गाडी अगर मैन्युएल है, तो एक्सलेटर दबाकर गेअर को निचे उतारे। मतलब अगर रनिंग मे गाडी 3-4 गियर मे चल रही है, तो उसे एक एक करके निचे उतारे। दौरांन indicator lamp लगाये। तांकि अन्य वाहनों को पता चले की इस गाडी मे कुछ गडबडी है। गियर कम करने से गाडी की रफ्तार कम हो जायेगी। गाडी साईड मे लगा ले। तुरंत मैकेनिक से संपर्क करे।
लेकीन अगर गाडी automatic है, तो accelator कम करते ही गाडी की स्पीड कम हो जायेगी।
हायवे पर तेज रफ्तार से गाडी चल रही है, और पता चले गाडी की ब्रेक नही लग रही है। तो परेशान होकर हडबडी ना करे। इसे दिमाग काम नही करेगा। और हादसा होने का संभव है। इसलिए आपत्ती स्थिती मे थोडा सोचना जरुरी है।
Best used cars रु. 1 लाख के अंदर आने वाली used car
best used cars
photo by Wikipedia
अगर आपका बजट कम है। लेकीन आपके परिवार के लिए एक कार की जरुरत है, या फीर आप नये नये कार सिखने जा रहे है। तो आप 1 लाख के अंदर भी used car खरीद सकते है। 1 लाख के अंदर आपको लक्जरी कार तो नही मिलेगी, पर आपकी जरुरत के लिए कार अच्छी मिलेगी। www.olx.in जैसी वेबसाईट पर आप फिल्टर लगाकर कार धुंड सकते है। India मे maruti suzuki, hundai, tata, chevrolet, mahindra, इन कंपनीयों की कार under 1 lakh मिलेगी।
Maruti Suzuki – इस कंपनी की आपको सबसे सस्ती पर काफी demand वाली कार मिलेगी। mnaruti 800 कार सन 1983 मे पहली बार बनायी गई। जब यह गाडी launch हुई को इसका विज्ञापन affordable car की या गया था। इसका असर आज भी लोगों के दिमाग पर है। कई लोगोंने यह कार अपने collection of car मे बनी रखी है। दिखने मे काफी attactive कार है। यह कार 1983 से लेकर 2010 तक बनायी जा रही थी। (source)
maruti 800
आज भी लोग ईस कारके चहते है। यह कार आपको 20 हजार से 70 हजार के दौरान मिलेगी। काडी के कंडीशन और accessories पर प्राईस निर्भर है। इस गाडी की खास बात ये है की इसके पार्ट आसानीसे कहीं भी मिल जाते है। इसके अलावा कुछ पार्ट अन्य कंपनी के भी इस्तेमाल करते है।
maruti suzuki कंपनी के इसके अलावा Alto, omni, wagonR कार भी 1 लाख तक मिल सकती है।
Alto कार maruti suzuki कंपनी की खुब चलने वाली कार है। maruti 800 के बाद इस कार की demand जादा है। लेकीन सबसे जादा चलनेवाली कार WagonR कार है। इसमे अलग अलग मॉडेल उपलब्ध है।
Hundai – इस कंपनी की Eon, santro जैसी कारे आपको 1 लाख तक मिल सकती है। Hundai की सैन्ट्रो कार अच्छी है। इसका maintenance थोडा जादा है। hundai के पार्ट्स महंगे होते है, पर उनकी लाईफ जादा होती है। जल्दी खराब होते नही है। अगर आप second hand car 4-5 साल तक चलाते है, तो हिसाब एकही होता है।
TATA – इस कंपनी के आपको Nano, indica, indigo, vista जैसी कार मिल जायेगी। सबको पता है टाटा की कारे सुरक्षित होती है। अगर कोई दुर्घटना होती है, तो टाटा की कारे मजबूत होने के कारण जिवित हानी होने की संभावना थोडी कम हो जाती है। आखिर दुर्घटना किस तरह की है उस पर भी निर्भर होता है। tata की कार के इंजन का आवाज जादा आता है। उसी कारण इन कारों का क्रेज कम हो जाता है। नयी कारे बेहतर बनायी गयी है। सुरक्षितता के कारण इन कारों की मांग बढ गयी है। लोग सुरक्षितता को जादा मायने रखते है।
