Vehicle scrap policy क्या है?
सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) ने जारी के अधिसुचना के नुसार 1 अक्टुबर, 2024 के बाद 15 साल पुराने वाहनोंके लिए भारत सरकार ने पुरानी वाहनों के लिए Vehicle scrap policy जारी की है। जिसके मुताबिक ATS (Automate Testing Station) द्वारा फीटनेस सर्टीफिकेट लेना अनिवार्य है। जो वाहन इस टेस्ट मे फेल होगी वह स्क्रॅप करना अनिवार्य रहेगी।
What is the meaning of voluntary vehicle scrappage policy? (VVMP)
पुरानी वाहनों के वजह से होनेवाला प्रदुषण रोकने के लिए अयोग्य (unfit) वाहनों और प्रदुषण करने वाले वाहनों को चलने से रोककर उनको scrap करने के लिए vehicle scrap policy जारी की है। उसके तहत स्वैच्छिक वाहन-बेड़ा आधुनिकीकरण कार्यक्रम Voluntary vehicle-fleet Modernization Program (VVMP) कहा जाता है।
इस काय्रक्रम का मुख्य उद्देश
- करीबन 1 करोड वाहन जो फिट नही है और उनका रजिस्ट्रेशन नही करवाया गया है। ऐसे वाहनों को (scrap) स्क्रॅप किया जाये।
- Auto Industries – वाहन उदयोग क्षेत्र मे रोजगार बढाने के लिए उनकी बिक्री बढना जरुरी है। जब पुराने वाहन स्क्रॅप (scrap) मे जायेगी तो लोग नई खरीदेंगे।
- पुराने वाहन मायलेज कम देते है। इसी कारन इंधन जादा खत्म होता है। जैसे ही वाहन पुराने होते है, उनकी मेंटेनन्स का खर्च बढ जाता है। उपभोक्ता का खर्च कम हो सकता है।
- जो विदयमान स्क्रॅप (scrap) पॉलीसी है, उसे एक नया रुप देकर उस इंडस्ट्री को बढावा मिलेगा।
- इये वाहन की मांग बढने पर उसपर निर्भर अन्य उदयोग जैसे स्टील, इलेक्ट्रॉनिक्स और कच्चे माल की उपलब्धता करने वाले उदयोग इनकी मांग बढेगी।
What is Benefit of Scraping policy?
इस पॉलीसी के फायदे क्या है।
पुरानी गाडी के कारण होने वाली प्रदुषण की 15 से 20 प्रतिशत घटौती होगी। सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार का के मुताबिक पुरानी 1 ट्रक/बस/ट्रेलर (heavy vehicle) 14 नये ट्रक मे बराबर उत्सर्जन करता है। और पुरानी LMV (Light Moter Vehicle) कार/जीप इ. 1 पुरानी कार 11 नयी कारें के बराबर उत्सर्जन करती है।
इस पॉलीसी के तहत 45 लाख मध्यम और भारी वाहन स्क्रॅप मे जायेंगे। और LMV (Light Moter Vehicle) कार/जीप इ 75 लाख स्क्रॅप करनी होगी। यह आंकडा देख कर ऐसा लगता है की, आनेवाले कुछ ही सालों मे भारत के सडक पर नई कारे जादा दिखाई देगी। और हवा और आवाज का प्रदुषण मे कमी आ सकती है।
लेकीन भारत की बढती आबादी और प्रतीव्यक्ती बढती आय को देखते इस पॉलीसी से कितना फायदा होने वाला है, ये तो आनेवाले कुछ सालो मे पता केंद्रीय चल जायेगा।
Which cars will be scrapped in India?
सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) की 24 नवम्बर, 2022 की अधिसूचना के नुसार केंद्रीय सभी सरकारी वाहन जो 15 साल हो चुके है, उन्हे 1 अप्रैल, 2023 के बाद स्क्रॅप करा दिया जायेगा। जिनमे निचे दिये गये विभाग आते है।
1 केंद्र सरकार और उसके विभाग
- राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों और उनकके विभाग
- स्थानीय सरकारी संस्थाओं, अर्थात नगर निगम या नगर पालिकाएँ या पंचायतें
- राज्य परिवहन उपक्र्रम
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम
- केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के संबध्द स्वायत्त निकाय
Automated testing stations in India
अब सभी वाहनों को ATS (Automoted Testing Station) द्वारा फीटनेस सर्टीफिकेट लेना अनिवार्य है। वाणिज्य वाहन(commercial vehicle) के पंजीकरण का फीटनेस प्रमाणपत्र से लिंक किया जायेगा। और पहले 8 साल तक हर दो-दो सालों मे और उसके बाद हर साल फीटनेस टेस्ट करना अनिवार्य है।
क्या मैं भारत में 15 साल पुरानी कार खरीद सकता हूं?
