CarBrake failure

brake failure

अगर गाडी की ब्रेक फेल हो गयी तो क्या करे?

गाडी अगर मैन्युएल है, तो एक्सलेटर दबाकर गेअर को निचे उतारे। मतलब अगर रनिंग मे गाडी 3-4 गियर मे चल रही है, तो उसे एक एक करके निचे उतारे। दौरांन indicator lamp लगाये। तांकि अन्य वाहनों को पता चले की इस गाडी मे कुछ गडबडी है। गियर कम करने से गाडी की रफ्तार कम हो जायेगी। गाडी साईड मे लगा ले। तुरंत मैकेनिक से संपर्क करे।

लेकीन अगर  गाडी automatic है, तो accelator कम करते ही गाडी की स्पीड कम हो जायेगी।

हायवे पर तेज रफ्तार से गाडी  चल रही है, और पता चले गाडी की ब्रेक नही लग रही है। तो परेशान होकर हडबडी ना करे। इसे दिमाग काम नही करेगा। और हादसा होने का संभव है। इसलिए आपत्ती स्थिती मे थोडा सोचना जरुरी है।

Symptoms of brake failure

गाडी के डॅशबोर्ड पर लाल रंग की वार्निग लाईट शुरु होती है। गाडी से आवाज आती है। अगर इस तरह के लक्षण है, तो आगे ना जाये। तुरंत गाडी रोके।

Precaution of brake fail

नियमित रुप से गाडी की जाँच करवाये। इंजन ऑयल, पानी, ब्रेक सिस्टम मैकेनिकसे जाँच करवाये। बारीश के मौसम इन बातों पर जादा ध्यान दे।

अगर पुरानी गाडी खरीदी है, या खरीदना चाहते है तो इसके साथ अन्य 16 चीजे ध्यान रखे। जादा जानकारी के लिए पढे।

Mahindra Thar के साथ स्टंट करना पडा भारी।

mahindra thar

Instagram और facebook पर रील के चक्कर मे लोग क्या कुछ नही करते। ऐसीही गुजरात के एक जगह महिद्रा कंपनी की सबसे मशहूर गाडी Mahindra Thar समुंदर मे चलाई। दो नौजवान लडकों ने अपनी महिंद्रा थर गाडी समुंदर मे चलाने की कोशीश की। मगर बुरी तरह फँस गये। सिनेमा मे दिखाई गयी स्टंट करने चले थे। लेकीन उनको पता नही था, रेत मे गाडी कैसी चलाते है। गाडी इतनी गहरी पानी मे और जहाँ सडक नही है, वहाँ कोई भी गाडी चलाना सही नही है। लेकीन पुरी मस्ती मे कुछ लोग इस तरह की हरकते करते है।

या तो उनको अपनी गाडी पे कुछ जादाही भरोसा था। या फिर रिल के चक्क्र मे ये युवा पुरी तरह फँस गये। X पर यह व्हिडीओ पोस्ट किया गया है।  विडीओ मे एक लाल रंग की और एक सफेद रंग की पानी मे दिखाई देती है। गाडी पुरी तरह रेत फँसने के कारण गाडी को निकालने मे असफल रहे दोनो ड्रायवरों ने औरों से मदत माँगी। पुलीस ने कानुनी कारवाई की है। इनका लायसेन्स जप्त किया गया है।

विडीओ देखने के लिए यहाँ क्लिक करे

ध्यान रहे गाडी एक साधन है, जो आपको एक जगह से दुसरी जगह सफर करने मे मदत करता है। ये कोई स्टंट करने का साधन नही है। ऐसा करना जानलेवा भी हो सकता है। या भारी चोंट पहुचा सकता है। जिवीत हानी के साथ वित्त हानी की संभावना है।

इसलीए अपनी कार को सही तरीके से ड्राईव करे।

    ड्रायविंग लायसेन्स टेस्ट देने के लिए नही जाना पडेगा RTO – Don’t need to driving licence test at RTO

    driving licence test

                      Driving Learning licence के लिए परिवहन ऑफीस जाकर ड्रायविंग टेस्ट देने के लिए RTO जाने की जरुरत नही। जिस ट्रेनिंग स्कूल मे से ड्रायविंग सिख रहे है, उसी ट्रेनिंग स्कूल मे अब होगी टेस्ट। इसके लिए application for driving licence वेबसाईट पर ही करना है। जैसे की पहले www.parivahan.gov.in इस बेबसाईट पर आपको ॲप्लीकेसन करना पडेगा। इसके बाद documents देने के लिए RTO जाना होगा। लायसेंस के एप्रुवल के लिए RTO टेस्ट लेना जरुरी है। मतलब लर्निंग लाससेंस निकलेके बाद आप अच्छी तरह ट्रेनिंग ले। और फिर RTO जाकर बाकी प्रोसेस पुरा करे।

                      कम उमर मे पेरेंट अपनी बच्चे को गाडी चलाने के लिए देते है। इसी कारण हादसा होते है। इसलिए अब जुर्माना बढाया गया है। नाबालीक गाडी चलाते समय पकडने जानेपर 25 हजार तक जुर्माना है। इसके साथ गाडीका रजिस्ट्रेशन भी कॅन्सल किया जायेगा। और नाबालीक को 25 उमर तक कोई लायसेंस नही दिया जायेगा।

    लायसेंस के लिए कितनी घंटो की ट्रेनिंग आवश्यकता है

    LMS (Light Motor Vehicle) लायसेंस के लिए 29 घंटे 4 हप्तोंमे पुरी करनी होगी। जिसमे 8 घंटे थिअरी और बाकी प्रेक्टीकल गाडी चलाने की शिक्षा का प्रशिक्षण आवश्यक बताया गया है।

