New car vs used car in India

इस आर्टीकल को पढने के बाद आप नई कार लेने से पहले सौ बार सोचेंगे

new car vs used carr

नई कार की 50 प्रतिशत किमत आप सरकार को दे रहे है।

क्या नई कार से पुरानी कार खरीदना बेहतर है।

New car vs used car which is better?

अगर आपके मन यह सवाल है, तो आगे जरुर पढे।

           दरअसल हर मिडल क्लास फॅमिली का सपना होता है, अपनी खुद की कार खरीदना। अच्छी नौकरी मिलते ही, घर और फिर कार खरीदना अब आसान हो चुका है। लोगों की बढती आय और दुसरे से प्रतियोगीता करने का ख्वाब। लोन पर खरीदना और भी आसान है। अगर आपकी आमदनी काफी है, तो कार लेने मे कोई दिक्कत नही है। पर अगर कार लेने से आपको महिने के आखिर मे पैसो की कमी होती है, तो आपको इसपर विचार जरुर करना होगा।

Gst on new car vs used car

         जब गाडी लेने की सोचते है, तो गाडी की किमत देखते है। ऑनलाईन तो गाडी की ex showroom price पता चलती है। मानलो आप Hyundai कंपनी की hatchback car i10 लेने की सोच रहे है। गाडी की ex showroom price है 584350/- अब इसपर gst 18% है। और 1% cess कुल मिलाकर 29% टैक्स जाता है। ये सब गाडी की ex showroom price मे होते है।अगर टैक्स नही लगाते या कम होता तो गाडी की किमत भी कम होती। गाडी का इंजन capacity और गाडी की लंबाई पर gst तय किया जाता है।

कार जब पुरानी हो जाती है, तो उवकी वैल्यु कम हो जाती है। gst का कोई सवाल नही होता।

 LengthEngine CCGSTCESS
LPG/CNG/PETROL4 meter1200cc18%1%
Diesel4 meter1500cc18%3%
PETROL/DIESEL/CNG<4 meter<1500cc18%17%
SUV<4 meter<1500cc18%22%

अगर आप लक्झरी कार खरीदते है, तो आप 50 प्रतिशत टैक्स गव्हर्नमेंट को देते है।

New car vs used car pros and cons

              RTO टैक्स करीबन 7% होता है। car insurance अनिवार्य है। जो नयी गाडी मे 25000 से लेकर 32000 तक होता है। गाडी खरीदते समय लेना पडता है। इसके बाद हर साल 3500 से 6000 तक इन्शुरन्स भरना पडता है। गाडी के Value पर निर्भर होता है। हर साल गाडी की किमत कम होती जाती है। उसी तरह इन्शुरन्स कम होते जाता है। हर साल अंदाजा 10 प्रतिशत किमत कम होती है। आनेवाले 5 सालों मे उसकी किमत 50 प्रतिशत कम होती है।

                भारत मे जादा तर लोग लोन पर गाडी खरीदते है। लोने लेते समय 20 प्रतिशत down payment करना पडता है। कुछ ऑफर मे 0 down payment मे भी होते है। गाडी का लोन 3 साल से 7 साल तक होता है। कार लोन पर 9 प्रतिशत ब्याज बैंक लेती है।

                 गाडी को चलाने के लिए fuel की जरुरत है। अगर पेट्रोल गाडी है। गाडी लेने वाला अगर हर दिन 30km एवरेज भी गाडी चलाते है, तो महिने का 800km गाडी का रनिंग हो जाता है। घुमने फिरने जाते है, तो और बढ भी जाता है। गाडी का मायलेज 15 से 20 का होता है। इसे महिने का 53 ltr पेट्रोल लगता है।

अगर आज की बात करे तो पेट्रोल 100-107/ltr है। 106/लिटर से 5618 रु. हर महिने खर्च आता है। अगर गाडी 5 साल चलाते है, तो 337080 तक खर्च हो जायेंगे। उसके बाद मेंटेनन्स खर्च हर साल 4000-5000 तक आता है। जिसमे पार्ट्स, मेंटेनन्स, रिपअर आता है। उसका 5 साल के लिए 25000रु.