अगर आपको 1 लाख के अंदर ही कार लेनी है, तो TATA NANO कार इन सबसे बेहतर है। अगर आप मारुती की 800 ALTO इस बजट मे खरीदने चाहेंगे तो आपको 10 से 15 साल पुरानी कार लेनी पडेगी। लेकीन TATA NANO आपको 2012 से आगे मिलेगी। गर्व्हंनमेंट की नयी पॉलीसी नुसार 15 साल पुरानी कारे स्क्रॅप होने वाली है। या फिर अगर उनको RENEW करनी है, तो जादा फीस देनी पडती है। टाटा नैनो आपको लेटेस्ट मिल जायेगी। 5-9 साल पुरानी गाडी आप लेते है, तो आगे 5 से 10 साल तक चला सकते है।
लेकीन गाडी खरीदने से पहले ठीक तरह से जाँच करना जरुरी है। इस ब्लॉग पर 16 पॉईंट दिये गये है, आप चेक कर सकते है। मेकॅनिक से गाडी चेक कर ले तो काफी बेहतर होगा।
Chevrolet -इस कंपनी के कार बेतरीन है। पर अब भारत मे इनका manufacturing और वितरण बंद कर दिया है। तो इनके पार्ट मिलना मुश्कील है। लेकीन अगर आप के आस पास जादा पैमाने पर गैरेज है, तो शायद गैरेज मे पडी गाडी के पार्ट कुछ सालो तक मिल सकते है। Chevrolet कंपनी की Beat, spark मॉडेल आज भी रोड पर चल रही है। बडे शहरों मे इनके पार्ट मिल जायेंगे।
Mahindra – इस भारतीय कंपनीके जादा गाडी नही है। Mahindra Logan यह गाडी आपके बजट मे मिल सकती है। पर जैसे उपर बताया गया है, उसी तरह ठीक से चेक कर ले।
Toyota – इस कंपनी की कारे भी मजबूत होती है। आपको 1 लाख के अंदर Etios गाडी मील सकती है। पर अब ये मॉडेल कंपनीने बंद किया है। तो इसके पार्ट मिलने की संभावना कम है। आपको दिक्कत आ सकती है।
कुल मिला के अगर आप 1 लाख के अंदर गाडी लेना चाहते है, तो Tata Nano को पहले reffer करेंगे। maruti Alto, 800 अच्छी कंडीशन पर मिल रही है तो दुसरे नंबर पर। उसके बाद Hundai Eon अगर सही कंडीशन पर है, तो तिसरे नंबर पर रहेगी। उसके बाद mahindra और toyota को आप विचार करे।
इस आर्टीकल को पढने के बाद आप नई कार लेने से पहले सौ बार सोचेंगे
नई कार की 50 प्रतिशत किमत आप सरकार को दे रहे है।
क्या नई कार से पुरानी कार खरीदना बेहतर है।
New car vs used car which is better?
अगर आपके मन यह सवाल है, तो आगे जरुर पढे।
दरअसल हर मिडल क्लास फॅमिली का सपना होता है, अपनी खुद की कार खरीदना। अच्छी नौकरी मिलते ही, घर और फिर कार खरीदना अब आसान हो चुका है। लोगों की बढती आय और दुसरे से प्रतियोगीता करने का ख्वाब। लोन पर खरीदना और भी आसान है। अगर आपकी आमदनी काफी है, तो कार लेने मे कोई दिक्कत नही है। पर अगर कार लेने से आपको महिने के आखिर मे पैसो की कमी होती है, तो आपको इसपर विचार जरुर करना होगा।
Gst on new car vs used car
जब गाडी लेने की सोचते है, तो गाडी की किमत देखते है। ऑनलाईन तो गाडी की ex showroom price पता चलती है। मानलो आप Hyundai कंपनी की hatchback car i10 लेने की सोच रहे है। गाडी की ex showroom price है 584350/- अब इसपर gst 18% है। और 1% cess कुल मिलाकर 29% टैक्स जाता है। ये सब गाडी की ex showroom price मे होते है।अगर टैक्स नही लगाते या कम होता तो गाडी की किमत भी कम होती। गाडी का इंजन capacity और गाडी की लंबाई पर gst तय किया जाता है।
कार जब पुरानी हो जाती है, तो उवकी वैल्यु कम हो जाती है। gst का कोई सवाल नही होता।
Length
Engine CC
GST
CESS
LPG/CNG/PETROL
4 meter
1200cc
18%
1%
Diesel
4 meter
1500cc
18%
3%
PETROL/DIESEL/CNG
<4 meter
<1500cc
18%
17%
SUV
<4 meter
<1500cc
18%
22%
अगर आप लक्झरी कार खरीदते है, तो आप 50 प्रतिशत टैक्स गव्हर्नमेंट को देते है।