    HMV (Heavy Motor Vehicle) – लायसेंस के लिए 6 हप्तों मे 38 घंटे का प्रशिक्षण अनिवार्य बताया गया है। जियमे 8 घंटोंकी थिओरी के साथ 31 घंटों की प्रॅक्टिकल प्रशिक्षण अनिवार्य है।

    ड्रायविंग स्कुल मे प्रशिक्षण के लिए कितनी जगह जरुरी है

    4 Wheelers चलाने की शिक्षा के लिए 2 एकड़ जमीन जरुरी है। प्रशिक्षण देनेवाले को भी डिप्लोमा तक शिक्षा और 5 साल का अनुभव अनिवार्य बताया गया है।

    Learning licence और permanent licence वाहन चलाने के लिए अनिवार्य है। नाबालीक बच्चे को कभी कभी वाहन चलाने ना दे। जुर्माना भरना पडेगा। परिवहन के नियमों का पालन करे।

    What is BH number plate meaning? BH नंबर का मतलब क्या है।

    bh number plate

    BH का fullform  है Bharat Series.

    भारत सरकार ने केवल केंद्रीय कर्मचारी/ राज्य सरकारी कर्मचारी/ बँक कर्मचारी एवं कंपनी जिनकी चार या उसे जादा राज्यों मे शाखांए है इन लोगों की वाहनों के लिए ये नंबर दिये जाते है।

    Bh number plate cost- BH नंबर की किमत कितनी है?

    Bh number registration charges

    अगर किसीको अपनी गाडी  के लिए BH number चाहीए तो उसकी अतिरिक्त किमत भुगदान करनी पडती है।

    अगर गाडी की किमत 10 लाख तर है तो उसके 8 % अतिरिक्त भुगदान rto को करना पडेगा।

    10 से 20 लाख तक किमती गाडी के लिए 10 % और 20 लाख के उपर किमत के लिए 12 % तक अतिरिक्त भुगदान करना पडता है। डिजेल गाडी के लिए 2 % जादा भुगदान करना पडता है। लेकीन इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भारत सरकार ने 2 % छुट दी है।

    Bh number plate eligibility- किन लोगोंको BH Number मिलेगा?

    Who can get bh number plate for car

    केंद्रीय वाहन कानून के अनुसार केंद्रीय कर्मचारी, राज्य सरकारी कर्मचारी, बैंक कर्मचारी, डिफेंन्स कर्मचारी औेर कंपनी जिनकी शाखाँये चार से अधिक राज्योंमे है। इनकी सुविधा के लिये BH number दि जाती है। इसके लिए अधिकारीक पहचान पत्र ID CARD अनिवार्य है।

    How to get bh number plate –कैसे करे Bh number registration?

    How to apply for bh number

    केंद्रीय कर्मचारी, राज्य सरकारी कर्मचारी, बैंक कर्मचारी, डिफेंन्स कर्मचारी औेर कंपनी जिनकी शाखाँये चार से अधिक राज्योंमे है, ऐसे कर्मचारी RTO office मे अपने वाहन के नंबर के लिए parivahan portal पर application कर सकते है। लेकीन rto office जाकर भी वाहन का रजिस्ट्रेशन कर सकते है।

    BH number plate benefit

    इन कर्मचारीयों को एक राज्यसे दुसरे राज्यमे नौकरी के दौरान ट्रान्सफर हो जाता है। तो हर स्टेट मे अलग अलग नंबर होते है। इसलिए उस RTO ऑफीस मे रजिस्ट्रेशन करना पडता था। लेकीन BH Number कॉमन होने से अब इसकी जरुरत नही है। फिरसे रजिस्ट्रेशन की जरुरत नही है। ट्रान्सफर के दौरान अन्य राज्योंमे जाने से फिरसे रजिस्ट्रेशन की जरुरत नही। इसके  अलावा रोड टैक्स 24 महिने का एक बार ही भुगदान करना पडता है। अन्य वाहनों के लिए जादा होता है।

    Cons of BH number plate- BH Number का नुकसान क्या है?

    BH Number plate वाले वाहन अन्य लोगों के बेचा नही जा सकता। उसके लिए दुबारा रजिस्ट्रेशन करना पडता है। रजिस्ट्रेशन के बिना गाडी बेची नही जाती। अगर सरकारी कर्मचारी है, जिसे बेचा जा सकता है, तो उसका भी पुरी जानकारी rto office देनी पडती है। मतलब आसानी से दुसरे इन्सान को गाडी बेच नही सकते।

    Car steering vibration at high speed- कार की स्टिअरिंग कंपन क्यॅूं हो रही है?

    car steering vibration

    गाडी हाय स्पीड चलाने पर गाडी की स्टिअरिंग कंपन होने लगती है। इसकी वजह अलग अलग होती है। इसका कारण wheel balancing, wheel alighment, baring problem, tyre होता है।

    Reason Car steering vibration at high speed की वजह

    1. Wheel balancing – इसका हल मेकेनिक करते है। जिसका मशीन होता है। वहाँ पर गाडी का काम किया जाता है।

    2. Wheel alignment – यह काम भी गैरेज मे या शोरुम मे होता है। जिसके लिए मशीन की जरुरत होती है।

    3. Wheel baring – गाडी के टायर जीस पर फिट किया है वहाँ बेरींग होती है। वह अगर खराब हो चुकी है, तो भी गाडी चलते समय हील जाती है।

    4. टायर- गाडी के टायर अगर खराब होते है, घिसे पीटे होते है, तो भी गाडी कंपन होने लगती  है।

    Car steering vibration at high speed इस समस्या से कैसे बचे?