अभी हम देखते है, गाडी की असली किमत कितनी होती है।

Ex showroom price – 584350/-

RTO Passing –        40904/-

Insurance –           30000/-

Loan 80% (9% ROI) 210364/-

Fuel                 337080/-

Maintenance         25000/-

Total cost           1227698/-

New car vs old car total cost

            उपर दिये गये आंकडे अंदाजा लगाये है। लेकीन जादा फर्क नही है। आप निश्चित कर के देखे। जो गाडी ex showroom price  584350 मे है, वह आपको 1227698 जेब से खर्च करवाती है। अन्य चीजें जैसे घर लेते है, तो उस लोन पर भी ब्याज होता है। लेकीन उसपर टैक्स के लिए छुट है। सिवाय घर का दाम सालो साल बढता जाता है। और बात करे रोज के इस्तेमाल की तो गाडी की बढती मांग के कारण रास्तों पर ट्राफीक जाम की समस्याए महानगरोमें जादा है। जिस कारण वक्त जादा बर्बाद हो जाता है।

कुल मिलाकर नई गाडी लेना महंगा पड जायेगा। महानगरों मे सार्वजनिक यातायात के लिए वाहन आसानी से और किफायती मे मिल जाते है। पर खेडे गाँव या छोटे शहरों मे सार्वजनिक वाहनों की कमी होती है। इसलिए अगर आप ऐसी जगह रह रहे है, तो परिवार के लिए कार की जरुरत होती है।

should I buy a new car or used car? क्या नई कार खरीदना नही चाहीये?

            अगर आपके परिवार के लिए गाडी की जरुरत है, तो आप second hand car खरीद कर जरुरत पुरी कर सकते है। पुरानी गाडी कैसे खरीदे, कौनसी चीजोंपर ध्यान दे, इसके लिए 16 मुद्दे जरुर पढे। आज भी कुछ लोग पुरानी गाडी खरीदना पसंत करते है। इस्तेमाल कर बेच देते है। फिर से दुसरी गाडी खरीदते है। इसे अलग अलग कार चलाने और मजे लेते है।

Conclusion – अगर आमदनी कम है, लेकीन पुरी फॅमीली के लिए कार की सक्त जरुरत है, तो आप second hand car खरीदना समझदारी है। पुरानी गाडी मे कुछ फायदे और नुकसान भी होता है। जानने के लिए इस ब्लॉग पर जरुर पढे।

एक स्टेट से दुसरे स्टेट अपनी खरीदी old car कैसे ट्रान्सफर करे? 6 point before vehicle Registration Number from One State to Another State

old car

Process of transfer of ownership of old car/used car.

एक स्टेट से old car दुसरे स्टेट transfer vehicle registration number करनी है, तो आपको जानकारी होनी जरुरी है। olx.in जैसे साईट पर Second hand cars in Delhi सर्च करेंगे तो आपको दिल्ली शहर की गाडी दिखाई देगी। उसी तरह आप किसी भी स्टेट की गाडी देख सकते है।  दिल्ली मे old car काफी सस्ती मिलती है। वहाँ पोलुशन जादा होने के कारण गाडी सिर्फ 10 साल चलने के बाद स्क्रॅप कर दी जाती है।

राजधानी दिल्ली मे सैकेंड हैंड गाडी सस्ती मिलती है। अगर आप दिल्ली जैसे अन्य कोई भी राज्य से गाडी खरीद कर अपनी राज्य मे गाडी ले जाते है, तो उसका दोबारा रजिस्ट्रेशन करना जरुरी होता है। या फीर कुछ लोगों की एक राज्य से दुसरे राज्य मे नौकरी ट्रान्सफर हो जाती है, तब अपनी अच्छी गाडी दुसरी जगह ले जाना पडता है। तब जरुरत होती है गाडी ट्रान्सफर करवाना।