New car vs used car pros and cons
RTO टैक्स करीबन 7% होता है। car insurance अनिवार्य है। जो नयी गाडी मे 25000 से लेकर 32000 तक होता है। गाडी खरीदते समय लेना पडता है। इसके बाद हर साल 3500 से 6000 तक इन्शुरन्स भरना पडता है। गाडी के Value पर निर्भर होता है। हर साल गाडी की किमत कम होती जाती है। उसी तरह इन्शुरन्स कम होते जाता है। हर साल अंदाजा 10 प्रतिशत किमत कम होती है। आनेवाले 5 सालों मे उसकी किमत 50 प्रतिशत कम होती है।
भारत मे जादा तर लोग लोन पर गाडी खरीदते है। लोने लेते समय 20 प्रतिशत down payment करना पडता है। कुछ ऑफर मे 0 down payment मे भी होते है। गाडी का लोन 3 साल से 7 साल तक होता है। कार लोन पर 9 प्रतिशत ब्याज बैंक लेती है।
गाडी को चलाने के लिए fuel की जरुरत है। अगर पेट्रोल गाडी है। गाडी लेने वाला अगर हर दिन 30km एवरेज भी गाडी चलाते है, तो महिने का 800km गाडी का रनिंग हो जाता है। घुमने फिरने जाते है, तो और बढ भी जाता है। गाडी का मायलेज 15 से 20 का होता है। इसे महिने का 53 ltr पेट्रोल लगता है।
अगर आज की बात करे तो पेट्रोल 100-107/ltr है। 106/लिटर से 5618 रु. हर महिने खर्च आता है। अगर गाडी 5 साल चलाते है, तो 337080 तक खर्च हो जायेंगे। उसके बाद मेंटेनन्स खर्च हर साल 4000-5000 तक आता है। जिसमे पार्ट्स, मेंटेनन्स, रिपअर आता है। उसका 5 साल के लिए 25000रु.
अभी हम देखते है, गाडी की असली किमत कितनी होती है।
Ex showroom price – 584350/-
RTO Passing – 40904/-
Insurance – 30000/-
Loan 80% (9% ROI) 210364/-
Fuel 337080/-
Maintenance 25000/-
Total cost 1227698/-
New car vs old car total cost
उपर दिये गये आंकडे अंदाजा लगाये है। लेकीन जादा फर्क नही है। आप निश्चित कर के देखे। जो गाडी ex showroom price 584350 मे है, वह आपको 1227698 जेब से खर्च करवाती है। अन्य चीजें जैसे घर लेते है, तो उस लोन पर भी ब्याज होता है। लेकीन उसपर टैक्स के लिए छुट है। सिवाय घर का दाम सालो साल बढता जाता है। और बात करे रोज के इस्तेमाल की तो गाडी की बढती मांग के कारण रास्तों पर ट्राफीक जाम की समस्याए महानगरोमें जादा है। जिस कारण वक्त जादा बर्बाद हो जाता है।
कुल मिलाकर नई गाडी लेना महंगा पड जायेगा। महानगरों मे सार्वजनिक यातायात के लिए वाहन आसानी से और किफायती मे मिल जाते है। पर खेडे गाँव या छोटे शहरों मे सार्वजनिक वाहनों की कमी होती है। इसलिए अगर आप ऐसी जगह रह रहे है, तो परिवार के लिए कार की जरुरत होती है।
should I buy a new car or used car? क्या नई कार खरीदना नही चाहीये?
अगर आपके परिवार के लिए गाडी की जरुरत है, तो आप second hand car खरीद कर जरुरत पुरी कर सकते है। पुरानी गाडी कैसे खरीदे, कौनसी चीजोंपर ध्यान दे, इसके लिए 16 मुद्दे जरुर पढे। आज भी कुछ लोग पुरानी गाडी खरीदना पसंत करते है। इस्तेमाल कर बेच देते है। फिर से दुसरी गाडी खरीदते है। इसे अलग अलग कार चलाने और मजे लेते है।
Conclusion – अगर आमदनी कम है, लेकीन पुरी फॅमीली के लिए कार की सक्त जरुरत है, तो आप second hand car खरीदना समझदारी है। पुरानी गाडी मे कुछ फायदे और नुकसान भी होता है। जानने के लिए इस ब्लॉग पर जरुर पढे।
problem in used cars बैटरी खराब होना, इंजन ऑईल लिकेज, टायर खराब, गियर बॉक्स मे दिक्क्त, warning light, wheel alignment, brake problem.