    सडक कच्ची है, और रास्ता खराब है तो गाडी आराम से चलाये। कम स्पीड से चलाये। गड्डे से बचे।

    गाडी के टायर की हवा का प्रमाण सही मात्रा मे रखे। हर गाडी के टायर मे हवा का प्रमाण अलग अलग होता है। टायर की हवा हमेंशा जाँच ले। टायर अगर खराब है तो जल्द बदल दे। जादा जानकारी के लिए चेक करे। गाडी अगर गढ्ढे मे से तेज चलाते है, तो ऐसी समस्या आती है। इसलिए सावधानी से चलाये।

    Car AC Cooling Problems- कार की एसी ठंडी नही हो रही है।Car AC Cooling Problems-

    Car AC Cooling Problems

    गर्मी के मौसम मे कार चलाना काफी मुश्कील होता है, जब कार की एसी बंद Car AC Cooling Problems रहती है। या ठंडा कम होती है। अगर कार की vents से ठंडी हवा नही आर रही है, या कम आ रही है। तो कार की एसी मे कुछ गडबडी जरुर है। कार एसी की ठंडी हवा यात्री और ड्रायवर को सुरक्षित और आराम का एहसास दिलाती है। तो चले देखते है, किन वजह से कार की एसी ठंडी क्यॅूं नही होती है।

    कार की एसी कैसे काम करती है यह अगर हम समझ जाये तो आपको उसकी वजह ढूँढने मे मदत होगी। कार की एसी मे कंप्रेसर, कुलींग कॉईल, फॅन, कंडेन्सर यह पार्ट होते है।

    car ac parts

    कार की एसी ठीक से नही चल रही तो उसके कुछ लक्षण हमे दिखाई देते है। Car air conditioning troubleshooting

    Car AC issues

    1. weak airflow –  कार की एसी की ठंड हवा गाडी के अंदर भेजने का काम एक मोटर करती है। अगर इस मे खराबी है या उसपर धूल मिट्टी है तो हवा का प्रमाण कम आता है।
    2. गरम हवा Car AC not blowing cold air – अगर एसी से ठंड हवा के वजह गरम हवा आ रही है, तो कम्प्रेसर मे खराबी है।
    3. बदबू आना- अगर एसी से बदबू आ रही है, तो तुरंत मेकेनिक को दिखाना जरुरी है। वायर शॉर्ट हो चुकी है या अंदर पुरा जम कर गंदगी फंसी है।
    4. एसी के अंदर से आवाज आना- अगर जादा मात्रा मे एसी आवाज कर रही है, तो उसकी बेअरींग या कम्प्रेसर की खराबी या फिर कही लूज कनेक्शन है।

    जादा तर एसी मैकेनिक गैस लिकेज बताते है। लेकीन एक बार अगर गैस भरवाया तो जल्दी निकलता नही। अगर कही लिकेज है तो ही यह समस्या बार बार बाती है। रेडीएटर फॅन और केंडेन्सर जो फॅन के सामने लगा रहता है, उसे अगर आप बीच बीच मे पानी से धोते है, तो एसी ठंडा रहने का प्रमाण जादा रहता है। गाडी जब चलती है तभी इसपर धूल मिट्टी बैठ जाती है जिस कारण ठंडा होने मे दिक्कत आती है।

    car ac condenser

    ध्यान रहे Car AC Cooling Problems बडी है तो घर पर न करे। किसी अच्छे मेकेनिक से काम करावाये। लेकीन अगर आपको थोडी जानकारी है, तो आपको खर्चे का अंदाजा आयेगा। इस वेबसाईट Common car AC problems पर मेहत्वपूर्ण जानकारी दि गयी है।

    Tyre care of car –  गाडी  के टायर और हमारी सुरक्षिता।

    गाडी चलानेसे पहले आपने यह चिजे जाँच ली है। check point before driving?

     टायर

    क्या आपकी गाडी सुरक्षित है?

                  सडक दुर्घटना की कई वजह हो सकती है। जैसे की ओवरटेक गलत तरीके से करना। जरुरत से जादा स्पीड के कारण ड्रायवर का कंट्रोल खो देना।  टायर के फटनेसे गाडी की दुर्घटना। वाहन चलाने वाले ड्रायवर अगर नियमों का पालन करते है, और सावधानी से वाहन चलाते है, तो होनवाली दुर्घटना काफी मात्रा मे कम हो सकती है। भारत मे टायर के फटनेसे कार की दुर्घटना होती है? क्या वजह होती है। कभी सोचा है। केवल टायर की क्वालीटीही नही बल्की कुछ चीजें हमे भी ध्यान देना जरुरी है।

    गाडी के टायर कब बदलना चाहिये? When tyre change?

