New Tubeless tyre और normal tyre मे क्या फर्क है? 3 benefit of tubeless tyre.

tubeless tyre
tubeless tyre
cars tyre

What is the difference between a tubeless tyre and a normal tyre?

आज के तारीख मे नयी गाडी मे tubelss tyre ही आते है। पर अगर आपने (second hand cars) पुरानी गाडी खरीदी है तो आपको ये बात भी ध्यान मे रखना है की गाडी का टायर कौनसा है। टयुबलेस टायर है या नॉर्मल टायर है। टयुबलेस टायर मे टयुब नही होती। सिधे गाडी के ट्रीम पर टायर लगा रहता है। नॉर्मल टायर मे टयुब होती है। अब हम जानेंगे कौनसा टायर लगवाना सही है। उसके फायदे और नुकसान क्या है।

Advantages of tubeless Tyre

टयुबलेस टायर रही गाडी काफी स्मुथ चलती है। vibration काफी कम होता है। टायर का वजन कम रहता है, जिस कारण मायलेज अच्छा मिलता है। इसी कारण इंजन का लाईफ बढ जाता है। यह टायर अगर पंक्चर होता है फीर भी गाडी करीबन 10-12 कि.मि. तक भी जा सकती है। अपने घर तक या गैरेज तक गाडी जा सकती है। लेकीन normal टायर पंक्चर होनेपर तुरंत सब हवा निकल जाती है। जिस कारण गाडी आग नही चल सकती। tubeless tyre का पंक्चर निकालना काफी आसान है। केवल कुछ सोलुशन या स्टिक लगा के कम समय मे पंक्चर निकाल सकते है। लेकीन normal tyre मे काफी समय लगता है। गाडी की रिम खोलने पडती है।

यह टायर ठीक तरह बिठाना जरुरी है। वरना इसे नुकसान होने का संभव है। tubeless tyre butyle रबर से बनायी जाते है। जिस कारण हवा का निकलने की संभावना ना के बराबर होती है। यह टायर हलके होते है, जिस कारन इसकी मुव्हमेंट मे आसानी से होती है और पेट्रोल/डिजल का जलना कम होता है। गाडी चलते समय tubeless tyre नॉर्मल टायर के तुलना मे कम गरम होते है। उसी जादा तर टायर गरम होने के वजह से फटते है। यह टायर कम गरम होने से फटने का खतरा कम हो जाता है। आजकल nitrogen air भरते है। जिससे टायर की लाईफ और बढ जाती है। nitrogen air के बारेंमे इस वेबसाईट पर जादा जानकारी दि गयी है।

Disadvantages of tubeless tyre – टयुबलेस टायर रिम बिठाना सभी मेकेनिक को संभव नही होता। इसके लिए सही जानकारी होनी जरुरी है। टयुबलेस टायर अगर पंक्चर हो जाता है, तो ठीक भी करे फीर भी उसका लाईफ कम ही हो जाता है। नॉर्मल टायर के तुलना मे इसकी किमत भी जादा होती है।

भारत मे tubeless tyre बनानी वाली कंपनी MRF TYRE, फ्रान्स की कंपनी Michelin और जापान की bridgestone कंपनी के टायर सबसे जादा बिके जाते है। इसके अलावा और भी कंपनी की टयुबलेस टायर मिलते है। लेकीन MRF, Michelin, bridgestone  कंपनीयो की टायर की क्वालीटी अच्छी होती है।tubeless टायर मे हवा का दबाव हर हप्ते जाँच करना जरुरी है।

tubeless tyre

Conclusion of tubeless tyres –

Tubeless tyre सुरक्षित माना जाते है। इससे आपका पेट्रोल/डिजेल भी कम खर्च हो जाता है। यानी मायलेज अच्छा मिल जाता है। गाडी के इंजन का लाईफ बढ जाता है। अगर आपने purani gadi खरीदी है, तो इस बात पे जरुर ध्यान दे। गाडी खरीदते समय टायर कौनसी है। अगर टयुबलेस टायर नही है, लेकीन उसका रिंग टयुबलेस टायर लगवाने के लायक है तो आप टायर लगवा सकते है। लेकीन उसका खर्चा ग्रहण कर किमत तय करे। purani gadi खरदीते समय कमसे कम 16 पॉईंट ध्यान रखना जरुरी है।

Nitrogen vs air in tires – क्या गाडी  के टायर मे nitrogen air भरना सही है या नही?

आप जानना चाहते है क्या फर्क है Nitrogen vs air in tires। कुछ साल पहले हर एक गाडी मे साधारण हवा भरी जाती थी। पर अब nitrogen gas के पम्प भी दिखाई देते है। साधारण हवा के तुलना मे nitrogen air टायर मे भरना महंगा होता है। तो लोगों के मन मे ये सवाल आता है,  कि वे अपनी गाडी के टायर मे कौनसी हवा भरे? Nitrogen vs air in tires या साधारण हवा.