जब used car पहली बार लेते है तो जल्दबाजी मे कार खरीद लेते है। इसी कारन कई बार used car मे काफी प्रॉब्लेम होते है, जो खरीदने के बाद पता चलता है। जादा उत्साह के कारन जो जाँच करना जरुरी है, उसके अभाव से नुकसान होने की संभावना जादा होती है। कुछ कॉमन गलतियाँ करने से हमे बचना चाहिये।
Problem in used cars
Battery problems – What happens if your car battery is weak?
गाडी की चाबी लगाने के बाद पहले जिसे करंट पास होता है, और गाडी का इंजन शुरु होता है, जिस कारन गाडी चलती है, वो अगर खराब होती है, तो आपको जादा खर्चा करना पडता है। गाडी अगर तुरंत स्टार्ट नही होती है, या फिर उसके लाईट ठीक से नही जल रहे है। तो बैटरी चेक करना जरुरी है।
Does battery affect engine power?
बिल्कुल इंजन पर असर करता है। बैटरी खराब होने से गाडी का इंजन जादा गरम हो जाता है। इसी कारन इंजन के कुछ पार्ट खराब होने का कारन बन जाता है। कभी कभी बैटरी डाऊन होने के कारन भी यह दिक्कत आती है। पर हमे बारकाई से जाँच करना जरुरी है। गाडी डिलर या मालिक को यह बात पता होती है। फीर भी कुछ लोग नही बताते।
Engine Oil leakage – Can you drive a car with an oil leak? अगर गाडी का ऑयल लिकेज है तो क्या मै गाडी चला सकता हू?
गाडी चल तो सकती है, पर चलाना सही नही है। क्यूंकी गाडी का इंजन ऑयल का लेवल लिकेज के वजह से अगर कम हो जाता है, तो गाडी का इंजन के पार्टस खराब होने की संभावना जादा होती है। बार बार इंजन ऑयल की लेवल चेक करना पडता है।
यह सबसे बेकार प्रॉब्लेम है। अगर second hand car लेने से पहले गाडी के निचे झाँक कर जाँच करे। अगर ऑयल गला हुआ दिखता है। और आपका यकीन होता है की गाडी का ऑयल लिकेज है, तो आप गाडी ना खरीदे।
How much does it cost to fix an oil leak under a car?
गाडी का इंजन भले ही सही है, पर यह फॉल्ट दुर करने के लिए पुरा इंजन निकाल कर चेक करना पडता है। जीस कारन कंपनी फिटींग निकल जाती है। आगे गाडी के इंजन को जादा दिक्कत आ सकती है। ऑईल सील करने का किमत कम है, पर इंजन खोलना और फिर से बिठाना इसता खर्चा जादा आता है।
Tyre condition –
गाडी का टायर बाहर से तो अच्छा दिखाई देता है, पर टायर के अंदर से पुरा वायर निकल जाता है। कई बार जो बेचने वाले होते है, वो जादा मुनाफा कमाने के लिए खराब टायर पर उपरसे डिजाईन करवा लेते है। ऐसे टायर पर गाडी चलती है, तो शायद फटने का डर जादा होता है। जानलेवाँ हो सकता है।
गियर बॉक्स-
पुरानी गाडी के गियर आसानी से मुव नही होते है। शायद गियर बॉक्स का प्रॉब्लेम हो सकता है। अगर गियर चेंज करने मे हार्ड आता है, या अटक जादा है तो मैकेनिक से जाँच करावा ले।
Warning light – What could cause the check engine light to come on?
अगर गाडी के इंजर मे कुछ दिक्कत है, तो ड्रायव्हर के सामने बोर्ड पर वॉर्निग लाईट जलती है। अगर चेक इंजिन का लाईट आ जाता है, तो इसका मतलब है गाडी के इंजन मे कुछ गडबडी मची है। चेक इंजन दिखा रहा है फीर भी अगर गाडी चलाते है, तो शायद गाडी का इंजन जाम होकर जगह पर ही बंद पड सकती है। कभी कभी ऐसा भी होता है, की गाडी का सेन्सर खराब होनेकी वजह से भी चेक इंजन लाईट जलती है। गाडी की बैटरी खराब होने से या जादा दिनों तक गाडी अगर नही चली है, और बैटरी डाऊन है तो भी चेक इंजन का लाईट आ जाता है। लेकीन इसकी जाँच मेकेनिक से करवाना जरुरी होता है।
Wheel alignment – How much is a wheel alignment cost?