                   आज हम बात कर रहे है। टायर के फटनेके कारण होनेवाली दुर्घटना। दोस्तो सोशल मिडीयापर आपने कई बार ऐसे दुर्घटना की विडीओ देखी होगी। लेकीन अगर थोडासा ध्यान दे कर अपने वाहन के टायर जाँच करते है, तो शायद ऐसी दुर्घटना से बच सकते है। टायर फटने के कई कारण होते है। जैसे की टायर पुरा घीसा हुआ है। टायर मे हवा कम है। टायर की क्वालीटी निजी स्तरपर है। रिमोल्ड टायर इस्तेमाल करना। यह सब जानने के लिए हमे टायर किस तरह जाँच लेना है, इसकी जानकारी होनी चाहीए।

    क्या आपने कभी इसपर गौर से देखा है। टायर जो अंक होते है, उनका मतलब क्या होता है?

    tyre mfg date

    life of car tyres

    टायर अंक होते है। जो टायर की बनाई तारीख होती है। जैसे की 0222 इस चार अंक मे पहले वाले दो अंक सप्ताह बताते है, और बाकी दो अंक साल के होते है। इस अंक मे 02 यानी साल का दुसरा सप्ताह जनवरी  का दुसरा सप्ताह और साल 2022। नयी टायर खरीदनेसे पहले इस पर ध्यान दे। दो साल से जादा पुराना टायर ना खरीदे।

               इसके अलावा हर कंपनी के टायर पर एक निशान (thread) होता है। टायर के डीजाईन मे (thread) जो खाई जैसा होता उसमे एक निशान बनाया जाता है। करीबन 1.6 mm की होती है। इसका मतलब यह होता है, की जब टायर घीसता है तो इस निशान तक घीसने पर टायर बदलना जरुरी है। लेकीन अगर यह थ्रेड सही है पर टायर की बनाई तारीख 2 साल से जादा है तो यह टायर भी लायक नही है।

    Tyre life of car in km

    करीबन 50  हजार गाडी की रनींग के बाद टायर अवश्य जाँच ले।

    Tyre puncture

               आज कल तो हर गाडी मे टयुबलेस टायर का इस्तेमाल करते है। कई बार नोक वाली चीज के वजह से टायर पंक्चर होते है। पंक्चर निकालने के बाद टायर इस्तेमाल होता है। लेकीन अगर 4-5 पंक्चर है, तो टायर बदलना ही समझदारी है। टायर का पंक्चर अगर साईड मे है, तो टायर ब्लास्ट होने  की संभावना होती है। हमेशा अपनी कार मे पंक्चर निकालने वाला किट रखे। ताकि लंबे सफर या जहाँपर गैरेज की सुविधा नजदीक ना हो वहाँ उपयोग हो सकता है।

    Tyre air

    टायर मे हवा सही मात्रा मे रखना जरुरी है। टायर मे नायट्रोजन गैस या नॉर्मल हवा भरी जाते है। इस वेबसाईट पर आपको जादा जानकारी मिलेगी।

     टायर के अच्छी सेहत के लिए हवा सही मात्रा मे रखना जरुरी होता है। इसलिए अपनी गाडी मे टायर inflator है तो आसान होगा।  आप कभी भी टायर की हवा जाँच सकते है।

    Tyre size

    इसके अलावा टायर पर अन्य अंक होते है जो टायर का साईज दिखाते है। जैसे की 177/55। इसका मतलब है, इस टायर का पुरा लंबाई 177mm और चौडाई 55mm है। ध्यान रखे गाडी के टायर जो कंपनी ने बताई है वही साईज के इस्तेमाल करे। कई बार जुगाड कर साईज अलग अलग साईज के टायर डाले जाते है। इस कारण गाडी का नुकसान हो सकता है।

    साईड से अगर छोटे छोटे क्रैक आ चुके है, तो  भी टायर बदल देना सही है। क्यूँकी ऐसी टायर रनिंग पर फटने की संभावना जादा होती है। जादा तर टायर अपनी नजदीके व्यापारी से खरीदे। ऑनलाईन खरीदनेपर खराब भी आ सकता है। सीधे डीलरसे खरीदने से देखकर ले सकते है। सस्ता है इसलिए ऑनलाईन मंगवॉनेसे  नुकसान भी हो सकता है।

    Spare tyre

          जादातर गाडी मे स्पेअर टायर होते है। लेकीन इस टायर पर ध्यान न देने के कारण जब काम निकलता है, तो पता चलता है, की टायर मे हवा ही नही है। या फिर पंक्चर है। तो इस टायर का भी ध्यान रखना जरुरी है।

                 आपके क्षेत्र के मौसम का भी असर पडता है। ठंड की जगह टायर की आयु जादा होती है। वही गरमी मे टायर जादा खराब होते है। गरमी मे टायर और रास्ते से घिसने से जादा मात्रा मे गर्मी का निर्माण होता है। जिसका असर टायर के रबड पर पडता है।

    गाडी की ड्रायव्हिंग पर भी निर्भर होता है। अगर गाडी तेज चलाते है और अचानक ब्रेक दबाते है। और इस तरह का बर्ताव हमेशा है, तो टायर घीस कर जल्द खराब हो जाते है। नयी कारों मे तो टायर मोनिटेरींग सिस्टीम दिया जाता है। जिसे हमे डॅशबोर्ड पर टायर की कुछ समस्या हो तो दिखाई जाती है। लेकीन यह सुविधा पुरानी गाडी मे नही है।

    पुरानी कार खरीदने से पहले इसके अलावा 16 मुद्दे जाँच ले।

    Conclusion :  करीबन 50  हजार गाडी की रनींग के बाद टायर अवश्य जाँच ले। लंबी सफर मे जाने से पहले एक बार सभी चीजें सहीसे देख ले। टायर अगर 4-5 बार पंक्चर है, तो बदलना जरुरी है। टायर पंक्चर निकलने वाला किट हमेशा अपनी गाडी मे रखे। पुराना और रिमोल्ड  टायर का इस्तेमाल ना करे।

    New car vs used car in India

    इस आर्टीकल को पढने के बाद आप नई कार लेने से पहले सौ बार सोचेंगे

    new car vs used carr

    नई कार की 50 प्रतिशत किमत आप सरकार को दे रहे है।

    क्या नई कार से पुरानी कार खरीदना बेहतर है।

    New car vs used car which is better?

