How can I scrap my car in India? आपने गाडी स्क्रैप की तो आपको जेल जाना पडेगा। अगर आपने यह नही किया तो।How can I scrap my car in India?

scrap policy

आपने गाडी स्क्रैप की तो आपको जेल जाना पडेगा। अगर आपने यह नही किया तो।

How can I scrap my car in India?

भारत मे कार स्क्रैप करने का तरीका क्या है?

scrap मे दि गयी गाडी की नंबर प्लेट, चासीस नंबर का दुरुपयोग हो सकता है। इसलिए क्या सावधानी बरसनी चाहीये?

भारत सरकार ने 15 साल पुरानी गाडीयों के लिए (scrap policy) स्क्रैप पॉलीसी जारी की है। इसके बारे पुरी जानकारी के लिए इस ब्लॉक पर पढे।

15 साल पुरा होने के बाद अगर आपको आपकी गाडी स्क्रैप मे देनी है, तो उसके लिए क्या करना होगा?  

यह सवाल अगर आपके मन मे है, तो ये पढे।

भारत सरकार के स्क्रैप पॉलीसी के नुसार ऐसे सेंटर दिये गये है। जहाँ आप अपनी गाडी स्क्रैप (scrap)के लिये दे सकते है। सबसे पहले आपको गाडी का सौदा तय करना होगा। गाडी का सौदा गाडी के कंडीसन पर निर्भर करता है। अगर गाडी की स्थिती अच्छी है, मतलब गाडी के कई पार्ट अच्छे है, और उसका उपयोग अन्य गाडी मे लिए कर सकते है, स्क्रैपवाले उसमे जादा से जादा मुनाफा बनाने की उम्मीद रखते है।

गाडी स्क्रैप करते समय कौनसी चीजे ध्यान मे रखना जरुरी है?

आपको पहले नजदीकी एसक्रैप यार्ड को खोजना होगा जो उपयुक्त इंजनीयरिंग प्रमाणपत्र और स्क्रैप प्रमाणपत्र (certificate and licence) धारण करता है। आप इंटरनेट या स्थानीय निर्देशिकाओं का उपयोग करके यार्डों की सूची प्राप्त कर सकते हैं। यार्ड के साथ संपर्क करें और उन्हें अपनी कार के बारे में जानकारी दें, जैसे कि गाड़ी की मॉडल, वर्ष, स्थिति आदि। वे आपको भविष्य में आवश्यक कागजात की सूची प्रदान करेंगे।

कार को स्क्रैप करने के लिए आवश्यक कागजात तैयार करें। इसमें वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र, आईडी प्रमाणपत्र, बीमा प्रमाणपत्र और वाहन नियमावली जैसे कागजात शामिल हो सकते हैं।

  1. अगर गाडी मे accessories अच्छी कंडीसन मे है, तो उसे निकाले। जैसे की म्युजीक सिस्टीम, शो पीस
    1. बँक लोन है तो उसका पुरा भुगदान करना जरुरी है। बँक का स्टेटमेंट ले।
    1. गाडी पर चालान है, तो उसका भी भुगदान करे। क्योंकि कई बार गाडी पर चालान होता है, मगर हमे पता नही होता है। या अनदेखी हो जाती है। गाडी के नंबरसे यह सब पता चल जाता है। इसके लिए काफी ॲप उपलब्ध है।
    1. कोर्ट केस- गाडी पर अगर कोई कोर्ट केस प्रलंबित है, तो आप गाडी स्क्रैप नही कर सकते।
    1. गाडी अगर चोरी की है, तो गाडी स्क्रॅप नही हो सकती है।

         उपर दिये गये सब मुद्दे agriment मे लिखना जरुरी होता है। कोर्ट के नजदीक स्टैंप्म पेपर बेचनेवाले अक्सर यह काम करते है।

जब agriment बन जाये, उसके बाद गाडी का चासीस नंबर का जो प्लेट रहता है, उसे निकालकर लेना जरुरी होता है।

गाडी स्क्रैप वाले के पास देने के बाद www.parivahan.gov.in इस वेबसाईट पर ऑनलाईन एप्लीकेशन करना होता है। साथ मे एग्रीमेंट और चासीस नं. वाली प्लेट जमा करना होता है। उसके बाद कुछ दिनों मे आपको सर्टीफिकट दिया जायेगा। जिसका उपयोग आप नई गाडी खरीदते समय डिस्काऊंट मिलता है।

