Tyre care of car –  गाडी  के टायर और हमारी सुरक्षिता।

गाडी चलानेसे पहले आपने यह चिजे जाँच ली है। check point before driving?

 टायर

क्या आपकी गाडी सुरक्षित है?

              सडक दुर्घटना की कई वजह हो सकती है। जैसे की ओवरटेक गलत तरीके से करना। जरुरत से जादा स्पीड के कारण ड्रायवर का कंट्रोल खो देना।  टायर के फटनेसे गाडी की दुर्घटना। वाहन चलाने वाले ड्रायवर अगर नियमों का पालन करते है, और सावधानी से वाहन चलाते है, तो होनवाली दुर्घटना काफी मात्रा मे कम हो सकती है। भारत मे टायर के फटनेसे कार की दुर्घटना होती है? क्या वजह होती है। कभी सोचा है। केवल टायर की क्वालीटीही नही बल्की कुछ चीजें हमे भी ध्यान देना जरुरी है।

गाडी के टायर कब बदलना चाहिये? When tyre change?

               आज हम बात कर रहे है। टायर के फटनेके कारण होनेवाली दुर्घटना। दोस्तो सोशल मिडीयापर आपने कई बार ऐसे दुर्घटना की विडीओ देखी होगी। लेकीन अगर थोडासा ध्यान दे कर अपने वाहन के टायर जाँच करते है, तो शायद ऐसी दुर्घटना से बच सकते है। टायर फटने के कई कारण होते है। जैसे की टायर पुरा घीसा हुआ है। टायर मे हवा कम है। टायर की क्वालीटी निजी स्तरपर है। रिमोल्ड टायर इस्तेमाल करना। यह सब जानने के लिए हमे टायर किस तरह जाँच लेना है, इसकी जानकारी होनी चाहीए।

क्या आपने कभी इसपर गौर से देखा है। टायर जो अंक होते है, उनका मतलब क्या होता है?

tyre mfg date

life of car tyres

टायर अंक होते है। जो टायर की बनाई तारीख होती है। जैसे की 0222 इस चार अंक मे पहले वाले दो अंक सप्ताह बताते है, और बाकी दो अंक साल के होते है। इस अंक मे 02 यानी साल का दुसरा सप्ताह जनवरी  का दुसरा सप्ताह और साल 2022। नयी टायर खरीदनेसे पहले इस पर ध्यान दे। दो साल से जादा पुराना टायर ना खरीदे।

           इसके अलावा हर कंपनी के टायर पर एक निशान (thread) होता है। टायर के डीजाईन मे (thread) जो खाई जैसा होता उसमे एक निशान बनाया जाता है। करीबन 1.6 mm की होती है। इसका मतलब यह होता है, की जब टायर घीसता है तो इस निशान तक घीसने पर टायर बदलना जरुरी है। लेकीन अगर यह थ्रेड सही है पर टायर की बनाई तारीख 2 साल से जादा है तो यह टायर भी लायक नही है।

Tyre life of car in km

करीबन 50  हजार गाडी की रनींग के बाद टायर अवश्य जाँच ले।

Tyre puncture

           आज कल तो हर गाडी मे टयुबलेस टायर का इस्तेमाल करते है। कई बार नोक वाली चीज के वजह से टायर पंक्चर होते है। पंक्चर निकालने के बाद टायर इस्तेमाल होता है। लेकीन अगर 4-5 पंक्चर है, तो टायर बदलना ही समझदारी है। टायर का पंक्चर अगर साईड मे है, तो टायर ब्लास्ट होने  की संभावना होती है। हमेशा अपनी कार मे पंक्चर निकालने वाला किट रखे। ताकि लंबे सफर या जहाँपर गैरेज की सुविधा नजदीक ना हो वहाँ उपयोग हो सकता है।

Tyre air

टायर मे हवा सही मात्रा मे रखना जरुरी है। टायर मे नायट्रोजन गैस या नॉर्मल हवा भरी जाते है। इस वेबसाईट पर आपको जादा जानकारी मिलेगी।

 टायर के अच्छी सेहत के लिए हवा सही मात्रा मे रखना जरुरी होता है। इसलिए अपनी गाडी मे टायर inflator है तो आसान होगा।  आप कभी भी टायर की हवा जाँच सकते है।

Tyre size

इसके अलावा टायर पर अन्य अंक होते है जो टायर का साईज दिखाते है। जैसे की 177/55। इसका मतलब है, इस टायर का पुरा लंबाई 177mm और चौडाई 55mm है। ध्यान रखे गाडी के टायर जो कंपनी ने बताई है वही साईज के इस्तेमाल करे। कई बार जुगाड कर साईज अलग अलग साईज के टायर डाले जाते है। इस कारण गाडी का नुकसान हो सकता है।

साईड से अगर छोटे छोटे क्रैक आ चुके है, तो  भी टायर बदल देना सही है। क्यूँकी ऐसी टायर रनिंग पर फटने की संभावना जादा होती है। जादा तर टायर अपनी नजदीके व्यापारी से खरीदे। ऑनलाईन खरीदनेपर खराब भी आ सकता है। सीधे डीलरसे खरीदने से देखकर ले सकते है। सस्ता है इसलिए ऑनलाईन मंगवॉनेसे  नुकसान भी हो सकता है।

Spare tyre

      जादातर गाडी मे स्पेअर टायर होते है। लेकीन इस टायर पर ध्यान न देने के कारण जब काम निकलता है, तो पता चलता है, की टायर मे हवा ही नही है। या फिर पंक्चर है। तो इस टायर का भी ध्यान रखना जरुरी है।

             आपके क्षेत्र के मौसम का भी असर पडता है। ठंड की जगह टायर की आयु जादा होती है। वही गरमी मे टायर जादा खराब होते है। गरमी मे टायर और रास्ते से घिसने से जादा मात्रा मे गर्मी का निर्माण होता है। जिसका असर टायर के रबड पर पडता है।

गाडी की ड्रायव्हिंग पर भी निर्भर होता है। अगर गाडी तेज चलाते है और अचानक ब्रेक दबाते है। और इस तरह का बर्ताव हमेशा है, तो टायर घीस कर जल्द खराब हो जाते है। नयी कारों मे तो टायर मोनिटेरींग सिस्टीम दिया जाता है। जिसे हमे डॅशबोर्ड पर टायर की कुछ समस्या हो तो दिखाई जाती है। लेकीन यह सुविधा पुरानी गाडी मे नही है।

पुरानी कार खरीदने से पहले इसके अलावा 16 मुद्दे जाँच ले।

Conclusion :  करीबन 50  हजार गाडी की रनींग के बाद टायर अवश्य जाँच ले। लंबी सफर मे जाने से पहले एक बार सभी चीजें सहीसे देख ले। टायर अगर 4-5 बार पंक्चर है, तो बदलना जरुरी है। टायर पंक्चर निकलने वाला किट हमेशा अपनी गाडी मे रखे। पुराना और रिमोल्ड  टायर का इस्तेमाल ना करे।