    अगर आपके मन यह सवाल है, तो आगे जरुर पढे।

               दरअसल हर मिडल क्लास फॅमिली का सपना होता है, अपनी खुद की कार खरीदना। अच्छी नौकरी मिलते ही, घर और फिर कार खरीदना अब आसान हो चुका है। लोगों की बढती आय और दुसरे से प्रतियोगीता करने का ख्वाब। लोन पर खरीदना और भी आसान है। अगर आपकी आमदनी काफी है, तो कार लेने मे कोई दिक्कत नही है। पर अगर कार लेने से आपको महिने के आखिर मे पैसो की कमी होती है, तो आपको इसपर विचार जरुर करना होगा।

    Gst on new car vs used car

             जब गाडी लेने की सोचते है, तो गाडी की किमत देखते है। ऑनलाईन तो गाडी की ex showroom price पता चलती है। मानलो आप Hyundai कंपनी की hatchback car i10 लेने की सोच रहे है। गाडी की ex showroom price है 584350/- अब इसपर gst 18% है। और 1% cess कुल मिलाकर 29% टैक्स जाता है। ये सब गाडी की ex showroom price मे होते है।अगर टैक्स नही लगाते या कम होता तो गाडी की किमत भी कम होती। गाडी का इंजन capacity और गाडी की लंबाई पर gst तय किया जाता है।

    कार जब पुरानी हो जाती है, तो उवकी वैल्यु कम हो जाती है। gst का कोई सवाल नही होता।

     LengthEngine CCGSTCESS
    LPG/CNG/PETROL4 meter1200cc18%1%
    Diesel4 meter1500cc18%3%
    PETROL/DIESEL/CNG<4 meter<1500cc18%17%
    SUV<4 meter<1500cc18%22%

    अगर आप लक्झरी कार खरीदते है, तो आप 50 प्रतिशत टैक्स गव्हर्नमेंट को देते है।

    New car vs used car pros and cons

                  RTO टैक्स करीबन 7% होता है। car insurance अनिवार्य है। जो नयी गाडी मे 25000 से लेकर 32000 तक होता है। गाडी खरीदते समय लेना पडता है। इसके बाद हर साल 3500 से 6000 तक इन्शुरन्स भरना पडता है। गाडी के Value पर निर्भर होता है। हर साल गाडी की किमत कम होती जाती है। उसी तरह इन्शुरन्स कम होते जाता है। हर साल अंदाजा 10 प्रतिशत किमत कम होती है। आनेवाले 5 सालों मे उसकी किमत 50 प्रतिशत कम होती है।

                    भारत मे जादा तर लोग लोन पर गाडी खरीदते है। लोने लेते समय 20 प्रतिशत down payment करना पडता है। कुछ ऑफर मे 0 down payment मे भी होते है। गाडी का लोन 3 साल से 7 साल तक होता है। कार लोन पर 9 प्रतिशत ब्याज बैंक लेती है।

                     गाडी को चलाने के लिए fuel की जरुरत है। अगर पेट्रोल गाडी है। गाडी लेने वाला अगर हर दिन 30km एवरेज भी गाडी चलाते है, तो महिने का 800km गाडी का रनिंग हो जाता है। घुमने फिरने जाते है, तो और बढ भी जाता है। गाडी का मायलेज 15 से 20 का होता है। इसे महिने का 53 ltr पेट्रोल लगता है।

    अगर आज की बात करे तो पेट्रोल 100-107/ltr है। 106/लिटर से 5618 रु. हर महिने खर्च आता है। अगर गाडी 5 साल चलाते है, तो 337080 तक खर्च हो जायेंगे। उसके बाद मेंटेनन्स खर्च हर साल 4000-5000 तक आता है। जिसमे पार्ट्स, मेंटेनन्स, रिपअर आता है। उसका 5 साल के लिए 25000रु.

    अभी हम देखते है, गाडी की असली किमत कितनी होती है।

    Ex showroom price – 584350/-

    RTO Passing –        40904/-

    Insurance –           30000/-

    Loan 80% (9% ROI) 210364/-

    Fuel                 337080/-

    Maintenance         25000/-

    Total cost           1227698/-

    New car vs old car total cost

                उपर दिये गये आंकडे अंदाजा लगाये है। लेकीन जादा फर्क नही है। आप निश्चित कर के देखे। जो गाडी ex showroom price  584350 मे है, वह आपको 1227698 जेब से खर्च करवाती है। अन्य चीजें जैसे घर लेते है, तो उस लोन पर भी ब्याज होता है। लेकीन उसपर टैक्स के लिए छुट है। सिवाय घर का दाम सालो साल बढता जाता है। और बात करे रोज के इस्तेमाल की तो गाडी की बढती मांग के कारण रास्तों पर ट्राफीक जाम की समस्याए महानगरोमें जादा है। जिस कारण वक्त जादा बर्बाद हो जाता है।

    कुल मिलाकर नई गाडी लेना महंगा पड जायेगा। महानगरों मे सार्वजनिक यातायात के लिए वाहन आसानी से और किफायती मे मिल जाते है। पर खेडे गाँव या छोटे शहरों मे सार्वजनिक वाहनों की कमी होती है। इसलिए अगर आप ऐसी जगह रह रहे है, तो परिवार के लिए कार की जरुरत होती है।

    should I buy a new car or used car? क्या नई कार खरीदना नही चाहीये?

