What is the process of selling your car that is on a bank loan?  क्या आप अपनी कार बेचना चाहते है? पर कार लोन पर लीया है, तो कैसे बेचे?  How to remove Hypothecation?

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car loan

आम तौर पर गाडी बेचनेवाले और खरीदने वाले इन दोनों के बीच व्यवहार होकर गाडी बेची और खरीदी जाती है। लेकीन अगर गाडी लोन पे ली है, और अभी भी outstanding loan बाकी है। तो बेचना थोडा मुश्कील हो जाता है। लेकीन हम इस आर्टीकल मे बतायेंगे कैसे इसे सुलझाये।

अगर गाडी पर लोन अभी भी बाकी है, और आप अपनी गाडी बेचना चाहते है, या किसी और से गाडी खरीदना चाहते है, तो सबसे जरुरी बात होती है hypothecation हटाने की।

Hypothecation क्या है?

गाडी के R.C. यानी Registration Certificate से Hypothecation निकलवालेने  के लिए NOC जरुरी है। Hypothecation का मतलब है, बोज। आपकी गाडी पर जो car loan का बोज है, उसे उठाना जरुरी होता है।

Hypothecation कैसे हटाये?

जो गाडी लोन पर लेते है, उस गाडी के RC पर लोन देनेवाली बैंक का नाम लिखा रहता है। लेकीन अगर गाडी का लोन अभी भी बाकी है मतलब outstanding loan है, तो बैंक NOC नही देगी। Hypothecation निकालवाने के लिए आपको गाडी का पुरा लोन repayment करना पडेगा। Hypothecation हटा ने के लिए आपको निचे दिये गये documents अपनी RTO ऑफीस मे जमा करनी होती है।

1) Form 35 (2 कॉपी) वेबसाईट पर मिल जायेगा।

2) original RC – गाडी का पंजीकरण प्रमाणपत्र

3) पॅन कार्ड झेरॉक्स

4) Original NOC

5) Car Iinsurance (गाडी का इन्शुरन्स)

6) PUC

7) पता- इलेक्ट्रिक बील, फोन बील, आधाराकार्ड

8) Fees – फीस

            यह सब document जमा करने के बाद ऑनलाईन parivahan.gov.in इस वेबसाईट पर application करना जरुरी है। उसके बाद उपरे बताए सब कागजाद नजदीकी परिवहन कार्यालय मे जमा करने होते है। उसके बाद 3 से 4 हप्ते बाद यह प्रक्रीया पुरी हो जाती है। नई RC Book आपके पते पर परिवहन कार्यालयसे मिल जाती है। और आप उस गाडी की स्वामित्व (ownership) बन जाते है। उस गाडी की बिक्री करने का पुरा अधिकार प्राप्त हो जाता है।

          अगर गाडी पर लोन है, तो आपको NOC नही मिलती है। उस वक्त आपको बैंक का पुरा loan repayment करना जरुरी होता है। बैंक का लोन repayment करने की शर्ते होती है। bank lock-in period होता है। मतलब अगर आपकी बैंक का lock-in period 1 साल है, तो आप 1 साल के अंदर बैंक का पुरा repayment करेंगे तो आपको पेनल्टी भरनी पडेगी। पेनल्टी हर बैंक की विभिन्न होती है। आपके outstanding loan के 3 प्रतिशत से लेकर 6 प्रतिशत तक होती है। बैंक पर निर्भर होता है।

जब कार की बिक्री की किमत तय करते समय बैंक की पेनल्टी भी ध्यान रखते हुए किमत तय करनी होगी। वरना यह सौदा घाटे का हो सकता है।

           खरीदने वाले और बेचनेवाले की बीच ये सब चीजें साफ होनी जरुरी है। ताकि व्यवहार बिना दिक्कत सफल हो जाये। अगर पेनल्टी भरने के बावजुद भी बिक्री की किमत जादा है, तो आपका फायदा है। लेकीन अगर पेनल्टी जादा है, तो आपका नुकसान हो जाता है। गाडी के कंडीशन पर निर्भर करे की कौनसी किमत सही है।

लोन पर रही गाडी की बिक्री और खरीदने का अधिकार जिस वित्तीय संस्था ने लोन दिया है, उसका होता है। कईबार लोन का emi ना भरने के कारण बैंक गाडी को जप्त करती है। और उसकी निलामी करके अपना लोन वसूल करती है। अगर खरीदने वाले और बेचनेवाले दोन भी यह सब बाते जानते है, तो आपसी समझदारी से लोन को ध्यान रखते हुए, और जिम्मेवारी लेते हुए व्यवहार कर सकते है। हालांकी लोन देनेवाली कंपनी/बैंक को बतायें लोन ट्रान्सफर कर सकती है। पुराने मालिक का लोन नये मालिक के नाम पर ट्रान्सफर करना या ना करना यह उस कंपनी या बैंक पर निर्भर होता है।

CONCLUSION – जिस गाडी पर लोन है, उसे बेचना या खरीदने से पहले Hypothecation हटाना जरुरी है। या फिर अगर जिस वित्तीय कंपनी/बैंक का लोन है उन्हे अधिकृत बतायें लोन ट्रान्सफर करे। या फीर सिधे सिधे बिक्री कीमत से लोन repayment करके लोन पुरी तरह भुगतान करे। सही जानकारी रखे और कानुनी तरीके से व्यवहार करे।

पुरानी कार खरीदने से पहले ध्यान रखे

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