जब गाडी चल रही है, और अपने आप ही किसी एक साईड पर खिसक रही है, इसका मतलब गाडी का wheel alignment सही नही है। वक्त पर व्हील अलाईनमेंट करवाना जरुरी है। वरना गाडी के टायर एकसाईड घिस जाते है। व्हील अलाईनमेंट का केवल 200 से 400 रु. खर्च आता है। लेकीन अगर टायर खराब हो जाये तो 2500 से लेकर 6000 तक खर्च हो सकते है। गाडी पर निर्भर करता है।
इस तरह से आप जाँच कर ले सकते है। अगर मेकेनिक की मदत लेना सही है।
Conclusion – अगर आप को कार के बारे मे जानकारी है, तो आप उपर दिये गये प्रॉब्लेम पर जरुर ध्यान दे। इसके सिवाय अन्य 17 पॉईंट इस वेबसाईटपर दिये गये है। उसे चेक करे। used car खरीदने से पहले गाडी की tyre, engine oil, battery चेक करना बेहद जरुरी है। इसके सिवाय आप स्थानिय मेकेनिक की मदत जरुर ले।
Car Insurance Online, 21वी सदी में एक कार होना हर परिवार की जरुरत बन चुकी है और हम मिडिल क्लास लोग काफी मेहनत से नयी या purani gadi कार खरीदते है| लेकिन अचानक से हुआ रोड एक्सीडेंट, गाड़ी चोरी हो जाना या फिर कुदरती घटनाओं की वजह से कई बार ग्राहकों को अपनी कार से हाथ धो बैठना पड़ता है, या फिर उसे रिपेयर करवाने का खर्चा करना मुश्किल हो जाता है|
इसलिए अपनी New या Second Hand Car के लिए भी Vehicle Insurance लेना काफी जरुरी है, ताकि अगर किसी कारण से गाड़ी का नुस्कान होता है तो इंश्योरेंस कंपनी से आप Financial Coverage ले पाए| इसलिए यहां हम आपको भारत की टॉप 5 कार बीमा पॉलिसी के बारे में बता रहे है, तो पूरा लेख जरुर पढियेगा|
कार इंश्योरेंस चुनने वक्त ध्यान में रखने वाली बातें – Factors to Consider While Choosing Car Insurance
ईंधन का प्रकार – अगर आपके पास डीजल कार है तो आपके इंश्योरेंस की प्रीमियम पेट्रोल कार से ज्यादा आएगी, क्योंकि डीजल इंजन वाली गाड़ियाँ महँगी होती है और उनकी IDV (Insured Declared Value) भी ज्यादा होती है इसलिए उनका बीमा थोडा महंगा पड़ता है|
कवरेजकेप्रकार – आप जिस प्रकार की कवरेज चुनेंगे, इंश्योरेंस की प्रीमियम उसी हिसाब से कम ज्यादा होगी, लेकिन हम आपको कुछ पैसे बचाने के लिए जरुरी कवरेज के प्रकारों को त्यागने की सलाह नहीं देंगे|
थर्डपार्टीइंश्योरेंस – इंडियन रोड सेफ्टी एक्ट और इंडियन मोटर व्हीकल्स एक्ट के मुताबिक किसी भी गाड़ी को सड़क पर चलाने के लिए उसका थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होना जरुरी है|
मार्केटरिसर्च – एक सही इंश्योरेंस प्लान चुनने से पहले आपको मार्केट में मौजूद कुछ Insurance Policies को स्टडी करना चाहिए, फिर निर्णय लेना चाहिए|
5 बेहतरीन कार बीमा पॉलिसी – Top 5 Car Insurance Policies of 2023
भारत में मौजूद 5 लोकप्रिय कार इंश्योरेंस पॉलिसी निम्न मुताबिक़ है|
1. Bajaj Allianz Car Insurance
साल 2001 से आज तक Bajaj Allianz के Car Insurance Plans को देश के लाखों कस्टमर्स ने पसंद किया है| क्योंकि कंपनी अपने कस्टमर्स आपातकालीन स्थिति में तुरंत सहायता करती है और इनकी इंश्योरेंस पॉलिसीज Affordable भी होती है| Bajaj Allianz के कुछ ख़ास फीचर्स निम्न मुताबिक़ है|
गेराज नेटवर्क से 24×365 सपोर्ट
इंश्योरेंस खरीदना और रिन्यू करना आसान
किसी भी एक्स्ट्रा चार्ज बिना कैशलेस क्लेम विकल्प उपलब्ध
लॉक एंड की रिप्लेसमेंट कवर
Things They Cover:
कुदरती आपदाओं के खिलाफ कवर
Personal Accidents के खिलाफ कवर
Man-Made Disasters के खिलाफ कवर
थर्ड पार्टी लीगल लायबिलिटी
2. ICICI Lombard Car Insurance