एसक्रैप वैल्यूएशन सर्टिफिकेट प्राप्त करें। जब आपकी कार की मूल्यांकन पूरा हो जाएगा, तो यार्ड आपको एक एसक्रैप वैल्यूएशन सर्टिफिकेट प्रदान करेगा। यह प्रमाणित करेगा कि आपने वास्तव में अपनी कार को स्क्रैप कर दिया है।

अगर ऐसा नही किया तो संभावना होती है इसके दुरुपयोग की। जैसे की जो गुनहगार होते है, वो जादा तर ऐसी कबाड वाली गाडी के नंबर प्लेट का उपयोग चोरी जैसे अन्य गुनाह के लिए इस्तेमाल करते है। पुलिस जब जाँच करती है, तब नंबर प्लेट से गाडी के मालिक के पास आती है। अगर उपर दिये गयी प्रोसेस आपने करी है, और आपके पास RTO जमा सब कागजाद है, तब आप दिखा सकते है।

पर अगर आपके पास यह सब कागजाद नही है, तो आपको  जुर्माना तो पडेगाही और तकलीफ भी होगी। इस लिए आपको पुरी जानकारी के साथ यह सब करना होगा। भारत के अलग अलग स्टेट मे थोडी बहुत भिन्नता के साथ परिवहन कार्यालय के नियम है। यदि आपको अपनी कार को स्क्रैप करने के लिए और विस्तृत जानकारी चाहिए, तो आप स्थानीय ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी से संपर्क कर सकते हैं या इंटरनेट पर विस्तृत गाइडलाइन खोज सकते हैं।

What is scrap value?

Scrap मे दिये गये गाडी की किमत कितनी मिलेगी?

             अब बात करते है, कबाड दिये गये गाडी के किमत की।  अगर आप कोई नयी गाडी खरीदने की सोच रहे है। वहाँपर ऑफर चल रहा है, की पुरानी गाडी दे और नयी गाडी पर डिस्काऊंट ले। पहले तो आपको अपनी गाडी उनको दिखाकर जान ले कितनी डिस्काऊंट मिल रही है। और उसके बाद आप तय करे की कौनसा सौदा फायदेमंद है। लेकीन हमारा अनुभव है, की कबाड वाला जादा किमत देता है। लगभग 15 रु. प्रति किलो से गाडी के वजन के हिसाब से राशी मिल जायेगी।

Conclusion – 15 साल बाद गाडी scrap करनी है, तो आपको RTO को पुरी जानकारी देनी जरुरी है। scrap करने से पहले, बँक का लोन चुकाना जरुरी है। गाडी पर चालान पेंडींग नही होना चाहीए। गाडी पर कोर्ट केस नही होना चाहिए। पुरी प्रोसेस के बाद ही scrap करवान है, वरना आप तकलीफ मे आ सकते है।

What is vehicle scrap policy in India?

       Vehicle scrap policy क्या है?

Vehicle scrap policy
Vehicle Scrap Policy

सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) ने जारी के अधिसुचना के नुसार 1 अक्टुबर, 2024 के बाद 15 साल पुराने वाहनोंके लिए भारत सरकार ने पुरानी वाहनों के लिए Vehicle scrap policy जारी की है। जिसके मुताबिक ATS (Automate Testing Station) द्वारा फीटनेस सर्टीफिकेट लेना अनिवार्य है। जो वाहन इस टेस्ट मे फेल होगी वह स्क्रॅप करना अनिवार्य रहेगी।

What is the meaning of voluntary vehicle scrappage policy? (VVMP)

         पुरानी वाहनों के वजह से होनेवाला प्रदुषण रोकने के लिए अयोग्य (unfit) वाहनों और प्रदुषण करने वाले वाहनों को चलने से रोककर उनको scrap करने के लिए vehicle scrap policy जारी की है। उसके तहत स्वैच्छिक वाहन-बेड़ा आधुनिकीकरण कार्यक्रम Voluntary vehicle-fleet Modernization Program (VVMP) कहा जाता है।

