैं?
कार परफ्यूम आपकी गाड़ी को हमेशा खुशबूदार और ताजगी से भरा रखता है, जिससे यात्रा आनंददायक होती है।
अब, आप अपनी गाड़ी को सुंदर और आकर्षक खुशबू से भरने के लिए तैयार हैं। चलिए, अब ही एक अच्छा कार परफ्यूम चुनें और यात्रा का आनंद लें!
भारत के केंद्रीय सडक और राजमार्ग मंत्री सन्मानिय श्री नितीनजी गडकरी ग्रीन हैड्रोजन (green hydrogen) पर चलने वाली TOYOTA कंपनी की MIRAI कार चलाते है। यह कार SEDAN सेगमेंट आती है।
भारत मे ग्रीन हायड्रोजन गैस (green hydrogegn) पर चलनेवाली पहली कार (TOYOTA MIRAI )मिराई है जो सन्मानिय नितीनजी गडकरी इनके पास है। मिराई का मतलब है भविष्य। इन्होने बताया की हायड्रोजन गैस तीन प्रकार बनाई जाती है। ब्राऊन या काला हायड्रोजन जो कोयले की मदत से बनाया जाता है। दुसरा है पेट्रोलियम हायड्रोजन जो पेट्रोल की जलन से बनाया जाता है। और तिसरी है, ग्रीन हायड्रोजन जो पानी और जैवीक कचरा (organic waste) जो जीव और वनस्पती से निकलता है। उन्होने यह बताया है, की हमारे यहाँके किसान भी कुछ सालों बाद हैड्रोजन के निर्माता होंगे। और पुरी दुनिया को हैड्रोजन की हम सप्लाय करेंगे।
श्री नितीन गडकरीजीज को द्रष्टा नेता कहलाते है। आत्म निर्भर भारत के निर्माण के लिए पूरी तरह कोशीश करते है। श्री गडकरीजी और लोगोंको हैड्रोजन कार लेने के लिए प्रभावित करते है। भारत पेट्रोलियम पदार्थ के लिए दुसरे आखात देशों पर निर्भर रहता है। भारत के बढती आबादी के साथ जीवनमान भी उँचा हो रहा है। जिसे कारन वाहन मे मांग बढ रही है। इसे कारन प्रदुषन की समस्या होती है।
इलेक्ट्रीक कारों की शुरुवात हो चुकी है। सीएनजी गैस पर चलने वाली वाहनोंकी मांग बढ रही है। लेकीन इसे भी आगे जाकर ग्रीन हैड्रोजन (green hydrogen) पर चलने वाली वाहने और लाँच करने की तय्यारी सरकार कर रहे है। ग्रीन हैड्रोजन पर चलने वाले वाहनेां के कारन कम प्रदुषण कम होता है। और अगर भारत मे इसका निर्माण हो जाये तो भारत को अन्य देशोंपर निर्भर नही रहेगा। अगर ऑरगॅनिक यानी खेतों से निकलनेवाला कचरा का उपयोग करके और पानी का उपयोग करके (green hydrogen) हैड्रोजन गैस बन जाता है। तो आर्थिक स्थितीमे भी भारत आत्मनिभर्र होने पर एक कदम आगे बढ रहा है।
Why green number plate?
नितीन गडकरीजी की इस (green hydrogen) हैड्रोजन कार पर हरे रंग की नंबर प्लेट लगाई है। भारत मे पिली सफेद और हरे रंग की नंबर प्लेट लगवाई जाती है। जिससे गाडी की पहचान होती है, की गाडी निजी यानी प्रायवेट है, व्यवसायी इस्तेमाल के लिए है, और प्रदुषण कम वाली है। अक्सर इलेक्ट्रिक कारों पर हरी रंग की नंबर प्लेट लगाई जाती है, जो कम प्रदुषण का निशान माना जाता है। हैड्रोजन कार भी हरे रंग की प्लेट लगवाई जाती है।
What is the cost of Nitin Gadkari’s hydrogen car?
नितीन गडकरी इनके पास हैड्रोजन पर चलने वाली (TOYOTA MIRAI) टोयाटो की मिराई कार है। जिसकी किमत 37 लाख से उपर है। हालांकि आनेवाले समय मे किमत कम करने के लिए सरकार की तरफ से कोशीश शुरु है। नयी खोज करके और किमत कम करके बस, ट्रक जैसे सभी वाहन हैड्रोजन पर चलायी जायेगी। अभी तो भारत मे हैड्रोजन कार महंगी साबीत हो रही है।
Is hydrogen cheaper than EV?
नितीन गडकरी हैड्रोजन कार मे करीबन 5.65 kg टैंक है। और यह 600km तक चल सकती है। 5 मिनट के अंदर टैंक फुल हो जाता है। इलेक्ट्रीक कारों से थोडी महंगी fuel यह कार चलती है।
Which is worlds first hydrogen car?
दुनिया की सबसे पहली हैड्रोजन कार होंडा कंपनी ने बनायी है। और उसके बाद टोयोटा की मिराई है।
Who made first hydrogen car in India?
ओर भारत के टोयोटो कंपनी ने पहली हैड्रोजन कार बनायी है।
Conclusion –
भारत के auto industry मे बढती वाहनों की मांग के कारन प्रदुषण भी बढ रहा है। भारत को अन्य देशोंसे पेट्रोल, डिजेल आयात करना पडता है। इसके लिए भारत को अन्य देशों को अपना पैसा खचर् करना पडता है। इगर ग्रीन हैडेोजन पर चलनी वाली वाहनों की निर्माण भारत मे हो जाये और ग्रीन हैड्रोजन की भी निर्माण हो जाये तो भारत आत्मनिर्भर बनने मे मदत हो जायेगी। सिवाय प्रदुषण भी कम हो जायेगा। इसलिए नितीन गडकरी हैड्रोजन कार चलाते है। और सभी लोगोंको हैड्रोजनपर चलने वाली कार इस्तेमाल करने की सलाह देते है।