भारत में नयी के साथ पुरानी गाड़ी खरीदने वाले ग्राहकों के बीच भी ICICI Lombard काफी लोकप्रिय है| क्योंकि इंश्योरेंस पॉलिसीज को ट्रान्सफर करना काफी आसान होता है, जिसके अलावा इनकी निम्न विशेषताएँ है|
इंश्योरेंस को रिन्यू करना बेहद आसान
4600 गेराज के बड़े नेटवर्क पर कैशलेस सुविधा उपलब्ध
रोडसाइड असिस्टेंस खरीदना आसान
No Claim Bonus फीचर से रिन्यू के वक्त करीब 50% तक प्रीमियम में डिस्काउंट
Things They Cover:
भूकंप, बाढ़, आग और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ कवर
चोरी, एक्सीडेंट, टेररिज्म के खिलाफ कवर
इंस्टेंट क्लेम सेटलमेंट
3. Digit Car Insurance
2023 में ग्राहक डिजिट कार इंश्योरेंस लेना काफी पसंद कर रहे है, क्योंकि डिजिट की आसान सेल्फ इंस्पेक्शन और मोटर क्लेम प्रोसीजर्स काफी फायदेमंद है| वहीं इस बीमा कंपनी की कुछ अन्य विशेषताएँ निम्न मुताबिक़ है|
कार पिकअप, ड्रॉप और रिपेयर सर्विसीज
96% क्लेम सेटलमेंट रेश्यो
पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस उपलब्ध
Things They Cover:
नो क्लेम बोनस
थर्ड पार्टी कवरेज
4. Acko Car Insurance
इस car insurance online ब्रांड से आप कुछ ही स्टेप्स में अपनी कार की इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकते हो, वहीं Acko से Insured Car का Insurance Claim करना भी काफी आसान है, इसके अलावा Acko के कुछ फीचर्स निम्न मुताबिक है|
24/7 इमरजेंसी असिस्टेंस
जीरो डेप्रिसिएशन विकल्प मौजूद
इंश्योरेंस खरीदना और रिन्यू करना आसान
Things They Cover:
थर्ड पार्टी कवरेज
50% तक नो क्लेम बोनस
5. Cholamandalam MS Car Insurance
चोलामंडलम कंपनी के पास third-party, standalone own-damage और comprehensive coverage जैसे विभिन्न प्रकार के इंश्योरेंस प्लान्स उपलब्ध है| जिसमें से ग्राहक अपनी चुनिन्दा car insurance policy चुन सकता है, इसके अलावा चोलामंडलम इंश्योरेंस की कुछ विशेषताएँ निम्न मुताबिक़ है|
24/7 कस्टमर सपोर्ट
क्लेम अमाउंट की Instant Disbursement
जीरो डेप्रिसिएशन और नो क्लेम बोनस का विकल्प उपलब्ध
Things They Cover:
थर्ड पार्टी प्रॉपर्टी डैमेज
Natural और Man Made Disasters के खिलाफ कवरेज
चोलामंडलम के 6900 गेराज नेटवर्क पर कैशलेस क्लेम सेटलमेंट उपलब्ध
निष्कर्ष – Conclusion
तो ये थे हमारे हिसाब से 2023 में भारत के 5 सबसे बेहतरीन इंश्योरेंस| आखिर में हम आपको यही सलाह देंगे कि Vehicle Insurance लेने में कभी आलस मत कीजिये और मार्किट रिसर्च करके अपने लिए एक Best Car Insurance Policy चुनिए|
इंश्योरेंस और सेकंड हैंड कार्स से जुड़े अगर आपके कोई सवाल है तो आप हमसे कमेंट में पूछ सकते है, धन्यवाद|
एक स्टेट से old car दुसरे स्टेट transfer vehicle registration number करनी है, तो आपको जानकारी होनी जरुरी है। olx.in जैसे साईट पर Second hand cars in Delhi सर्च करेंगे तो आपको दिल्ली शहर की गाडी दिखाई देगी। उसी तरह आप किसी भी स्टेट की गाडी देख सकते है। दिल्ली मे old car काफी सस्ती मिलती है। वहाँ पोलुशन जादा होने के कारण गाडी सिर्फ 10 साल चलने के बाद स्क्रॅप कर दी जाती है।
राजधानी दिल्ली मे सैकेंड हैंड गाडी सस्ती मिलती है। अगर आप दिल्ली जैसे अन्य कोई भी राज्य से गाडी खरीद कर अपनी राज्य मे गाडी ले जाते है, तो उसका दोबारा रजिस्ट्रेशन करना जरुरी होता है। या फीर कुछ लोगों की एक राज्य से दुसरे राज्य मे नौकरी ट्रान्सफर हो जाती है, तब अपनी अच्छी गाडी दुसरी जगह ले जाना पडता है। तब जरुरत होती है गाडी ट्रान्सफर करवाना।