लेकीन (private) निजी वाहनों के लिए 15 साल के बाद फीटनेस सर्टीफीकेट लेना अनिवार्य है। पंधरह साल के बाद अगर फीटनेस सर्टीफिकेट अगले 5 सालों के लिए दिया जायेगा। 1एप्रैल, 2023 से भारी वाणिज्य वाहन (Heavy Commercial Vehicle) के मालिक को फीटनेस सर्टीफिकेट ATS (Automoted Testing Station) द्वारा फीटनेस सर्टीफिकेट लेना अनिवार्य किया था। और अन्य वाहन जैसे वाणिज्य वाहन और निजी वाहनों के लिए 1 जुन, 2023 से ATS (Automoted Testing Station) द्वारा फीटनेस सर्टीफिकेट लेना अनिवार्य है।
लेकीन देशभर मे केवल उत्तराखंड और गुजरात इन 2 राज्योंमे ATS (Automoted Testing Station) शुरु हो चुकी है। इसलिए 29 मार्च, 2023 के अधिसुचना के अनुसार 15 साल पुराने (commercial) वाणिज्य वाहनों को फीटनेस टेस्ट करने और रिनीवल करने के लिए देश मे पर्याप्त ATS (Automoted Testing Station) उपलब्ध न होने के कारण सभी वाहनों के लिए 1 अक्टुबर, 2024 तक राहत दि गयी है। मतलब 1 अक्टुबर, 2024 के बाद सभी वाहनों को ATS (Automoted Testing Station) द्वारा फिटनेस टेस्ट करना अनिवार्य रहेगा।
Commercial vehicle (truck, bus, etc) वाणिज्य वाहनोंका रिनीवल करने के लिए कितना खर्च आता है?
वाहनों के प्रकार | 1 अप्रैल, 2023 के पहले का फीस | 1 अप्रैल, 2023 के बाद की फीस | ||
फीटनेस टेस्ट | रिनीवल की राशी | फीटनेस टेस्ट | रिनीवल की राशी | |
LMV (कार, जीप, इ.) | Rs.600 | Rs.200 | Rs.1000 | Rs.7500 |
Medium Goods/ Passanger vehicle (ट्रक, बस) | Rs.1000 | Rs.200 | Rs.1300 | Rs.10000 |
Heavy Goods/ Passanger vehicle(ट्रक, बस) | Rs.1000 | Rs.200 | Rs.1500 | Rs.12500 |
दिल्ली एनसीआर मे National Green Tribunal के आदेश नुसार पेट्रोल गाडी 15 साल के बाद और डिजेल गाडी 10 साल के बाद रिनीवल नही होती।
15 साल पुरानी गाड़ी का क्या होता है?
15 साल पुरानी वाहनों की एक बार टेस्ट करने के बाद अगर टेस्ट मे पास होती है तो उसको फीर से एक बार टेस्ट करने की अनुमती दि जाती है। और उसमे अगर पास हो जाती है तो अगले 5 साल तक उसकी परमिशन मिल जाती है। पर अगर टेस्ट मे फेल हो जाती है तुरन्त स्क्रॅप के लिए देना पडेगा।
15 साल पुराने निजी वाहनों का रिनीवल क्या हो जाता है?
15 साल पुराने (private) निजी वाहनों का रिनीवल के लिए कितना खर्च पडता है।
वाहनों के प्रकार | 1 अप्रैल, 2023 के पहले का फीस | 1 अप्रैल, 2023 के बाद की फीस | ||
फीटनेस टेस्ट | रिनीवल की राशी | फीटनेस टेस्ट | रिनीवल की राशी | |
LMV (कार, जीप, इ.) | 600 | 600 | 1000 | 5000 |
What is advantages of scrapping policy in India?
पॉलीसी के फायदे क्या है?
- पुराने वाहन को स्क्रॅप सेंटर पर स्क्रॅप करने और नई गाडी खरीदते है तो नई गाडी के ex-showroom price पर 4-6 प्रतीशत किमत मालिक को मिल सकता है।
- नयी गाडी की पंजीकरण फीस जो डिस्ट्रीब्युटर गाडी खरीदते समय लगाते है। उसपर छुट मिलेगी अगर पुरानी गाडी का स्क्रॅप सर्टीफिकेट देते है।
- नयी गाडी के किमत पर निजी वांहनों के लिए 25 प्रतिशत तक छुट मिल जायेगी। और कमर्शियल वाहनों के लिए 15 प्रतिशत छुट मिल जायेगी।
निष्कर्ष – Conclusion
भारत सरकार की इस वेबसाईट पर दी गयी सुचना के अनुसार 15 साल पुरानी गाडी लेना सही नही है। अगर आपका बजट कम है, और आपकी जरुरत के लिए लेना ही चाहते है तो कमसे कम दाम मे ले।अगर आपको पुरानी गाडी खरीदना है, तो आपको इसके सिवाए कौन कौन सी पाँईट चेक करना है ये चेक करे।