इस काय्रक्रम का मुख्य उद्देश
  1. करीबन 1 करोड वाहन जो फिट नही है और उनका रजिस्ट्रेशन नही करवाया गया है। ऐसे वाहनों को (scrap) स्क्रॅप किया जाये।
    1. Auto Industries – वाहन उदयोग क्षेत्र मे रोजगार बढाने के लिए उनकी बिक्री बढना जरुरी है। जब पुराने वाहन स्क्रॅप (scrap) मे जायेगी तो लोग नई खरीदेंगे।
    1. पुराने वाहन मायलेज कम देते है। इसी कारन इंधन जादा खत्म होता है। जैसे ही वाहन पुराने होते है, उनकी मेंटेनन्स का खर्च बढ जाता है। उपभोक्ता का खर्च कम हो सकता है।
    1. जो विदयमान स्क्रॅप (scrap) पॉलीसी है, उसे एक नया रुप देकर उस इंडस्ट्री को बढावा मिलेगा।
    1. इये वाहन की मांग बढने पर उसपर निर्भर अन्य उदयोग जैसे स्टील, इलेक्ट्रॉनिक्स और कच्चे माल की उपलब्धता करने वाले उदयोग इनकी मांग बढेगी।

What is Benefit of Scraping policy?

Scrap policy

इस पॉलीसी के फायदे क्या है।

           पुरानी गाडी के कारण होने वाली प्रदुषण की 15 से 20 प्रतिशत घटौती होगी। सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार का के मुताबिक पुरानी 1 ट्रक/बस/ट्रेलर (heavy vehicle) 14 नये ट्रक मे बराबर उत्सर्जन करता है। और पुरानी LMV (Light Moter Vehicle) कार/जीप इ. 1 पुरानी कार 11 नयी कारें के बराबर उत्सर्जन करती है।

           इस पॉलीसी के तहत 45 लाख मध्यम और भारी वाहन स्क्रॅप मे जायेंगे। और LMV (Light Moter Vehicle) कार/जीप इ 75 लाख स्क्रॅप करनी होगी। यह आंकडा देख कर ऐसा लगता है की, आनेवाले कुछ ही सालों मे भारत के सडक पर नई कारे जादा दिखाई देगी। और हवा और आवाज का प्रदुषण मे कमी आ सकती है।

          लेकीन भारत की बढती आबादी और प्रतीव्यक्ती बढती आय को देखते इस पॉलीसी से कितना फायदा होने वाला है, ये तो आनेवाले कुछ सालो मे पता केंद्रीय चल जायेगा।

 Which cars will be scrapped in India?

          सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) की 24 नवम्बर, 2022 की अधिसूचना के नुसार केंद्रीय सभी सरकारी वाहन जो 15 साल हो चुके है, उन्हे 1 अप्रैल, 2023 के बाद स्क्रॅप करा दिया जायेगा। जिनमे निचे दिये गये विभाग आते है।

1 केंद्र सरकार और उसके विभाग

  1. राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों और उनकके विभाग
  2. स्थानीय सरकारी संस्थाओं, अर्थात नगर निगम या नगर पालिकाएँ या पंचायतें
  3. राज्य परिवहन उपक्र्रम
  4. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम
  5. केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के संबध्द स्वायत्त निकाय

Automated testing stations in India

             अब सभी वाहनों को ATS (Automoted Testing Station) द्वारा फीटनेस सर्टीफिकेट लेना अनिवार्य है। वाणिज्य वाहन(commercial vehicle) के पंजीकरण का फीटनेस प्रमाणपत्र से लिंक किया जायेगा। और पहले 8 साल तक हर दो-दो सालों मे और उसके बाद हर साल फीटनेस टेस्ट करना अनिवार्य है।

क्या मैं भारत में 15 साल पुरानी कार खरीद सकता हूं?