अगर आपको purani gadi किसी राज्य मे अच्छी कंडीशन मे मिल रही है। जब की इस वेबसाईट पर दि गयी सब 16 पॉईंट पूरी तरह जाँच लि है, तो आपको अभी गाडी ट्रान्सफर करना जरुरी है। उसके लिए आपको निचे दिये गये document जरुरी होते है।
No Objection Certificate (NOC) जिस स्टेट से आप गाडी ट्रान्सफर कर रहे है, उसी स्टेट के RTO
Chassis print
Form 28 (4 copy)
इस तरह से आप document ready कर ने के बाद parivahan वेबसाईटपर अर्जी कर सकते है। जिस स्टेट से आप गाडी ट्रान्सफर कर रहे हो,उस स्टेट के RTO का आपको NOC जरुरी होता है। उसकी भी मुदत होती है। आपको दिये गये समय मे ही पुरी प्रोसेस करनी पडेगी। जैसे की अगर आप Delhi से Mumbai गाडी ला रहे है। तो पहले आपको Delhi RTO की NOC लेनी है। उसके बाद आपको गाडी Mumbai मे लानी है। इस दौरान आपको रोड टॅक्स और सर्विस टॅक्स भरना पडता है।
हर स्टेट मे यह टॅक्स अलग अलग होता है। किसी स्टेट मे जादा तो किसी मे कम होता है। पहले वाले स्टेट मे जादा टॅक्स भरा है, तो जिस जगह ट्रान्सफर करना है उसी स्टेट मे आपको बचा टॅक्स वापस मिलता है। पर अगर जादा है तो आपको भरना पडता है। old car पर बँक का लोन है, तो आपको बँक भी NOC लेनी पडेगी।
जादातर LOAN PAID होने की बाद भी गाडी के RC BOOK पर बोजा उतरना पडता है। लोन खत्म होने के बाद बँक से लेटर लिखवाकर RTO मे खबर देनी पडती है। तब गाडी के RC BOOK पर आपका नाम आ जाता है। गाडी ट्रान्सफर करते समय इसका भी ध्यान रखना जरुरी है, वरना आपको बार बार पुरानी जगह चक्कर काटने पड सकते है।
old car लेते समय इन बातोंपर जादा ध्यान रखना पडता है। अगर आपके पास समय है, तो आप नई नई जगह जाकर गाडी देख सकते है। लेकीन पुरी सावधानी बरसनी जरुरी है। वरना कई चोरी की गाडी या कबाड भी मिल सकता है। इसलिए किसी मेकेनिक से जरुर सलाह ले।
अपने भरोसे का मेकेनिक रहेगा तो आपको सही सलाह देगा। इतना ही नही अगर आप नयी जगह ट्रान्सफर करने के बाद उसका नंबर भी बदल सकते है। जैसे की अगर गाडी delhi की है तो उसका रजिस्ट्रेशन नंबर DL से होगा। यह गाडी अगर आप महाराष्ट्र मे ट्रान्सफर करेंगे तो उसका नंबर MH कर सकते है। इसके लिए आप अपनी नजदीके RTO से संपर्क करे। old car अगर आपको पसंद आयी है, और आपके बजट मे है और आप खरीदने की सोच रहे है, तो आपको इस बातों का ध्यान जरुर रखना होगा।
एजंट से केवल गाडी ट्रान्सफर करना ही काम नही है।आपको इस बारे मे पुरी जानकारी होनी जरुरी है। अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी तो जरुर लाईक और कमेंट करना।
Car air bag compulsory – भारत सरकार द्वारा जनवरी, 2022 को एक अधिसूचना जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि 1 अक्टूबर, 2022 के बाद निर्मित एम 1 श्रेणी के वाहनों को दो साइड / साइड टोरसो एयर बैग से सुसज्जित किया जाएगा, प्रत्येक में फ्रंट रो आउटबोर्ड बैठने वाले व्यक्तियों के लिए एक-एक होगा। पोजीशन, और दो साइड कर्टेन/ट्यूब एयर बैग्स, एक-एक आउटबोर्ड पर बैठने वाले व्यक्तियों के लिए अनिवार्य रहेगा।
लेकीन इतनी बडी मात्रा पर एअर बॅग उपलब्ध होने पर दिक्कत आ सकती है। इसलिए इस अधिसूचना के केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को घोषणा की कि एक यात्री कार में छह एयरबैग के अनिवार्य कार्यान्वयन की समय सीमा को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है, यानी 01 अक्टूबर, 2023 से इस अधिसूचना जारी रहेगी। प्राावमंत्री ऑटो उद्योग द्वारा सामना की जा रही वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधाओं और व्यापक आर्थिक परिदृश्य पर इसके प्रभाव के कारण समय सीमा बढ़ा दी गई है। ।