                अगर आपके परिवार के लिए गाडी की जरुरत है, तो आप second hand car खरीद कर जरुरत पुरी कर सकते है। पुरानी गाडी कैसे खरीदे, कौनसी चीजोंपर ध्यान दे, इसके लिए 16 मुद्दे जरुर पढे। आज भी कुछ लोग पुरानी गाडी खरीदना पसंत करते है। इस्तेमाल कर बेच देते है। फिर से दुसरी गाडी खरीदते है। इसे अलग अलग कार चलाने और मजे लेते है।

    Conclusion – अगर आमदनी कम है, लेकीन पुरी फॅमीली के लिए कार की सक्त जरुरत है, तो आप second hand car खरीदना समझदारी है। पुरानी गाडी मे कुछ फायदे और नुकसान भी होता है। जानने के लिए इस ब्लॉग पर जरुर पढे।

    What is the process of selling your car that is on a bank loan?  क्या आप अपनी कार बेचना चाहते है? पर कार लोन पर लीया है, तो कैसे बेचे?  How to remove Hypothecation?

    car loan

    आम तौर पर गाडी बेचनेवाले और खरीदने वाले इन दोनों के बीच व्यवहार होकर गाडी बेची और खरीदी जाती है। लेकीन अगर गाडी लोन पे ली है, और अभी भी outstanding loan बाकी है। तो बेचना थोडा मुश्कील हो जाता है। लेकीन हम इस आर्टीकल मे बतायेंगे कैसे इसे सुलझाये।

    अगर गाडी पर लोन अभी भी बाकी है, और आप अपनी गाडी बेचना चाहते है, या किसी और से गाडी खरीदना चाहते है, तो सबसे जरुरी बात होती है hypothecation हटाने की।

    Hypothecation क्या है?

    गाडी के R.C. यानी Registration Certificate से Hypothecation निकलवालेने  के लिए NOC जरुरी है। Hypothecation का मतलब है, बोज। आपकी गाडी पर जो car loan का बोज है, उसे उठाना जरुरी होता है।

    Hypothecation कैसे हटाये?

    जो गाडी लोन पर लेते है, उस गाडी के RC पर लोन देनेवाली बैंक का नाम लिखा रहता है। लेकीन अगर गाडी का लोन अभी भी बाकी है मतलब outstanding loan है, तो बैंक NOC नही देगी। Hypothecation निकालवाने के लिए आपको गाडी का पुरा लोन repayment करना पडेगा। Hypothecation हटा ने के लिए आपको निचे दिये गये documents अपनी RTO ऑफीस मे जमा करनी होती है।

    1) Form 35 (2 कॉपी) वेबसाईट पर मिल जायेगा।

    2) original RC – गाडी का पंजीकरण प्रमाणपत्र

    3) पॅन कार्ड झेरॉक्स

    4) Original NOC

    5) Car Iinsurance (गाडी का इन्शुरन्स)

    6) PUC

    7) पता- इलेक्ट्रिक बील, फोन बील, आधाराकार्ड

    8) Fees – फीस

                यह सब document जमा करने के बाद ऑनलाईन parivahan.gov.in इस वेबसाईट पर application करना जरुरी है। उसके बाद उपरे बताए सब कागजाद नजदीकी परिवहन कार्यालय मे जमा करने होते है। उसके बाद 3 से 4 हप्ते बाद यह प्रक्रीया पुरी हो जाती है। नई RC Book आपके पते पर परिवहन कार्यालयसे मिल जाती है। और आप उस गाडी की स्वामित्व (ownership) बन जाते है। उस गाडी की बिक्री करने का पुरा अधिकार प्राप्त हो जाता है।

              अगर गाडी पर लोन है, तो आपको NOC नही मिलती है। उस वक्त आपको बैंक का पुरा loan repayment करना जरुरी होता है। बैंक का लोन repayment करने की शर्ते होती है। bank lock-in period होता है। मतलब अगर आपकी बैंक का lock-in period 1 साल है, तो आप 1 साल के अंदर बैंक का पुरा repayment करेंगे तो आपको पेनल्टी भरनी पडेगी। पेनल्टी हर बैंक की विभिन्न होती है। आपके outstanding loan के 3 प्रतिशत से लेकर 6 प्रतिशत तक होती है। बैंक पर निर्भर होता है।

    जब कार की बिक्री की किमत तय करते समय बैंक की पेनल्टी भी ध्यान रखते हुए किमत तय करनी होगी। वरना यह सौदा घाटे का हो सकता है।

               खरीदने वाले और बेचनेवाले की बीच ये सब चीजें साफ होनी जरुरी है। ताकि व्यवहार बिना दिक्कत सफल हो जाये। अगर पेनल्टी भरने के बावजुद भी बिक्री की किमत जादा है, तो आपका फायदा है। लेकीन अगर पेनल्टी जादा है, तो आपका नुकसान हो जाता है। गाडी के कंडीशन पर निर्भर करे की कौनसी किमत सही है।

    लोन पर रही गाडी की बिक्री और खरीदने का अधिकार जिस वित्तीय संस्था ने लोन दिया है, उसका होता है। कईबार लोन का emi ना भरने के कारण बैंक गाडी को जप्त करती है। और उसकी निलामी करके अपना लोन वसूल करती है। अगर खरीदने वाले और बेचनेवाले दोन भी यह सब बाते जानते है, तो आपसी समझदारी से लोन को ध्यान रखते हुए, और जिम्मेवारी लेते हुए व्यवहार कर सकते है। हालांकी लोन देनेवाली कंपनी/बैंक को बतायें लोन ट्रान्सफर कर सकती है। पुराने मालिक का लोन नये मालिक के नाम पर ट्रान्सफर करना या ना करना यह उस कंपनी या बैंक पर निर्भर होता है।

