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Second hand cars guide. How to buy used car?

Welcome!

क्या आप second hand car खरीदने की सोच रहे है। या फिर आपने कोई पुरानी गाडी खरीदी है। आपके मन मे ये सवाल आते है?

Second hand cars in India
second hand car guide

कौनसी कंपनी की गाडी ले?

कम मेंटेनंन्सवाली गाडी कौनसी है?

बजट कैसे तय करे?

गाडी की किमत कैसे तय करे?

गाडी खरीदने से पहले कौनसे पॉईंट चेक करना जरुरी है? CLICK

अगर आपके पास गाडी है, तो उसका खयाल कैसे रखे?

       इन सवालों का जवाब ईस ब्लॉग पर देनी की पुरी कोशीश की है। तो आप इस ब्लॉग पर आपका स्वागत है। इस ब्लॉग पर आपको पुरी जानकारी मिलेगी।

भारत मे पुरानी गाडी की मांग तेजी से बढ रही है। दोस्तों इस वेबसाईट पर आपको सैकेंड हैंड कार ।(Second hand car) खरीदने के बारेमे पूरी जानकारी दी गई है।‍ जिसे पुरानी गाडी, Used car, old car, pre owned car, resale car भी कहा जाता है। कार के संबंधी आनेवाले सभी जानकारी देने की कोशिश की गयी है।

इस वेबबसाईट पर आपको second hand car खरीदने से पहले जो जानकारी जाहीए ओ बतायी गयी है। जैसे कार खरीदने का मकसद नुसार चॉईस करे। Second hand car  के फायदे और नुकसान। कार खरीदने से पहले 16 चेक पॉईंट check point है। पुरानी गाडी कहाँसे खरीदे इसकी भी जानकारी दी गई है। गाडी के साईज के नुसार कितने प्रकार types of cars होते है। गाडी का Insurance policy कौनसी लेनी चाहीए। इस तरह के हर सवाल का जवाब देने का प्रयास किया है। अगर इस विषय के बारेमे आपके सवाल है, तो जरुर हमे comment करे।

बडे बडे शहरोंमे पब्लिक ट्रान्सपोर्ट यानी सार्वजनिक परिवाहन की सुविधांऍ जाता होती है।

सार्वजनिक परिवाहन की सुविधाँए काफी होने के बावजुद भी कुछ लोग व्यक्तीगत ट्रान्सपोर्ट के लिए कार क्यू खरीदते है?

क्योंकी, बडे शहरोंमे ,तैसे मुम्बई बंगलोर, दिल्ली, लखनौ, पटना, आदि इन शहरोंमे औदयोगिक क्षेत्र जादा होने के कारण यहाँ रहनेवाले लोगोंकी आमदनी जादा होती है। शहरोंमे जादातर लोग व्यापार (business), नौकरी करते है, और उनकी आय (income) बढती है। आय बढने के कारण लोगोंकी जीवनशैली उंची हो जाती है। तो उसे बनाया रखने के लिए और अपनी सामाजिक स्थिती यानी Status को बनाया रखने के लिए लोक कार खरीदते है।

    इन बडे शहरों मे लोगों को एक जगह से दुसरी जगह जाने के लिए सार्वजनिक परिवाहन आसानीसे और किफायत दामपे उपलब्ध होते है। जैसी की मुम्बई मे local train स्थानिय रेल, रिक्शा, टॅक्सी जैसी सुविधा होती है। सिवाय ola, uber तो बहौत ही अच्छी सेवा और सुरक्षित माना जाता है।

अगर आप middle class यानी मध्यम वर्ग परिवार से है और नई कार afford नही कर पाते, तो हम आपको सुझाव देंगे की आप कार ना खरीदे। क्यूँकी कार एक सफेद हाथी जैसा होती है। जीसे रोज खर्चा करना पडता है। यानी कार की Insurance policy, PUC, Fastag, maintenance,  कार पार्किंग जगह का किराया अगर आप बिल्डींगमे रहते हो, सब पर खर्च करना पडता है। आप कार चलोओ या नही चलाओ फीर भी खर्च तो देना पडता है।

खुद की कार क्यॅूं खदीदना चाहते है?

          अगर आपके परिवार की जरुरत है। जैसे आप किसी जगह जाना चाहते है। तो अगर आपके पास खुद की गाडी है, तो आप आपके मर्जी किसी भी वक्त पे निकल सकते है। आपको जहाँ जाना है, घुमना है तो भी जितना चाहे उतना वक्त बिता सकते है। अगर आप दो पैयोवाली गाडी से सफर कर रहे है, तो उसमे थोडी परेशानी होती। जैसे बारीश, तेज धूप या फिर ठंडसे तकलीफ होती है। और रिस्क भी बढ जाता है।

अगर बच्चे है तो संभलकर जाना बहूत मुश्कील होता है। सफर सुरक्षित नही होता।  तो हम इन लोगोंके लिए इस साइट पर सेकंड हँड गाडी खरीदने के लिए मदत करते है। जिन्हे affordable भी है और जरुरत भी है। पुरानी गाडी खरीदने से पहले हमे यह तय करना है की कम से कम गाडी 5 से 10 साल तक आरामसे चलानी है। या फिर उससे भी जादा चलानी है। अगर आप केवल गाडी सिखने के लिए लेते हो, तो उस जरुरत के हिसाब से गाडी चॉईस करे।

पुरानी कार खरीदने के फायदे और नुकसान क्या है?

फायदे

1) अगर आपके पास कुछ राशी जमा है। तो आप उससे एक अपनी बजट मे कार खरीद ले सकते है। नई कार के जगह आप पुरानी कार खरीद सकते है। जिसके फायदा आपको मिलेगा। कम पैसे खर्च कर, बचे हुए पैसोंसे आप कार के पार्ट्सवाली कंपनी के शेअर खरीद सकते है। जिसे आपको भविष्य मे फायदा होगा। जैसे टायर की कंपनी का शेअर।

नुकसान

2) नुकसान – अगर आप पुरानी कार खरीदते है, तो पुरानी कार की मेंटेंनन्स बार बार आता है। उसका खर्चा हर महीने या कार की कंडीसन पर निर्भर होता है। नई कार मे आपको मेंटेनन्स खर्चा कम आता है। आपको अपने बजट के नुसार उपलब्ध कार लेनी पडती है। कलर, मॉडेल जो चाहो वैसा मिलेगा इसकी कोई गारंटी नही।

गाडी सिखते वक्त second hand car गाडी लेनी सही है?

अगर आप नयी गाडी लेते है और आप गाडी सिखते है, तो शायद गलत तरीके से चलाने के कारण गाडीमे दिक्कत आ सकती है। नई गाडी है तो डर भी लगता है। कही इधर उधर टच ना हो जाये। उसकी मरम्मत का खर्चा भी जादा आता है। सिखते वक्त गाडी का एक्सलेटर, ब्रेक, क्लच सही नही दबाया जाता है। इसलीये अगर पुरानी गाडी है तो सिखने के लिए बेहतर है। गाडी की किमत भी कम होती है। तो कही टकराने का या scratches स्क्रॅचेस का डर नही लगता है। बिना डर के गाडी अच्छी चलाई जाती है।