इस साल की शुरुआत में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक बयान में कहा कि पार्श्व प्रभाव के खिलाफ मोटर वाहन के रहने वालों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए, केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन करके सुरक्षा सुविधाओं को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
इस रुख ने ऑटोमोबाइल निर्माताओं के साथ उच्च लागत की चिंताओं को उठाया था, यह कहते हुए कि इस उपाय से कम लागत वाले ऑटोमोबाइल की बिक्री पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। यह उन ऑटोमोबाइल कंपनियों पर अधिक दबाव डालने की उम्मीद थी जो पहले से ही उच्च कीमतों का सामना कर रही हैं।
गडकरी ने इस महीने की शुरुआत तक इन दावों का खंडन किया था और दावा किया था कि कार में लगे प्रत्येक अतिरिक्त एयरबैग की कीमत केवल रु। वाहन निर्माता को 900। उन्होंने कहा कि यह अनुचित है कि भारत से निर्यात की जाने वाली कारों में उन्हीं मॉडलों की तुलना में अधिक सुरक्षा विशेषताएं होती हैं जो देश में बेची जाती हैं।
lack of car airbag
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में पूरे भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 1.55 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई – औसतन 426 दैनिक या हर एक घंटे में 18 – जो किसी भी कैलेंडर वर्ष में दर्ज की गई सबसे अधिक मौत का आंकड़ा है।
‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं – 2020’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार, 11 प्रतिशत से अधिक मौतें और चोटें सीट बेल्ट का उपयोग न करने के कारण हुईं।
केंद्रीय मंत्री गडकरीजी ने कहा की, “मोटर वाहनों में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों की सुरक्षा उनकी लागत और वेरिएंट की परवाह किए बिना सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता है।”
गडकरी ने 13 सितंबर को कहा कि भारत में अधिकांश ऑटोमोबाइल निर्माता पहले से ही छह एयरबैग वाली कारों का निर्यात कर रहे हैं, और देश में कारों के लिए समान सुरक्षा मानदंडों को अपनाने की आवश्यकता है, उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें छोटी अर्थव्यवस्था वाली कारों का उपयोग करने वाले लोगों की सुरक्षा के बारे में भी सोचना चाहिए।
ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए, गडकरी ने कहा कि हर साल लगभग 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं 1.5 लाख लोगों की जान लेती हैं और 3 लाख से अधिक घायल हो जाते हैं।
उन्होंने कहा, “भारत में अधिकांश ऑटोमोबाइल निर्माता 6 एयरबैग वाली कारों का निर्यात कर रहे हैं। लेकिन भारत में, आर्थिक मॉडल और लागत के कारण, वे झिझक रहे हैं,” उन्होंने कहा।
गडकरी ने आश्चर्य जताया कि ऑटोमोबाइल निर्माता भारत में इकॉनमी कारों का उपयोग करने वाले लोगों के जीवन के बारे में क्यों नहीं सोच रहे हैं। ज्यादातर, निम्न मध्यम वर्ग के लोग छोटी अर्थव्यवस्था वाली कारें खरीदते हैं।
एक एयरबैग एक वाहन अधिभोगी-संयम प्रणाली है जो टक्कर के दौरान चालक और वाहन के डैशबोर्ड के बीच हस्तक्षेप करती है, जिससे गंभीर चोटों को रोका जा सकता है।