    CONCLUSION – जिस गाडी पर लोन है, उसे बेचना या खरीदने से पहले Hypothecation हटाना जरुरी है। या फिर अगर जिस वित्तीय कंपनी/बैंक का लोन है उन्हे अधिकृत बतायें लोन ट्रान्सफर करे। या फीर सिधे सिधे बिक्री कीमत से लोन repayment करके लोन पुरी तरह भुगतान करे। सही जानकारी रखे और कानुनी तरीके से व्यवहार करे।

    पुरानी कार खरीदने से पहले ध्यान रखे

    Checkpoint

    Car insurance

    Car accessories

    Used car inspection tips- यूज्ड कार इंस्पेक्शन टिप्स

    used car inspection tips

    Introduction- परिचय

    Why is a used car inspection more important? यूज्ड कार इंस्पेक्शन क्यों महत्वपूर्ण है?

    used car यूज्ड कार खरीदने की सोच रहे हैं? यह एक अच्छा तरीका है जिससे आप पैसे बचा सकते हैं और एक भरोसेमंद वाहन प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन खरीदने से पहले, वाहन की पूर्ण जांच करना महत्वपूर्ण है। एक यूज्ड कार इंस्पेक्शन छिपे हुए समस्याओं को पहचानता है और आपको जानकार निर्णय लेने में मदद करता है। इस लेख में, हम आपको यूज्ड कार खरीदने से पहले इस्पेक्शन करने के महत्वपूर्ण टिप्स प्रदान करेंगे। इसके सिवाय इस ब्लॉग पर और जानकारी दि गयी है। आप उसे चेक करे

    why used car inspection is more important ? यूज्ड कार इंस्पेक्शन क्यों महत्वपूर्ण है?

    यूज्ड कार इंस्पेक्शन (used car inspection) महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे सुनिश्चित होता है कि वाहन अच्छी स्थिति में है और सुरक्षित चलने योग्य है। इससे आप पोटेंशियल समस्याएं पहचान सकते हैं और भविष्य में होने वाली खर्चीली ठीक कर सकते हैं। साथ ही, एक विस्तृत इंस्पेक्शन आपको वाहन की वास्तविक स्थिति के आधार पर मूल्य विचार करने में मदद करता है।

    ready to used car inspection – इंस्पेक्शन के लिए तैयारी

    इंस्पेक्शन प्रक्रिया शुरू करने से पहले, आपको अच्छी तैयारी करनी होगी। यहां कुछ कदम दिए गए हैं जिनके अनुसार तैयार हो सकते हैं:

    आवश्यक उपकरणों का संग्रह करें

    इंस्पेक्शन के लिए आपको फ्लैशलाइट, टायर ट्रेड डेप्थ गेज, एक मिरर, और पेपर टॉवल की आवश्यकता होगी।

    एक अच्छे प्रकाशित स्थान चुनें

    वाहन के विवरण को स्पष्ट रूप से देखने के लिए एक अच्छे प्रकाशित स्थान में इंस्पेक्शन करें।

    मौसम की जांच करें

    बारिश या बर्फबारी मौसम में वाहन की जांच करने से बचें, क्योंकि यह कुछ दोषों को छुपा सकता है।

    बाहरी इंस्पेक्शन

    पहला कदम है वाहन के बाहरी हिस्से की जांच करना। निम्नलिखित विवरणों पर ध्यान दें:

    बॉडी की स्थिति

    वाहन के बॉडी पर कोई डेंट, स्क्रैच, या मरम्मत के काम के संकेत देखें।

    पेंट क्वालिटी

    पेंट एक रूप से होना चाहिए और कोई फीका या बदले हुए रंग के निशान नहीं होने चाहिए।

    जंग के धब्बे या जंग के नष्ट होने का पता करें

    वाहन के बॉडी और अंडरकैरिज में जंग या जंग के नष्ट होने के लक्षण ढूंढें।

    टायर की स्थिति और ट्रेड डेप्थ

    टायर की किसी भी प्रकार की पुरानी या खराबी की जांच करें। सुरक्षा के लिए ट्रेड डेप्थ मापें।

    आंतरिक इंस्पेक्शन

    अब वाहन के आंतरिक हिस्से पर ध्यान दें और निम्नलिखित विवरणों की जांच करें:

    आवरण और सीट बेल्ट

    सीट बेल्ट और आवरण की स्थिति की जांच करें और उन्हें ठीक से काम करने के लिए सुनिश्चित करें।

    Dashboard – डैशबोर्ड और नियंत्रण

    वाहन के डैशबोर्ड पर सभी नियंत्रणों की स्थिति की जांच करें। वे सभी सही रूप से काम करने चाहिए।

    इंफोटेनमेंट सिस्टम

    इंफोटेनमेंट सिस्टम की जांच करें और देखें कि यह सही रूप से काम कर रहा है या नहीं।

    AC – एयर कंडीशनिंग और हीटिंग

    वाहन की एयर कंडीशनिंग और हीटिंग को सुनिश्चित करें कि वे ठीक से काम कर रहे हैं।

    इंजन और हुड के नीचे

    इंस्पेक्शन का अगला कदम है वाहन के इंजन और हुड के नीचे की जांच। निम्नलिखित विवरणों पर ध्यान दें:

    Engine – इंजन खिड़की की जांच करें

    इंजन खिड़की को खोलें और देखें कि इंजन की स्थिति कैसी है।

    Oil level- तेल स्तर और स्थिति की जांच करें

    तेल स्तर की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि तेल मुफ्त नहीं है और स्थिति ठीक है।

    Battery- बैटरी स्वास्थ्य की जांच करें

    बैटरी की स्थिति और स्वास्थ्य की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि यह ठीक से काम कर रही है। check for more…