Nitrogen vs air in tires
Nitrogen VS air in tyres

               जब गाडी के टायर मे साधारण हवा भरी जाती है, तो हवा मे जो अणु होते है वो अंदर जाते है। जिसमे nitrogen 78% oxigen 21% और अन्य वायु 1% होते है। साधारण हवा मे ऑक्सीजन 21 प्रतिशत होती है। ऑक्सीजन के अणु नायट्रोजन के तुलना मे छोटे होते है। जब गाडी चलती है तब यह ऑक्सीजन के अणु बाहर निकलने के मात्रा जादा होता है।

इसलिए आपको हर हप्ते अगर गाडी नही भी चली तो भी हवा चेक करना जरुरी होता है। इसके अलावा नायट्रोजन के अणु ऑक्सीजन के अणु से बडे होने के कारण बाहर निकलने का प्रमाण कम होता है। इसलिए नायट्रोजन गॅस जादा दिनो तक टायर मे रहती है। अगर साधारण हवा 15 से 20 दिनों तक टायर रहती है, तो nitrogen हवा 3 से 4 महिनों तक रहती है।

Nitrogen air in tires – Nitrogen vs air in tires

गाडी रास्ते पे चलती समय उसका टायर जमीन पर घीसते है, तो उनका तापमान बढ जाता है। टायर मे ऑक्सीजन की मात्रा मौजुद होने के कारण जादा तापमान बढ जाता है। जिस कारण टायर का आयु कम होता है। इसके विरुध अगर nitrogen air अगर टायर मे भरते है, तो नायट्रोजन का गुणधर्म है ठंडा होने के कारण टायर मे जादा तापमान नही बढता। तापमान बढने से टायर मे आनेवाली स्क्रॅम्प नही आते है और टायर का लाईफ बढ जाता है।

            साधारण हवा मे नायट्रोजन के साथ अन्य हवा भी टायर मे जाती है, उस कारण एक गिलापन अंदर आता है। जो टायर का अंदरुनी भाग खराब होने के साथ रिम को जंग पकडने मे कारन बन जाता है। नायट्रोजन हवा सुखी होने के कारण अंदर से गिलापन नही होता। नायट्रोजन गॅस भरने से टायर मे हवा सही मात्रा मे रहने से गाडी का माईलेज बढ जाता है। गाडी के टायर का प्रेशर सही होने से अन्य पार्ट पर दबाव नही बढता।

Nitrogen air pump near me

अगर आप नई जगह सफर कर रहे है, तो google map पर nitrogen air pump near me सर्च करेंगे तो आपको नजदीका पंप मिलेगा। अगर आपको अपनी गाडी मे nitrogen air भरना है, तो पहले साधारण हवा पुरी तरह से निकाल देनी चाहिए। साधारण हवा के साथ नायट्रोजन हवा मिक्स ना करे। वरना आपको उसका फायदा नही मिलेगा।

साधारण हवा के तुलना मे नायट्रोजन हवा महंगी होती है। कई पेट्रोल पंप पर साधारण हवा मुफ्त मे भरी जाती है। नायट्रोजन हवा भरने के लिए जादा पैसे देने पडते है।

गाडी के टायर मे क्या नायट्रोजन हवा भरने से पंक्चर होने का संभव कम है?

टायर पंक्चर होने से इन दोनो हवा मे काई संबंध नही है।

          तो अगर आपके मन मे ये सवाल है की, गाडी के टायर मे nitrogen air भरना है या नही? तो ये निर्भर करता है, आपके जरुरत के नुसार। अगर आपकी दो पैयो वाली गाडी है तो उसमे नायट्रोजन गैस भरना कोई जरुरत नही है। क्यूँ की एक तो इसका इस्तेमाल कम होता है। इसका टायर भी जादा महंगा नही होता। अगर नायट्रोजन गैस की भरने की किमत और टायर का लाईफ का विचार किया जाय तो ये सही नही है। इसके सिवा अगर आपके पास कार है, जिसका एवरेज इस्तेमाल होता है तो उसमे भी नायट्रोजन गैस भरना जरुरी नही है।

लेकीन अगर स्पोर्टस कार या हेवी गाडी (types of cars) है तो इसमे नायट्रोजन गैस भरना फायदेमंद साबीत होगा। अगर गाडी 8 से 10 हजार कि.मी. महिनों मे चलती है, तो गाडी मे नायट्रोजन गैस भरना योग्य है। इसके सिवाय अगर गाडी का इस्तेमाल बहोत कम है, गाडी जादा दिनों तक एकही जगह पर खडी रहती है, तो नायट्रोजन हवा भरने से जादा दिनों टायर मे हवा बनी रहेगी। साधारण हवा के तुलना मे nitrogen air pump कम जगह उपलब्ध होता है।

Conlusion

Nitrogen vs air in tires – साधारण हवा के तुलना मे नायट्रोजन हवा काफी महंगी है। हर जगह उपलब्ध नही है। केवल heavy गाडी के लिए या फीर जादा चलने वाली गाडी के लिए सही है। साधारण हवा हर जगह आपको मिलेगी। एवरेज गाडी चलने के लिए ठीक है।