अगर आपको purani gadi किसी राज्य मे अच्छी कंडीशन मे मिल रही है। जब की इस वेबसाईट पर दि गयी सब 16 पॉईंट पूरी तरह जाँच लि है, तो आपको अभी गाडी ट्रान्सफर करना जरुरी है। उसके लिए आपको निचे दिये गये document जरुरी होते है।

   6 points before transfer old car –

  1. गाडी की रजिस्ट्रेशन कार्ड (RC Book)
  2. गाडी का इन्शुरन्स (Insurance policy)
  3. PUC (Polltion Under Certificare)
  4. No Objection Certificate (NOC) जिस स्टेट से आप गाडी ट्रान्सफर कर रहे है, उसी स्‍टेट के RTO
  5. Chassis print
  6. Form 28 (4 copy)

इस तरह से आप document ready कर ने के बाद parivahan वेबसाईटपर अर्जी कर सकते है।  जिस स्टेट से आप गाडी ट्रान्सफर कर रहे हो,उस स्टेट के RTO का आपको NOC जरुरी होता है। उसकी भी मुदत होती है। आपको दिये गये समय मे ही पुरी प्रोसेस करनी पडेगी। जैसे की अगर आप Delhi से Mumbai गाडी ला रहे है। तो पहले आपको Delhi RTO की NOC लेनी है। उसके बाद आपको गाडी Mumbai मे लानी है। इस दौरान आपको रोड टॅक्स और सर्विस टॅक्स भरना पडता है।

हर स्टेट मे यह टॅक्स अलग अलग होता है। किसी स्टेट मे जादा तो किसी मे कम होता है। पहले वाले स्टेट मे जादा टॅक्स भरा है, तो जिस जगह ट्रान्सफर करना है उसी स्टेट मे आपको बचा टॅक्स वापस मिलता है। पर अगर जादा है तो आपको भरना पडता है। old car पर बँक का लोन है, तो आपको बँक भी NOC लेनी पडेगी।

जादातर LOAN PAID होने की बाद भी गाडी के RC BOOK पर बोजा उतरना पडता है। लोन खत्म होने के बाद बँक से लेटर लिखवाकर RTO मे खबर देनी पडती है। तब गाडी के RC BOOK पर आपका नाम आ जाता है। गाडी ट्रान्सफर करते समय इसका भी ध्यान रखना जरुरी है, वरना आपको बार बार पुरानी जगह चक्कर काटने पड सकते है।

old car लेते समय इन बातोंपर जादा ध्यान रखना पडता है। अगर आपके पास समय है, तो आप नई नई जगह जाकर गाडी देख सकते है। लेकीन पुरी सावधानी बरसनी जरुरी है। वरना कई चोरी की गाडी या कबाड भी मिल सकता है। इसलिए किसी मेकेनिक से जरुर सलाह ले।

अपने भरोसे का मेकेनिक रहेगा तो आपको सही सलाह देगा। इतना ही नही अगर आप नयी जगह ट्रान्सफर करने के बाद उसका नंबर भी बदल सकते है। जैसे की अगर गाडी delhi की है तो उसका रजिस्ट्रेशन नंबर DL से होगा। यह गाडी अगर आप महाराष्ट्र मे ट्रान्सफर करेंगे तो उसका नंबर MH कर सकते है। इसके लिए आप अपनी नजदीके RTO से संपर्क करे। old car अगर आपको पसंद आयी है, और आपके बजट मे है और आप खरीदने की सोच रहे है, तो आपको इस बातों का ध्यान जरुर रखना होगा।

एजंट से केवल गाडी ट्रान्सफर करना ही काम नही है।आपको इस बारे मे पुरी जानकारी होनी जरुरी  है। अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी तो जरुर लाईक और कमेंट करना।