    Seat belt- बेल्ट और होज़ की जांच करें

    वाहन के बेल्ट और होज़ की स्थिति की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि वे सही हैं।

    Test drive- टेस्ट ड्राइव

    इंस्पेक्शन का अंतिम कदम है वाहन की टेस्ट ड्राइव करना। निम्नलिखित विवरणों पर ध्यान दें:

    Sound problem- असामान्य ध्वनि के लिए सुनें

    टेस्ट ड्राइव के दौरान असामान्य ध्वनियों को सुनें और उन्हें जांचें।

    Brake – त्वरण और ब्रेकिंग की जांच करें

    टेस्ट ड्राइव में त्वरण और ब्रेकिंग की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि वे ठीक से काम कर रहे हैं।

    Steering and suspension- स्टीयरिंग और सस्पेंशन की जांच करें

    टेस्ट ड्राइव के दौरान स्टीयरिंग और सस्पेंशन की स्थिति की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि वे ठीक से काम कर रहे हैं।

    Transmission – ट्रांसमिशन पर ध्यान दें

    टेस्ट ड्राइव के दौरान ट्रांसमिशन को जांचें और यह सुनिश्चित करें कि वे सही है।

    Vehicle history – वाहन इतिहास रिपोर्ट और दस्तावेज़

    इंस्पेक्शन को समाप्त करने के लिए वाहन के इतिहास रिपोर्ट और दस्तावेज़ की जांच करें। निम्नलिखित विवरणों पर ध्यान दें:

    Vehicle number – वाहन पहचान संख्या (विन) जांचें

    वाहन पहचान संख्या (विन) की स्थिति की जांच करें और सुनिश्चित करें कि वह सही है।

    Service history – सेवा इतिहास की जांच करें

    वाहन का सेवा इतिहास जांचें और यह सुनिश्चित करें कि वह समय-समय पर सेवा हुआ है।

    Insurance and registration – इंश्योरेंस और पंजीकरण पेपर्स

    वाहन की इंश्योरेंस और पंजीकरण पेपर्स की स्थिति की जांच करें और सुनिश्चित करें कि वे सभी अद्यतित हैं।

    देखें जाने वाले लाल झंडे

    यूज्ड कार खरीदने से पहले, देखें जाने वाले लाल झंडों के बारे में जानकारी जुटाएं। यहां कुछ चीजें हैं जिनका ध्यान रखना चाहिए:

    Accident history – दुर्घटना इतिहास

    वाहन के दुर्घटना इतिहास की जांच करें और इसके बारे में विस्तृत जानकारी ले।

    Audometer rollback – ओडोमीटर रोलबैक

    ओडोमीटर रोलबैक की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि वाहन की वास्तविक चलने की दूरी उससे मेल खाती है।

    Flood affected – बाढ़ का क्षति

    बाढ़ या उन्मूलन के नश्त होने की स्थिति की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि वाहन इससे प्रभावित नहीं हुआ है।

    शीर्षक समस्याएं

    वाहन के शीर्षक समस्याओं की जांच करें और उन्हें समय से पहले हल करवा लें।

    इंस्पेक्शन को समाप्त करना

    इंस्पेक्शन को समाप्त करने के बाद, वाहन की स्थिति पर आधारित नेगोशिएशन करें और यदि आवश्यकता हो तो पेशेवर सहायता खोजें।

    निष्कर्षण

    इंस्पेक्शन एक यूज्ड कार खरीदने से पहले एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। यह आपको वाहन की सभी समस्याओं को पहचानने में मदद करता है और एक बेहतर फैसला लेने में सहायता करता है। अपने खरीदारी के पहले इंस्पेक्शन को ठीक से करें और अपनी सुरक्षा और संतुष्टि सुनिश्चित करें।

    FAQs

    पूछे जाने वाले पांच अद्भुत सवालों के बाद निष्कर्षांतर्गत

    क्या मैं इंस्पेक्शन स्वयं कर सकता हूं?

    हां, आप इंस्पेक्शन स्वयं कर सकते हैं, लेकिन यदि आपको तकनीकी ज्ञान नहीं है, तो पेशेवर की मदद लेना बेहतर होगा।

    यूज्ड कार इंस्पेक्शन कितने समय तक लगता है?

    यह वाहन के स्थिति पर निर्भर करता है, लेकिन सामान्य रूप से इंस्पेक्शन 1-2 घंटे तक लगता है।

    क्या इंस्पेक्शन के बाद भी वाहन के साथ समस्याएं हो सकती हैं?

    हां, कभी-कभी इंस्पेक्शन के बाद भी कुछ समस्याएं उजागर हो सकती हैं, इसलिए निगरानी रखें और पेशेवर की सलाह लें।

    क्या यूज्ड कार इंस्पेक्शन खर्चीला होता है?

    यूज्ड कार इंस्पेक्शन का खर्च वाहन के साइज और विवरण पर निर्भर करता है, लेकिन इसकी लागत सामान्य रूप से संभावित खर्चीली नहीं होती।

    यूज्ड कार इंस्पेक्शन कहां करवाएं?

    यूज्ड कार इंस्पेक्शन को विक्रेता या पेशेवर सर्विस सेंटर में करवाना बेहतर होता है।

    इस अनुसार, यूज्ड कार खरीदते समय इंस्पेक्शन करवाना बेहतर है जो आपको सुरक्षित और भरोसेमंद वाहन मिलने में मदद करता है। उम्मीद है यह टिप्स आपके लिए मददगार साबित होंगे और आप अपनी नई यूज्ड कार के साथ खुशियों भरा सफर शुरू करेंगे।