ड्रायविंग लायसेन्स टेस्ट देने के लिए नही जाना पडेगा RTO – Don’t need to driving licence test at RTO

driving licence test

                  Driving Learning licence के लिए परिवहन ऑफीस जाकर ड्रायविंग टेस्ट देने के लिए RTO जाने की जरुरत नही। जिस ट्रेनिंग स्कूल मे से ड्रायविंग सिख रहे है, उसी ट्रेनिंग स्कूल मे अब होगी टेस्ट। इसके लिए application for driving licence वेबसाईट पर ही करना है। जैसे की पहले www.parivahan.gov.in इस बेबसाईट पर आपको ॲप्लीकेसन करना पडेगा। इसके बाद documents देने के लिए RTO जाना होगा। लायसेंस के एप्रुवल के लिए RTO टेस्ट लेना जरुरी है। मतलब लर्निंग लाससेंस निकलेके बाद आप अच्छी तरह ट्रेनिंग ले। और फिर RTO जाकर बाकी प्रोसेस पुरा करे।

                  कम उमर मे पेरेंट अपनी बच्चे को गाडी चलाने के लिए देते है। इसी कारण हादसा होते है। इसलिए अब जुर्माना बढाया गया है। नाबालीक गाडी चलाते समय पकडने जानेपर 25 हजार तक जुर्माना है। इसके साथ गाडीका रजिस्ट्रेशन भी कॅन्सल किया जायेगा। और नाबालीक को 25 उमर तक कोई लायसेंस नही दिया जायेगा।

लायसेंस के लिए कितनी घंटो की ट्रेनिंग आवश्यकता है

LMS (Light Motor Vehicle) लायसेंस के लिए 29 घंटे 4 हप्तोंमे पुरी करनी होगी। जिसमे 8 घंटे थिअरी और बाकी प्रेक्टीकल गाडी चलाने की शिक्षा का प्रशिक्षण आवश्यक बताया गया है।

HMV (Heavy Motor Vehicle) – लायसेंस के लिए 6 हप्तों मे 38 घंटे का प्रशिक्षण अनिवार्य बताया गया है। जियमे 8 घंटोंकी थिओरी के साथ 31 घंटों की प्रॅक्टिकल प्रशिक्षण अनिवार्य है।

ड्रायविंग स्कुल मे प्रशिक्षण के लिए कितनी जगह जरुरी है

4 Wheelers चलाने की शिक्षा के लिए 2 एकड़ जमीन जरुरी है। प्रशिक्षण देनेवाले को भी डिप्लोमा तक शिक्षा और 5 साल का अनुभव अनिवार्य बताया गया है।

Learning licence और permanent licence वाहन चलाने के लिए अनिवार्य है। नाबालीक बच्चे को कभी कभी वाहन चलाने ना दे। जुर्माना भरना पडेगा। परिवहन के नियमों का पालन करे।