             लेकीन (private) निजी वाहनों के लिए 15 साल के बाद फीटनेस सर्टीफीकेट लेना अनिवार्य है। पंधरह साल के बाद अगर फीटनेस सर्टीफिकेट अगले 5 सालों के लिए दिया जायेगा। 1एप्रैल, 2023 से भारी वाणिज्य वाहन (Heavy Commercial Vehicle)  के मालिक को फीटनेस सर्टीफिकेट ATS (Automoted Testing Station) द्वारा फीटनेस सर्टीफिकेट लेना अनिवार्य किया था। और अन्य वाहन जैसे वाणिज्य वाहन और निजी वाहनों के लिए 1 जुन, 2023 से ATS (Automoted Testing Station) द्वारा फीटनेस सर्टीफिकेट लेना अनिवार्य है।

            लेकीन देशभर मे केवल उत्तराखंड और गुजरात इन 2 राज्योंमे ATS (Automoted Testing Station) शुरु हो चुकी है। इसलिए 29 मार्च, 2023 के अधिसुचना के अनुसार 15 साल पुराने (commercial) वाणिज्य वाहनों को फीटनेस टेस्ट करने और रिनीवल करने के लिए देश मे पर्याप्त ATS (Automoted Testing Station) उपलब्ध न होने के कारण सभी वाहनों के लिए 1 अक्टुबर, 2024 तक राहत दि गयी है। मतलब 1 अक्टुबर, 2024 के बाद सभी वाहनों को ATS (Automoted Testing Station) द्वारा फिटनेस टेस्ट करना अनिवार्य रहेगा।

Commercial vehicle (truck, bus, etc) वाणिज्य वाहनोंका रिनीवल करने के लिए कितना खर्च आता है?

वाहनों के प्रकार1 अप्रैल, 2023 के पहले का फीस1 अप्रैल, 2023 के बाद की फीस
फीटनेस टेस्टरिनीवल की राशीफीटनेस टेस्टरिनीवल की राशी
LMV (कार, जीप, इ.)Rs.600Rs.200Rs.1000Rs.7500
Medium Goods/ Passanger vehicle (ट्रक, बस)Rs.1000Rs.200Rs.1300Rs.10000
Heavy Goods/ Passanger vehicle(ट्रक, बस)Rs.1000Rs.200Rs.1500Rs.12500
renewal cost of Vehicle after 15 years

दिल्ली एनसीआर मे National Green Tribunal के आदेश नुसार पेट्रोल गाडी 15 साल के बाद और डिजेल गाडी 10 साल के बाद रिनीवल नही होती।

15 साल पुरानी गाड़ी का क्या होता है?

15 साल पुरानी वाहनों की एक बार टेस्ट करने के बाद अगर टेस्ट मे पास होती है तो उसको फीर से एक बार टेस्ट करने की अनुमती दि जाती है। और उसमे अगर पास हो जाती है तो अगले 5 साल तक उसकी परमिशन मिल जाती है। पर अगर टेस्ट मे फेल हो जाती है तुरन्त  स्क्रॅप के लिए देना पडेगा।

15 साल पुराने निजी वाहनों का रिनीवल क्या हो जाता है?
15 साल पुराने (private) निजी वाहनों का रिनीवल के लिए कितना खर्च पडता है।
वाहनों के प्रकार1 अप्रैल, 2023 के पहले का फीस1 अप्रैल, 2023 के बाद की फीस
फीटनेस टेस्टरिनीवल की राशीफीटनेस टेस्टरिनीवल की राशी
LMV (कार, जीप, इ.)60060010005000
15 years vehicle (car) Fees for renewal
What is advantages of scrapping policy in India?

पॉलीसी के फायदे क्या है?

  1. पुराने वाहन को स्क्रॅप सेंटर पर स्क्रॅप करने और नई गाडी खरीदते है तो नई गाडी के ex-showroom price पर 4-6 प्रतीशत किमत मालिक को मिल सकता है।
    1. नयी गाडी की पंजीकरण फीस जो डिस्ट्रीब्युटर गाडी खरीदते समय लगाते है। उसपर छुट मिलेगी अगर पुरानी गाडी का स्क्रॅप सर्टीफिकेट देते है।
    1. नयी गाडी के किमत पर निजी वांहनों के लिए 25 प्रतिशत तक छुट मिल जायेगी। और कमर्शियल वाहनों  के लिए 15 प्रतिशत छुट मिल जायेगी।

निष्कर्ष – Conclusion

       भारत सरकार की इस वेबसाईट पर दी गयी सुचना के अनुसार 15 साल पुरानी गाडी लेना सही नही है। अगर आपका बजट कम है, और आपकी जरुरत के लिए लेना ही चाहते है तो कमसे कम दाम मे ले।अगर आपको पुरानी गाडी खरीदना है, तो आपको इसके सिवाए कौन कौन सी पाँईट चेक करना है ये चेक करे।